
उत्तराखंड पेपर लीक केस: छात्रों ने उठाई CBI जांच की मांग, बॉबी पंवार ने लगाए गंभीर आरोप
देहरादून, 22 सितंबर 2025। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी देहरादून में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में बेरोजगार युवा परेड ग्राउंड पर जमा हुए और सरकार से पेपर लीक मामले की CBI जांच की मांग की। इस दौरान ‘पेपर चोर गद्दी छोड़’ जैसे नारों के बीच युवाओं ने अपना आक्रोश जाहिर किया।
परेड ग्राउंड में जुटा युवाओं का हूजूम (Uttarakhand Paper Leak Protest)
बेरोजगार संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में युवा सुबह से ही परेड मैदान में जुटने लगे। संघ ने पहले सचिवालय कूच का ऐलान किया था, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी और देहरादून शहर के कई इलाकों में धारा 163 बीएनएसएस लागू कर दी। नतीजा यह हुआ कि बेरोजगार सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया।
युवाओं का कहना था कि वे लंबे समय से सरकारी नौकरी पाने की उम्मीद में कठिन तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बार-बार होने वाले पेपर लीक उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार और आयोग बार-बार आश्वासन देते हैं, लेकिन नकल माफिया की पकड़ अब भी मजबूत है।
बॉबी पंवार के आरोप और खुलासे (Bobby Panwar’s Allegations)
इस आंदोलन में शामिल उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने भी कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पेपर केवल 11:35 बजे ही नहीं, बल्कि उससे पहले भी लीक हुआ था। उनके मुताबिक, सुबह 10 बजे परीक्षा केंद्र की दीवार के पीछे दो युवक प्रश्नपत्र हल कर रहे थे। इस घटना का चश्मदीद गवाह भी मौजूद है।
बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि सफेदपोश लोग और कुछ अधिकारी नकल माफियाओं से मिलीभगत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब भर्ती परीक्षाएं होती हैं, पेपर लीक का खेल सामने आ जाता है और प्रशासन सिर्फ लीपापोती करता है। इस बार भी आयोग और पुलिस युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।
देहरादून में बेरोजगार संघ का प्रदर्शन आज, प्रशासन ने लगाई धारा 163
युवाओं का गुस्सा और दर्द (Aspirants’ Anger and Disappointment)
परेड ग्राउंड में धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने भी अपनी पीड़ा साझा की। नैनबाग से आए अभ्यर्थी अमन ने कहा—
“मैंने यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा दी थी और सोचा था कि यह मेरा आखिरी मौका है। पटेलनगर में किराए के कमरे में रहकर दिन-रात पढ़ाई की। लेकिन पेपर लीक की खबर सुनकर बहुत निराशा हुई। अब न्याय के लिए प्रदर्शन में शामिल होना पड़ा है।”
ऐसे ही कई अभ्यर्थियों का कहना था कि उनकी मेहनत को बार-बार बर्बाद किया जा रहा है। वे चाहते हैं कि इस पूरे मामले की जांच CBI से कराई जाए ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगे।
प्रशासन और पुलिस की तैयारी (Security Arrangements in Dehradun)
देहरादून में प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। शहर के घंटाघर, सचिवालय रोड, परेड ग्राउंड और कई अन्य इलाकों में धारा 163 लागू की गई। इसके चलते युवा आगे सचिवालय तक नहीं पहुंच पाए। एसएसपी अजय सिंह ने साफ किया कि परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाना जल्दबाजी होगी। उनकी शुरुआती जांच में किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता सामने नहीं आई है, हालांकि एक परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र की फोटो बाहर भेजे जाने की पुष्टि हुई है।
आगे की राह (Future of Uttarakhand Paper Leak Case)
बेरोजगार संघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और बड़ा रूप लेगा। उनका कहना है कि यह केवल युवाओं का आंदोलन नहीं बल्कि न्याय की लड़ाई है। वहीं, आयोग और पुलिस दावा कर रहे हैं कि जांच निष्पक्ष तरीके से चल रही है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
उत्तराखंड पेपर लीक विवाद अब एक बड़े जनांदोलन का रूप लेता जा रहा है। परेड ग्राउंड में जुटे युवाओं की गूंज ने साफ कर दिया है कि अब वे सिर्फ आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे। बेरोजगार संघ और अभ्यर्थी CBI जांच पर अड़े हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या लाखों युवाओं का भरोसा दोबारा कायम हो पाता है।
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