
रुद्रप्रयाग/चमोली। उत्तराखंड के पहाड़ एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से दहल उठे हैं। जनपद रुद्रप्रयाग की बसुकेदार तहसील और चमोली जनपद के देवाल क्षेत्र में देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। रुद्रप्रयाग जनपद में बसुकेदार के बड़ेथ, डुंगर, तालजामण, छेना गाड़ और थपोण्डी गांवों में भूस्खलन और भारी मलबा आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
गांवों में तबाही का मंजर
सबसे बड़ा नुकसान बड़ेथ गांव को हुआ है, जहां गांव का शिवालय मलबे में दब गया। डुंगर और किमाणा–दानकोट गांवों में खेत-खलिहान व कई मंदिर आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। तालजामण गांव में 10–12 आवासीय घरों को नुकसान पहुंचा है। वहीं छेनागाड़ से 6 लोगों के लापता होने की सूचना ने स्थानीय लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।
नदियाँ उफान पर
बादल फटने के बाद अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां उफान पर हैं। रुद्रप्रयाग स्थित बेलनी के हनुमान मंदिर परिसर तक पानी घुस आया। चमोली और रुद्रप्रयाग की घाटियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं।
फंसे परिवार, युद्धस्तर पर राहत
स्थानीय सूत्रों के अनुसार बड़ेथ–डुंगर तोक और चमोली के देवाल क्षेत्र में कुछ परिवार मलबे के बीच फंस गए हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस-प्रशासन की टीमें लगातार प्रयासरत हैं।
सड़क संपर्क ठप
भारी बारिश और मलबा आने के कारण जनपद रुद्रप्रयाग में सिरोबगड़, बांसवाड़ा (स्यालसौड़) और कुंड–चोपता मार्ग के बीच चार स्थानों पर यातायात बाधित हो गया है। गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कटने से राहत-बचाव दलों को मौके पर पहुंचने में भी दिक्कतें हो रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने आपदा सचिव और जिलाधिकारी से लगातार संपर्क में रहकर राहत-बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और त्वरित राहत मुहैया कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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