पौड़ी Uttarakhand News: जिला अस्पताल पौड़ी, जो पिछले चार वर्षों से पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा था, 31 दिसंबर 2024 को इसका अनुबंध समाप्त हो जाएगा। इसके बाद 1 जनवरी 2025 से अस्पताल को फिर से सरकारी व्यवस्थाओं के तहत चलाया जाएगा। अनुबंध की समाप्ति से अस्पताल में कार्यरत 220 आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं।
आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले चार वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अनुबंध समाप्त होने के बाद सरकारी व्यवस्था में उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि उनका रोजगार बरकरार रहे।
परिवार के भरण-पोषण की चिंता
220 कर्मचारियों में लैब तकनीशियन, ओटी तकनीशियन, क्लर्क, फार्मासिस्ट, सुरक्षाकर्मी, सफाईकर्मी, रेडियो तकनीशियन, डेंटल तकनीशियन, नेत्र मितिज्ञ, और फिजियोथेरेपिस्ट जैसे विभिन्न पदों पर तैनात लोग शामिल हैं। उनका कहना है कि इस नौकरी से उनके परिवार का भरण-पोषण होता है, और बेरोजगारी से उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी।
अस्पताल सरकारी व्यवस्थाओं में लौटेगा
सीएमओ पौड़ी, डॉ. प्रवीण कुमार ने पुष्टि की है कि 1 जनवरी 2025 से जिला अस्पताल पौड़ी को सरकारी प्रबंधन के तहत चलाया जाएगा। वर्तमान में, पीपीपी मोड के तहत अस्पताल के साथ सीएचसी पाबौ और सीएचसी घंडियाल भी संचालित हो रहे थे।
आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार से अपील की है कि अस्पताल की सरकारी व्यवस्था में उन्हें नौकरी का अवसर दिया जाए। इससे न केवल उनकी आजीविका जारी रहेगी, बल्कि अस्पताल का संचालन भी सुचारू रहेगा।
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