श्रीनगर गढ़वाल: एसएसबी गुरिल्ला संगठन के सदस्यों ने स्थायी नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर आज गढ़वाल मंडल में आपातकालीन बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश संयोजक सुमित चौधरी और प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट ने की। बैठक में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला समेत कई पदाधिकारी और सैकड़ों गुरिल्ला शामिल हुए।
गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि वे पिछले 18 सालों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। मणिपुर के गुरिल्लाओं को 2004 में नौकरी और पेंशन का लाभ मिल चुका है, लेकिन उत्तराखंड के गुरिल्लाओं की फाइलें अब भी लंबित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार अनदेखी कर रही है, जिससे संगठन के सदस्यों में गहरा आक्रोश है।
वार्ताओं का कोई नतीजा नहीं
पदाधिकारियों ने बताया कि 20 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री ने 18 सचिवों के साथ बैठक कर गुरिल्लाओं की समस्याओं का समाधान निकालने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा, 2 सितंबर 2024 को सीएम आवास कूच के दौरान गृह सचिव रिद्धिमा अग्रवाल ने 48 घंटे में फाइलों पर कार्रवाई का भरोसा दिया था, लेकिन तीन महीने बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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15 दिसंबर तक का अल्टीमेटम
प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला और संयोजक सुमित चौधरी ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिसंबर तक गुरिल्लाओं को नौकरी और पेंशन नहीं दी गई, तो 17 दिसंबर को सभी गुरिल्ला देहरादून कूच करेंगे। 18 दिसंबर से सीएम आवास के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा।
“स्थिति बिगड़ सकती है”
मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो उत्तराखंड की स्थिति भी जम्मू-कश्मीर या छत्तीसगढ़ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों जैसी हो सकती है। उन्होंने राज्य की शांति बनाए रखने के लिए सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।
बैठक में सैकड़ों गुरिल्ला हुए शामिल
बैठक में गढ़वाल मंडल के विभिन्न ब्लॉकों के पदाधिकारी, महिला मोर्चा की सदस्य, और सैकड़ों गुरिल्ला उपस्थित थे। सभी ने सामूहिक रूप से 19 तारीख को आत्मदाह की चेतावनी भी दी, यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया।
बैठक में शामिल व्यक्तियों में खिशु के ब्लॉक अध्यक्ष खुशाल सिंह पवार, कीर्ति नगर के ब्लॉक उपाध्यक्ष बृजमोहन गोसाई, संयोजक राजेंद्र भंडारी, महिला मोर्चा की अध्यक्ष विजय लक्ष्मी भट्ट, राजकुमारी नेगी, सूरत सिंह मेहर, पूर्ण सिंह, मधुसूदन बंगवाल, लक्ष्मी देवी भट्ट, जसवंती देवी, नागेंद्र प्रसाद कोडियाल, गोदावरी देवी, हिम्मत सिंह, महेश्वरी देवी, सुदामा लाल, उज्जवल दास, प्रताप सिंह मियां, गुमान लाल, जवाहर सिंह बिष्ट, राजकुमारी, बीना देवी, राजेश्वरी, नरेंद्र नागड, जसपाल सिंह बिष्ट, श्याम दास, प्रेम सिंह भंडारी, बचन सिंह रावत, तिपेन श्याम भंडारी, प्रेम सिंह रावत, अनिल लखेड़ा, विमला देवी, बसंतु लाल, मोहनलाल, राकेश कुमार बहुगुणा, कन्हैया लाल, दयाल सिंह, सुंदरमणी पोखरियाल, आनंद लाल, राय सिंह, बलवीर लाल, लक्ष्मण सिंह, बुद्धी देवी, कुसुम देवी, रमेश दत्त लखेड़ा, और सौरा देवी आदि उपस्तिथ रहे ।
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