पौड़ी: स्पीक मैके संस्था की ओर से इंटर कॉलेज परसुंडाखाल और जीजीआईसी पैडुल में शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध ओड़िसी नृत्यांगना वृंदा चड्डा ने छात्रों को नृत्य के गुर सिखाए और भारतीय शास्त्रीय नृत्य की महत्वता पर चर्चा की।
वृंदा चड्डा ने कहा कि नृत्य केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि करियर के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। भारतीय शास्त्रीय नृत्यों का वैश्विक स्तर पर अपना अलग स्थान है।
मंगलवार को वृंदा चड्डा के जीजीआईसी पैडुल पहुंचने पर प्रधानाचार्य वंदना राणा, शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्राओं ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं से भारतीय नृत्य विधाओं के बारे में सवाल-जवाब किए और ओड़िसी नृत्य के वर्तमान स्वरूप और महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। वृंदा चड्डा की प्रस्तुतियों को छात्राओं ने बहुत सराहा।
श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद
प्रधानाचार्य वंदना राणा ने कार्यक्रम को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताते हुए स्पीक मैके संस्था और टीम के सदस्य परवेज़ अहमद का धन्यवाद किया। संचालन वंदना काला ने किया।
इससे पहले, वृंदा चड्डा का परसुंडाखाल इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य अंजू और स्टाफ ने स्वागत किया। यहां भी उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाओं की विस्तृत जानकारी दी और ओड़िसी नृत्य की प्रस्तुतियां देकर छात्रों को प्रशिक्षण दिया। प्रधानाचार्य अंजू ने कहा कि ओड़िसी नृत्य भारत की शास्त्रीय नृत्य विधाओं में एक अलग पहचान बना चुका है और यह न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है।
इस मौके पर जीजीआईसी पैडुल में ममता पंवार, नीलम मंमगाई, नैंसी, विजय गैराला, परसुंडाखाल में शिखा असवाल, पूनमलता, लक्ष्मण रावत, चंद्रपाल रावत, शैलेंद्र सिंह, सुरजी नेगी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
अगर आपको उत्तराखंड से सम्बंधित यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे Facebook | Twitter | Instagram व | Youtubeको भी सब्सक्राइब करें