श्रीनगर/कीर्ति नगर: गुरिल्ला संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होती है, तो संगठन 6 नवंबर को देहरादून की ओर कूच करेगा। प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 2 सितंबर 2024 को माननीय मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया गया था, जिसके बाद सचिव उत्तराखंड शासन श्रीमती रिद्धिमा अग्रवाल से वार्ता हुई थी। इस वार्ता के दौरान रिद्धिमा अग्रवाल ने 48 घंटे में कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
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गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि यदि सरकार तत्काल कार्रवाई नहीं करती है, तो 15 दिसंबर तक उन्हें अंतिम वार्निंग दी जाएगी। इसके बाद 17 दिसंबर को उत्तराखंड के सभी गुरिल्ला सदस्य देहरादून कूच करेंगे, और 18 दिसंबर को सीएम आवास पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा: “18 वर्षों से सरकार सोई हुई है, और अब समय आ गया है कि हमारी आवाज़ सुनी जाए। यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।” संगठन ने सभी सदस्यों को तैयार रहने की अपील की है।
उत्तराखंड प्रदेश का गुरिल्ला संगठन 2006 से लगातार अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। हालांकि उनका कहना है , सरकार ने अब तक केवल झूठे आश्वासन दिए हैं, और उनकी मांगों को पूरा करने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
गुरिल्ला संगठन की मुख्य मांगें :
- 45 साल से बड़े, 55 साल तक के गुरिल्लाओं को सरकारी सेवा में लिया जाए: संगठन का कहना है कि इन वरिष्ठ गुरिल्लाओं को सरकारी सेवाओं में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि उनके अनुभव और योगदान का सही मूल्यांकन हो सके।
- आयु पार कर चुके गुरिल्लाओं को समान जनक पेंशन दी जाए: आंदोलनकारी यह मांग कर रहे हैं कि उन गुरिल्लाओं को उचित पेंशन मिले, जिन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं और अब आयु पार कर चुके हैं।
- गुरिल्लाओं के आश्रितों को आर्थिक मदद दी जाए: संगठन ने यह भी मांग की है कि जिन गुरिल्लाओं का निधन हो चुका है, उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए, ताकि उनके परिवार की भलाई सुनिश्चित की जा सके।
इस कार्यक्रम में गुरिल्ला संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट, सह मीडिया प्रभारी महावीर सिंह रावत, केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डाला कोटी, प्रदेश अध्यक्ष युद्धवीर सिंह राणा, और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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