
Jayanti 2026: जानें साल 2026 की प्रमुख जयंती और उनके शुभ तिथि विवरण
Jayanti 2026: भारतीय संस्कृति में जयंती केवल तिथियों का संकलन नहीं है, बल्कि यह उन महान विभूतियों और देवी-देवताओं की स्मृति में मनाए जाने वाले शुभ अवसर हैं, जिन्होंने समाज, धर्म और संस्कृति में अमिट छाप छोड़ी है। साल 2026 में भी कई महत्वपूर्ण जयंती मनाई जाएंगी, जिनमें आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व छिपा है। इन खास दिनों पर श्रद्धालु पूजा-अर्चना के साथ भक्ति और आदर व्यक्त करते हैं।
जयंती 2026: Jayanti 2026
आइए, 2026 में आने वाली प्रमुख जयंती और उनके महत्व के बारे में विस्तार से जानें।
जनवरी जयंती 2026: January Jayanti 2026
- 3 जनवरी 2026 – शकंभरी जयंती
- 9 जनवरी 2026 – रामानंदाचार्य जयंती
- 12 जनवरी 2026 – स्वामी विवेकानंद जयंती
फरवरी जयंती 2026: February Jayanti 2026
- 1 फरवरी 2026 – श्री ललिता जयंती, संत रविदास जयंती
- 9 फरवरी 2026 – साईं बाबा जयंती
- 11 फरवरी 2026 – समर्थ गुरु रामदास जयंती
- 12 फरवरी 2026 – महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती
- 15 फरवरी 2026 – श्री वैद्यनाथ जयंती
- 19 फरवरी 2026 – रामकृष्ण परमहंस जयंती
- 22 फरवरी 2026 – महर्षि याज्ञवल्क्य जयंती
मार्च जयंती 2026: March Jayanti 2026
- 2 मार्च 2026 – श्री चैतन्य महाप्रभु जयंती
- 5 मार्च 2026 – संत तुकाराम जयंती
- 20 मार्च 2026 – झूलेलाल जयंती
- 21 मार्च 2026 – मत्स्य जयंती
- 26 मार्च 2026 – श्री राम जयंती, महातारा जयंती
अप्रैल जयंती 2026: April Jayanti 2026
- 2 अप्रैल 2026 – हनुमान जयंती
- 5 अप्रैल 2026 – अनसूया जयंती
- 13 अप्रैल 2026 – वल्लभाचार्य जयंती
- 17 अप्रैल 2026 – श्री शुकदेव जयंती
- 19 अप्रैल 2026 – परशुराम जयंती
- 20 अप्रैल 2026 – मातंगी जयंती
- 21 अप्रैल 2026 – शंकराचार्य जयंती, सूरदास जयंती
- 22 अप्रैल 2026 – रामानुजाचार्य जयंती (दक्षिण भारत)
- 23 अप्रैल 2026 – गंगा जयंती
- 24 अप्रैल 2026 – बगलामुखी जयंती
- 25 अप्रैल 2026 – जानकी जयंती
- 30 अप्रैल 2026 – श्री नृसिंह जयंती, छिन्नमस्ता जयंती
मई जयंती 2026: May Jayanti 2026
- 1 मई 2026 – श्री कूर्म जयंती, बुद्ध जयंती
- 3 मई 2026 – श्री नारद जयंती
- 16 मई 2026 – श्री शनैश्चर जन्म दिवस
जून जयंती 2026: June Jayanti 2026
- 22 जून 2026 – धूमावती जयंती
- 29 जून 2026 – कबीरदास जयंती
जुलाई जयंती 2026: July Jayanti 2026
- 13 जुलाई 2026 – संत तुकाराम जयंती
- 23 जुलाई 2026 – बाल गंगाधर तिलक जयंती
अगस्त जयंती 2026: August Jayanti 2026
- 17 अगस्त 2026 – संत ज्ञानेश्वर जयंती
- 18 अगस्त 2026 – कल्कि जयंती
- 19 अगस्त 2026 – तुलसीदास जयंती
- 28 अगस्त 2026 – गायत्री जयंती
Propose Muhurat 2026: जानें अपने प्यार का इज़हार करने के प्रोपोज़ मुहूर्त 2026 की तिथि और समय
सितंबर जयंती 2026: September Jayanti 2026
- 4 सितंबर 2026 – मां आद्या काली जयंती
- 5 सितंबर 2026 – श्री कृष्ण जयंती
- 13 सितंबर 2026 – श्री वराह जयंती
- 19 सितंबर 2026 – दधीचि जयंती
- 23 सितंबर 2026 – वामन जयंती
- 26 सितंबर 2026 – भुवनेश्वरी जयंती
अक्टूबर जयंती 2026: October Jayanti 2026
- 9 अक्टूबर 2026 – कात्यायनी जयंती
- 11 अक्टूबर 2026 – अग्रसेन जयंती
- 21 अक्टूबर 2026 – माधवाचार्य जयंती
- 26 अक्टूबर 2026 – बाल्मीकि जयंती
नवंबर जयंती 2026: November Jayanti 2026
- 7 नवंबर 2026 – हनुमान जयंती (कार्तिक)
- 9 नवंबर 2026 – कमला जयंती
- 20 नवंबर 2026 – कालिदास जयंती
दिसंबर जयंती 2026: December Jayanti 2026
- 7 दिसंबर 2026 – श्री बालाजी जयंती
- 9 दिसंबर 2026 – विश्वकर्मा जयंती
- 20 दिसंबर 2026 – गीता जयंती
- 23 दिसंबर 2026 – षोडशी त्रिपुर जयंती, अन्नपूर्णा जयंती, श्री दत्तात्रेय जयंती
Vrat 2026: जानें पूरे साल के प्रमुख व्रत और त्योहार
- शकंभरी जयंती क्यों मनाई जाती है?
