
4th House in Kundli: कुंडली में चतुर्थ भाव
4th House in Kundli: जन्म कुंडली (Birth Chart) हमारे जीवन का वह खाका है, जो हमारे जन्म के समय आकाश में ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है। यह केवल ग्रहों की स्थिति नहीं, बल्कि हमारे व्यक्तित्व, सोचने के तरीके और जीवन की दिशा को भी दर्शाता है। ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के बारह भाव (12 Houses) हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। इनमें से चतुर्थ भाव (4th House) हमारे घर, परिवार, मां, जड़ों और भावनात्मक सुरक्षा को दर्शाता है। आइए, इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि चतुर्थ भाव का हमारे जीवन में क्या महत्व है और इस भाव में स्थित ग्रह किस तरह के प्रभाव डालते हैं।
चतुर्थ भाव का अर्थ (Meaning of 4th House in Kundli)
चतुर्थ भाव को बंधु भाव (Bandhu Bhava) कहा जाता है। यह हमारे मूल स्थान, माता, परिवार, घर, भूमि और जड़ों से जुड़े मामलों को दर्शाता है। यह भाव हमारी भावनात्मक स्थिति, मानसिक शांति और घरेलू जीवन की ओर इशारा करता है।
इस भाव का संबंध कर्क राशि (Cancer Sign) और इसके स्वामी चंद्रमा (Moon) से होता है, जो भावनात्मकता, संवेदनशीलता और मातृत्व का प्रतीक है।
चतुर्थ भाव किन चीजों को दर्शाता है?
- माता और मातृप्रेम
- पैतृक संपत्ति, भूमि, वाहन
- घर का वातावरण और सुख-सुविधाएं
- मानसिक शांति, सुरक्षा और भावनात्मक स्थिरता
- जातक के मूल स्थान, परिवार और परंपराओं से जुड़ाव
- पुराने रिश्ते और जड़ें
चतुर्थ भाव में ग्रहों के प्रभाव (Planets in 4th House):
सूर्य (Sun in 4th House):
सूर्य का चतुर्थ भाव में होना जातक को आत्मविश्वासी बनाता है। ऐसे लोग घर और परिवार के प्रति जिम्मेदार होते हैं, लेकिन कभी-कभी अहंकारी हो सकते हैं। मां से संबंध मधुर हो सकते हैं, परंतु अहंकार के कारण तनाव भी संभव है।
चंद्रमा (Moon in 4th House):
चंद्रमा का चतुर्थ भाव में होना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे लोग भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं और अपनी मां से विशेष लगाव रखते हैं। इनका मन हमेशा घर-परिवार की ओर झुका रहता है।
शनि (Saturn in 4th House):
शनि यहां पर जातक को अनुशासित और जिम्मेदार बनाता है। ऐसे लोग परिवार की देखभाल में आगे रहते हैं, लेकिन बचपन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। घर में कठोर अनुशासन हो सकता है।
मंगल (Mars in 4th House):
मंगल यहां जातक को साहसी और स्वतंत्र बनाता है। हालांकि, यह घर के माहौल में तनाव और वाद-विवाद को भी जन्म दे सकता है। भूमि और संपत्ति से जुड़े मामलों में संघर्ष हो सकता है।
गुरु (Jupiter in 4th House):
गुरु का इस भाव में होना अत्यंत शुभ होता है। ऐसे जातक परिवार के प्रति समर्पित होते हैं और उन्हें संपत्ति, वाहन और सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। गुरु की कृपा से माता का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।
शुक्र (Venus in 4th House):
शुक्र यहां जातक के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। ऐसे लोग घर की सजावट, कला और विलासिता के शौकीन होते हैं। पारिवारिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।
राहु (Rahu in 4th House):
राहु यहां जातक को रहस्यमयी और अस्थिर बनाता है। ऐसे लोग अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करते हैं। संपत्ति और माता से संबंधित विवाद हो सकते हैं।
केतु (Ketu in 4th House):
केतु यहां जातक को आध्यात्मिक बना सकता है। ऐसे लोग भौतिक सुखों से दूरी बना सकते हैं और अपने भीतर शांति की तलाश करते हैं। मां से संबंध सामान्य हो सकते हैं।
चतुर्थ भाव से जुड़े महत्वपूर्ण संकेत (Key Indicators of 4th House):
- माता का सुख: चतुर्थ भाव में शुभ ग्रह होने से मां का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- संपत्ति और वाहन: यह भाव पैतृक संपत्ति, भूमि और वाहनों से जुड़ा होता है।
- भावनात्मक सुरक्षा: मानसिक शांति, घर का माहौल और जातक की आंतरिक स्थिति इसी भाव से देखी जाती है।
- घरेलू जीवन: जातक का अपने परिवार और घरेलू जिम्मेदारियों के प्रति रवैया इस भाव से जाना जाता है।
चतुर्थ भाव (4th House in Kundli) हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। यह न केवल हमारी पारिवारिक पृष्ठभूमि और भावनात्मक सुरक्षा को दर्शाता है, बल्कि हमारे आंतरिक शांति और स्थिरता को भी परिभाषित करता है। इस भाव में उपस्थित ग्रह हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। अगर आप अपनी कुंडली में चतुर्थ भाव के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें।
Disclaimer: यदि आप अपनी कुंडली (Birth Chart) का सटीक विश्लेषण चाहते हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी (Astrologer) से परामर्श करें।
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