
रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड: उत्तराखंड के सबसे कठिन और खतरनाक दर्रों में शामिल बाली पास दर्रा को पार करते हुए उत्तराखंड के शिक्षक नवीन जोंटी सजवाण ने देश का तिरंगा शिखर पर लहराकर एक साहसिक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह दुर्गम अभियान उन्होंने मात्र चार दिनों में पूरा किया।
गुप्तकाशी के समीप राजकीय जूनियर हाईस्कूल सेमी में कार्यरत शिक्षक नवीन सजवाण, अगस्त्यमुनि ब्लॉक के क्यार्क गांव निवासी हैं। वह चार सदस्यीय दल के साथ इस साहसिक यात्रा पर निकले थे, जिसमें उन्होंने लगभग 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित बाली पास दर्रा को पार करते हुए भारतीय ध्वज फहराया।
इस कठिन यात्रा के दौरान उन्हें अत्यधिक ऊंचाई, बर्फबारी, ऑक्सीजन की कमी और संकरे ग्लेशियर मार्गों का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके, दल ने जज़्बा नहीं छोड़ा और निर्धारित समय के भीतर सफलतापूर्वक दर्रा पार कर लिया।
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नवीन सजवाण पूर्व में भी कई साहसिक यात्राओं में हिस्सा ले चुके हैं। शिक्षा के साथ-साथ पर्वतारोहण और देशभक्ति के प्रति उनका समर्पण युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि की खबर से केदारघाटी में गर्व और उत्साह की लहर है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने उन्हें बधाई दी है।
बाली पास दर्रा उत्तराखंड के यमुनोत्री नेशनल पार्क में स्थित है और इसे भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण हाई-एल्टीट्यूड ट्रेक्स में गिना जाता है। यहां का ट्रेक मार्ग बर्फ, चट्टानों और खतरनाक ढलानों से भरा होता है। पर्वतारोही आमतौर पर इस क्षेत्र में प्रशिक्षित गाइड और विस्तृत तैयारी के साथ ही प्रवेश करते हैं।
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