Uttarakhand news, देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने गुरुवार को मूल निवास और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर देहरादून में मुख्यमंत्री आवास तक तांडव रैली निकाली। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग पर तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई, जिसमें कुछ आंदोलनकारी चोटिल हो गए। पुलिस ने करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
विभिन्न जिलों से जुटे हजारों लोग
सुबह 11 बजे परेड ग्राउंड में उत्तराखंड आंदोलन के समर्थक, उक्रांद कार्यकर्ता और विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग बड़ी संख्या में जुटे। देहरादून के अलावा टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, विकासनगर, जौनसार और कुमाऊं से लगभग 2000 लोग इस रैली में शामिल हुए। दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया गया।
पुलिस बैरिकेडिंग पर धक्का-मुक्की
परेड ग्राउंड से एस्लेहॉल, राजपुर रोड और दिलाराम चौक होते हुए रैली हाथीबड़कला पहुंची, जहां पहले से मौजूद पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक लिया। इससे प्रदर्शनकारियों का आक्रोश बढ़ गया और वे बैरिकेडिंग पर चढ़ गए, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
नेताओं की गिरफ्तारी और रिहाई
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत, पूर्व अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी, त्रिवेंद्र पंवार समेत 40 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इन्हें कोर्ट के पास से रिहा कर दिया गया। इस मौके पर उक्रांद के अन्य नेता महेंद्र सिंह रावत, आनंद प्रकाश जुयाल, शक्तिशैल कपरवाण, बृजमोहन सजवाण और जय प्रकाश उपाध्याय मौजूद रहे।
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तांडव रैली से उक्रांद को मिली नई सियासी ऊर्जा
तांडव रैली में जुटी भीड़ ने उक्रांद का राजनीतिक हौसला बढ़ाया। लंबे समय बाद इतनी बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिलने से पार्टी को सियासी संजीवनी मिली है। अब उक्रांद हल्द्वानी में अगली तांडव रैली की तैयारी में जुट गई है।
शिव तांडव से रैली का आकर्षण
रैली की शुरुआत और समापन तांडव से हुआ। कलाकारों ने शिव तांडव की प्रस्तुति दी, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। मुंह से आग निकालते कलाकारों ने रैली में उत्साह बढ़ाया।
उठा जागा उत्तराखंडियूं’ ने बढ़ाया जोश
लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के जनगीत ‘उठा जागा उत्तराखंडियूं’ ने रैली में जोश भर दिया। यह गीत राज्य आंदोलन के दौरान से लोगों का हौसला बढ़ाने का काम करता रहा है। रैली में यह गीत बार-बार बजाया गया, जिससे उत्तराखंड आंदोलन की झलक दिखाई दी।
नेताओं की मांग: अनुच्छेद 371 लागू हो
उक्रांद के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्तराखंड को 42 शहादतों के बाद मिला, लेकिन आज भी हमें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने उत्तराखंड में अनुच्छेद 371 लागू करने की मांग की, ताकि प्रदेश में जल, जंगल और जमीन सुरक्षित रहे।
आगे की लड़ाई की तैयारी
पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उक्रांद की नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश की है। उन्होंने आगे और बड़ी लड़ाई की तैयारी का आह्वान किया।
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