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Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में ठंड का असर अब साफ दिखने लगा है। मसूरी और मुक्तेश्वर जैसे हिल स्टेशनों पर पारा फ्रीजिंग प्वाइंट से नीचे पहुंच चुका है, और ठंडी हवाओं ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। नवंबर के सूखे के बाद दिसंबर का महीना भी सूखी ठंड लेकर आया है। जहां एक ओर ठंड का मजा लेने वाले पर्यटक पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं, वहीं किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए ये मौसम चिंता का सबब बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में इस हफ्ते बारिश या बर्फबारी के आसार नहीं हैं। सूखी ठंड का असर आम लोगों की सेहत पर दिख रहा है। सर्दी, जुकाम और वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पहाड़ों पर तापमान के माइनस में जाने से झरने और पानी के स्रोत जम चुके हैं, जिससे लोगों को पानी की किल्लत भी झेलनी पड़ रही है।
मसूरी, जो हमेशा से ठंड के लिए प्रसिद्ध है, में न्यूनतम तापमान -1° सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, मुक्तेश्वर भी -1° सेल्सियस तापमान के साथ ठंड के चरम पर है। नैनीताल में न्यूनतम तापमान 3° सेल्सियस और रानीखेत में 1° सेल्सियस दर्ज किया गया। इन इलाकों में सुबह-सुबह धुंध और बर्फीली हवाएं चल रही हैं, जो ठंड का एहसास और बढ़ा रही हैं।
देहरादून और हरिद्वार जैसे मैदानी इलाकों में धुंध का असर देखा जा रहा है। देहरादून में आज अधिकतम तापमान 23° सेल्सियस और न्यूनतम 10° सेल्सियस दर्ज किया गया। हरिद्वार, काशीपुर, और हल्द्वानी में तापमान लगभग समान है, जहां दिन में हल्की गर्माहट और रात में सर्द हवाएं लोगों को कंपा रही हैं।
बारिश और बर्फबारी की कमी ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। फसलों को पर्याप्त नमी न मिलने से उत्पादन पर असर पड़ सकता है। वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि शुष्क मौसम अभी कुछ दिनों तक जारी रहेगा।
उत्तराखंड की ठंड ने भले ही कड़ाके का रूप ले लिया हो, लेकिन पर्यटकों के लिए यह समय पहाड़ों की बर्फीली वादियों का आनंद लेने का सबसे अच्छा मौका है। वहीं, स्थानीय निवासियों और किसानों के लिए यह मौसम धैर्य और सावधानी की परीक्षा है।
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