आर्थिक संघर्ष के बावजूद हासिल की सफलता
राखी चौहान की शुरुआती पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज, गुप्तकाशी में हुई, जिसके बाद उन्होंने मानव भारती कॉलेज, देहरादून से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। साधारण परिवार में जन्मीं राखी ने सुभारती मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स पूरा किया। कुछ खास करने का सपना लेकर, राखी ने कठिन परिस्थितियों का सामना किया और लगातार मेहनत करती रहीं। उनका यह समर्पण उन्हें आज इस मुकाम पर ले आया।
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बेटी के लेफ्टिनेंट बनने पर पिता की आंखों में खुशी के आंसू
राखी के पिता दिलीप सिंह चौहान होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए पूरा सहयोग दिया, ताकि वह अपने सपने को साकार कर सके। जब दिलीप सिंह को राखी के सेना में लेफ्टिनेंट बनने की खबर मिली, तो उनकी आंखें खुशी से छलक उठीं। उन्होंने कहा कि राखी बचपन से ही शांत स्वभाव और मेहनती रही हैं, और अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा से समर्पित रही हैं।
कठिन परिश्रम से हासिल की सेना में 52वीं रैंक
राखी ने भारतीय सेना के मेडिकल विंग में ऑल इंडिया स्तर पर 52वीं रैंक प्राप्त की है, जो उनके आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। अब, उनके लेफ्टिनेंट बनने से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे केदारघाटी क्षेत्र में उत्सव का माहौल है। राखी चौहान की यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
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