बैठक में तीन सूत्रीय मांगों पर चर्चा
वाडवाला मैदान में कालसी, चकराता और त्यूड़ी तहसीलों के गुरिल्लाओं की बैठक में सरकार की निष्क्रियता पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक में मुख्य मांगों पर जोर दिया गया:
- 2011 की सिफारिशों का क्रियान्वयन: 9 मई 2011 को एसएसबी द्वारा भेजी गई सिफारिशों को जल्द लागू किया जाए।
- वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल करना: गुरिल्लाओं को इस योजना में रोजगार और हिस्सेदारी दी जाए।
- मणिपुर मॉडल की तर्ज पर समाधान: गुरिल्लाओं के मुद्दों का समाधान मणिपुर की तर्ज पर किया जाए।
तीन महीने से सरकार के आश्वासन अधूरे
प्रदेश सह सचिव यशपाल सिंह चौहान ने बताया कि तीन महीने पहले मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान गृह सचिव रिद्धिमा अग्रवाल ने 48 घंटे में समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे गुरिल्लाओं में भारी नाराजगी है।
आंदोलन की चेतावनी
बैठक में कई गुरिल्लाओं ने चेतावनी दी कि अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो आत्मदाह जैसे कदम उठाए जाएंगे। ब्लॉक अध्यक्ष बहादुर सिंह पंवार, चरण सिंह चौहान और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि यह संघर्ष अंतिम और निर्णायक होगा। गुरिल्लाओं ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यदि किसी ने निराशा में कोई गलत कदम उठाया, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
सरकार से अपील
गुरिल्लाओं ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपील की है। साथ ही चेतावनी दी है कि उनकी मांगों की अनदेखी उत्तराखंड में बड़ा जन आंदोलन खड़ा कर सकती है।
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