
CM DHAMI PRAYAGRAJ MAHA KUMBH: प्रयागराज महाकुंभ में सीएम धामी का गंगा स्नान और संतों द्वारा UCC के लिए सम्मान
CM DHAMI PRAYAGRAJ MAHA KUMBH: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने परिवार के साथ प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भाग लिया और गंगा में पवित्र स्नान किया। यह अवसर धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दौरान उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC) के लिए साधु-संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया और राज्य में इसे लागू करने के बाद देशव्यापी लाभ की बात कही।
सीएम धामी का प्रयागराज महाकुंभ में आगमन
मुख्यमंत्री धामी रविवार को प्रयागराज पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी माता जी के साथ गंगा स्नान किया। इस पवित्र स्नान के बाद उन्होंने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर इस पवित्र अवसर पर लिखा:
“आदिकाल से अध्यात्म, ज्ञान व आस्था के पवित्र संगम ‘महाकुंभ’ में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रभु से समस्त प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।”
महाकुंभ 2025: आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संगम
प्रयागराज महाकुंभ न केवल भारत की सनातन परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन भी है। इस पावन अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज में पवित्र संगम पर स्नान करने आते हैं।
सीएम धामी ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म की आस्था, एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस आयोजन के माध्यम से संपूर्ण विश्व को भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सनातन संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
साधु-संतों द्वारा सीएम धामी का सम्मान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाकुंभ के दौरान संत समाज से मुलाकात की। संतों ने उन्हें उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए सम्मानित किया।
सीएम धामी ने संत समाज के आशीर्वाद को स्वीकार करते हुए कहा:
“पूज्य संतों और देवतुल्य जनता के आशीर्वाद एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह न्याय, समानता और सामाजिक समरसता का प्रतीक है, जो देश को एक सशक्त और संगठित राष्ट्र बनाएगा।
UCC: समानता का प्रतीक
सीएम धामी ने महाकुंभ में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि यूसीसी भी महाकुंभ की तरह भेदभाव से परे है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि:
- यूसीसी किसी जाति, धर्म या संप्रदाय का भेदभाव नहीं करता।
- शादी से लेकर तलाक तक के मामलों में कोर्ट के आदेश ही मान्य होंगे।
- बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
सीएम धामी के अनुसार, यह कानून भारत को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य की ओर ले जाएगा और आने वाले समय में पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित होगा।
समरसता सम्मेलन में सीएम धामी का संबोधन
महाकुंभ के दौरान समरसता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें सीएम धामी ने संत समाज और श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
उन्होंने कहा:
“महाकुंभ में देश के सभी राज्यों से आए साधु-संतों का मैं देवभूमि उत्तराखंड के सेवक के रूप में हृदय से आभार और अभिनंदन करता हूं। त्रिवेणी की पवित्र भूमि पर महामंडलेश्वर कैलाशानंद के सानिध्य में जो आशीर्वाद मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड से शुरू हुआ समान नागरिक संहिता (UCC) अब पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित होगा। यह कानून देश की एकता को मजबूत करने और सामाजिक असमानता को दूर करने में सहायक होगा।
उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 को लागू हुआ UCC
गौरतलब है कि उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो चुकी है।
इसके प्रमुख प्रावधान हैं:
🔹 शादी, तलाक और उत्तराधिकार के नियम समान होंगे।
🔹 बहु-विवाह जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध रहेगा।
🔹 महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सुरक्षा मिलेगी।
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि हर साल 27 जनवरी को ‘UCC दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
सीएम धामी की प्रयागराज यात्रा के अन्य पहलू
मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड मंडपम का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां उन्होंने विभिन्न झांकियों और आकृतियों का अवलोकन किया।
उन्होंने बाबा नीब करौरी सरकार की प्रतिमा के पास बैठकर ध्यान लगाया और फोटो खिंचवाई।
संतों ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रयागराज महाकुंभ यात्रा कई कारणों से ऐतिहासिक रही। उन्होंने गंगा स्नान कर प्रदेशवासियों के कल्याण की प्रार्थना की, संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया और UCC को पूरे देश में लागू करने की अपील की।
महाकुंभ की भांति UCC भी एकता, समानता और समरसता का प्रतीक बन सकता है। इस यात्रा के दौरान सीएम धामी ने देशवासियों को यह संदेश दिया कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सपना अब साकार होने की ओर अग्रसर है।
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