पौड़ी गढ़वाल (प्रदीप शाह) – वनाग्नि की रोकथाम और इससे निपटने की तैयारियों को परखने के लिए पौड़ी में आज एक व्यापक समुदाय केंद्रित वन अग्नि मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। सुबह वनाग्नि की सूचना मिलते ही जनपद स्तरीय आईआरएस सिस्टम सक्रिय हो गया और जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर कमांड संभाला।

मॉक ड्रिल की शुरुआत और बचाव अभियान

कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि ल्वाली क्षेत्र की तमलाग व पाबौ रोड स्थित सीगड़ बीट में आग लग गई है। वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों स्थानों के स्टेजिंग एरिया में आवश्यक संसाधन भेजे और आग बुझाने की प्रक्रिया शुरू की।

रेस्क्यू ऑपरेशन: घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया

इस मॉक ड्रिल के दौरान तमलाग के मजेंठा क्षेत्र में दो लोग झुलस गए, जबकि प्राथमिक विद्यालय के दो छात्र धुएं के कारण बेहोश हो गए।

जिलाधिकारी ने मॉक ड्रिल को सराहा

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने इस मॉक ड्रिल में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय जनता के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभ्यास से हमारे संसाधनों और तैयारियों की परीक्षा होती है।

वनाग्नि रोकने के लिए जनसहभागिता जरूरी

वनाग्नि रोकथाम के लिए शीतला खेत मॉडल का उद्घाटन

डॉ. चौहान ने बताया कि 20 फरवरी को आदवाणी में शीतला खेत मॉडल का उद्घाटन किया जाएगा, जिससे वनाग्नि की रोकथाम में मदद मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने जनपद की 47 संवेदनशील फॉरेस्ट बीटों का एक्शन प्लान प्रस्तुत करने के लिए डीएफओ पौड़ी को निर्देश दिए।

प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, सीडीओ गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट अरुण, मेजर ऋषिकेश सहित एनडीएमए, एसडीएमए, डीडीएमए, पुलिस, राजस्व, वन विभाग, एसडीआरएफ और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

वनाग्नि की रोकथाम के लिए जनजागरूकता और जनसहभागिता अनिवार्य है!

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