शकंभरी जयंती देवी शकंभरी के सम्मान में मनाई जाती है, जो देवी दुर्गा का एक अवतार हैं। माना जाता है कि जब पृथ्वी पर भयंकर अकाल पड़ा था, तब देवी शकंभरी ने अपने शरीर से सब्जियां, फल, और अन्न उत्पन्न कर लोगों की भूख मिटाई थी। उनका नाम “शकंभरी” इसीलिए पड़ा, क्योंकि उन्होंने शाक (सब्जी) प्रदान करके जीवन बचाया। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, देवी की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह पर्व हमें प्रकृति के संरक्षण और करुणा की भावना को अपनाने की सीख देता है। - स्वामी विवेकानंद की जयंती क्यों महत्वपूर्ण है?
स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। 1893 में शिकागो में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण ने भारत को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित किया। वे युवाओं को आत्मनिर्भर बनने, अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देते हैं। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं, जो युवाओं को जीवन में अनुशासन, समर्पण और राष्ट्र निर्माण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। - संत रविदास की जयंती का क्या महत्व है?
संत रविदास की जयंती भक्ति आंदोलन के महान संत रविदास जी की स्मृति में मनाई जाती है। उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत और जात-पात के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनके दोहे और रचनाएं आज भी सामाजिक समानता और प्रेम का संदेश देती हैं। इस दिन उनके अनुयायी गंगा स्नान करते हैं, कीर्तन और सत्संग करते हैं, और उनके उपदेशों को आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं। संत रविदास की जयंती सामाजिक सुधार, समरसता और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है। - हनुमान जयंती पर क्या विशेष किया जाता है?
हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। श्रद्धालु बजरंग बली के समक्ष अपनी कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से साहस, बल और भक्ति की प्राप्ति होती है। यह पर्व हमें निडरता, सेवा और निस्वार्थता की भावना अपनाने की प्रेरणा देता है। - परशुराम जयंती क्यों मनाई जाती है?
परशुराम जयंती भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। वे न्याय, शस्त्रविद्या और धर्म रक्षा के प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन लोग विशेष पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और उनके साहस व त्याग की गाथाओं को याद करते हैं। परशुराम जी ने अधर्म और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिससे वे आज भी शक्ति और संघर्ष के प्रतीक माने जाते हैं। - कबीर जयंती पर कबीरदास जी को क्यों याद किया जाता है?
कबीर जयंती महान संत और कवि कबीरदास की स्मृति में मनाई जाती है। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास, पाखंड और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनकी रचनाएं प्रेम, सादगी और मानवता का संदेश देती हैं। इस दिन उनके दोहों का पाठ किया जाता है, और उनके विचारों को आत्मसात करने का प्रयास किया जाता है। कबीरदास की शिक्षाएं आज भी समाज को नई दिशा देने का कार्य करती हैं। - गायत्री जयंती का क्या महत्व है?
गायत्री जयंती को मां गायत्री की आराधना के लिए मनाया जाता है। गायत्री मंत्र को ब्रह्मांड का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है, जो आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्रदान करता है। इस दिन लोग विशेष पूजा करते हैं, यज्ञ करते हैं और ध्यान साधना करते हैं। माना जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। - तुलसीदास जयंती क्यों मनाई जाती है?
तुलसीदास जयंती महान कवि गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में मनाई जाती है, जिन्होंने रामचरितमानस की रचना की थी। उनकी रचनाएं भक्ति, प्रेम और आदर्श जीवन के मार्गदर्शन का प्रतीक हैं। इस दिन उनके भक्त रामायण का पाठ करते हैं और उनके विचारों को अपनाने का संकल्प लेते हैं। तुलसीदास जी की काव्य रचनाएं आज भी लोगों को सही राह दिखाती हैं। - वाल्मीकि जयंती का क्या महत्व है?
वाल्मीकि जयंती महर्षि वाल्मीकि के सम्मान में मनाई जाती है, जिन्होंने संस्कृत में रामायण की रचना की थी। वे आदर्श जीवन, सत्य और धर्म के प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन लोग उनके आदर्शों को याद करते हैं और रामायण का पाठ करते हैं। उनकी जीवनगाथा प्रेरणा देती है कि कोई भी इंसान अपनी गलतियों को सुधारकर महान बन सकता है। - गीता जयंती क्यों मनाई जाती है?
गीता जयंती उस शुभ दिन की याद में मनाई जाती है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के युद्धक्षेत्र में गीता का उपदेश दिया था। भगवद गीता जीवन जीने की कला सिखाती है और धर्म, कर्म और भक्ति के गूढ़ रहस्यों को प्रकट करती है। इस दिन लोग गीता का पाठ करते हैं और उसके ज्ञान को जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं।
2026 में आने वाली जयंती न केवल श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि ये हमें महान संतों, देवी-देवताओं और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर देती हैं। ये दिन हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं। क्या आप इनमें से किसी विशेष जयंती के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं? कमेंट करके बताएं!
आज ही प्लान करें, विवाह मुहूर्त 2026 में कब करनी है शादी
अगर आपको जयंती 2026से सम्बंधित यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे Facebook | Twitter | Instagram व | Youtubeको भी सब्सक्राइब करें