स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करते हुए आम जनता को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से रिक्त पड़े इन बैकलॉग पदों को भरने का निर्णय इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस भर्ती से स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित होगी, जिससे मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही अच्छे इलाज की सुविधा मिलेगी।
मंत्री डॉ. रावत ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य इकाइयों में रोगियों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिए निगरानी तंत्र विकसित किया जा रहा है। सरकार ने दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ ही चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, और फार्मासिस्टों की उपस्थिति पर कड़ी निगरानी रखने की व्यवस्था की है। राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आमजन तक आसानी से पहुंचाने के लिए भी सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं।
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दून मेडिकल कॉलेज को सात नई फैकल्टी की मंजूरी
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में सात नई फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से इन संकाय सदस्यों का चयन किया गया है, जिनमें दो एसोसिएट प्रोफेसर और पांच असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं। इनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर की गई है, जिससे न केवल शैक्षणिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, बल्कि मरीजों को भी बेहतरीन उपचार उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इस नई नियुक्ति के तहत कम्युनिटी मेडिसिन और डेन्टिस्ट्री विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर डॉ. प्रियंका डोभाल और डॉ. पल्लवी पाण्डेय की नियुक्ति हुई है। वहीं, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, ऑब्स एवं गायनी, और न्यूरो सर्जरी विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर डॉ. शिवांग पटवाल, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. अर्शी खान, डॉ. जूही चौधरी, और डॉ. अमित कुमार को नियुक्त किया गया है।
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