
रुद्रप्रयाग। नगरपालिका परिषद रुद्रप्रयाग एक बार फिर सवालों के घेरे में है। विकास कार्यों में अनियमितता, बिना बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किए कार्य संचालित करने और सभासदों को विश्वास में लिए बगैर फैसले लेने के आरोपों को लेकर गुरुवार को पांच आक्रोशित सभासदों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक मामले की जांच के लिए समिति गठित नहीं की जाती, वे नगरपालिका बोर्ड बैठकों का अनिश्चितकालीन बहिष्कार करेंगे।
गुरुवार को जिलाधिकारी प्रतीक जैन को ज्ञापन सौंपने वालों में सभासद अंकुर खन्ना, सुरेंद्र रावत, किरन पंवार, रवीना देवी और नरेंद्र सिंह रावत शामिल रहे।
आरोपों की पूरी सूची
सभासदों ने अधिशासी अधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं—
- बिना बजट पास कराए करोड़ों के भुगतान और टेंडर कराए गए।
- जेम पोर्टल के बिना लाखों का सामान खरीदा गया।
- बिना टेंडर दुकानों का आवंटन किया गया।
- बिना समिति गठित किए निर्माण कार्य और सामग्री की खरीद की गई।
- जब सदस्य इन विषयों पर सवाल उठाते हैं, तो उन्हें गुमराह किया जाता है।
सभासदों का कहना है कि 23 अप्रैल 2025 को उन्होंने लिखित रूप से अधिशासी अधिकारी को अवगत कराया था कि यदि इन बिंदुओं पर सुधार नहीं होता तो वे बोर्ड बैठकों का बहिष्कार करेंगे। लेकिन पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया, उल्टे अधिशासी अधिकारी ने दो बार बोर्ड बैठक बुला ली और उसमें इस मुद्दे पर चर्चा तक नहीं की गई।
अधिशासी अधिकारी और अध्यक्ष पर निशाना
मीडिया से बातचीत में सभासद अंकुर खन्ना ने कहा कि “अधिशासी अधिकारी अज्ञानता में काम कर रहे हैं। उनकी नजर में नगर पालिका अध्यक्ष ही सर्वेसर्वा हैं। यही कारण है कि न बोर्ड को महत्व दिया जा रहा है और न ही पारदर्शिता के साथ कार्य हो रहे हैं।”
जांच का भरोसा
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने आक्रोशित सभासदों को आश्वस्त किया है कि मामले की जांच के लिए समिति गठित की जाएगी और निष्पक्ष रूप से तथ्यों की पड़ताल की जाएगी।
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