
रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा मार्ग का अहम पड़ाव माने जाने वाला रुद्रप्रयाग अब महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का नया केंद्र बन रहा है। कभी घर-परिवार तक सीमित रहने वाली यहां की महिलाएं अब स्वरोजगार और उद्यमिता की मिसाल पेश कर रही हैं। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही ग्रामोत्थान परियोजना का सकारात्मक असर यहां साफ दिखाई दे रहा है।
अगस्त्यमुनि विकासखंड में संचालित चंदन गनग आजीविका स्वायत सहकारिता के अंतर्गत गठित ईष्ट घड़ियाल उत्पादक समूह ने स्वरोजगार की दिशा में एक अनोखी पहल की है। इस समूह से जुड़ी महिलाओं ने कंप्यूटराइज्ड मशीनों की मदद से चारधाम यात्रा से संबंधित सुंदर और आकर्षक सुविनियर आइटम्स तैयार करना शुरू किया है। इनमें मुख्य रूप से केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की प्रतिकृतियाँ शामिल हैं, जिन्हें तीर्थयात्री बेहद पसंद कर रहे हैं।
समूह से जुड़ी सोनी देवी बताती हैं कि इस वर्ष की यात्रा सीजन में मात्र कुछ ही महीनों में 10 लाख रुपये से अधिक की आमदनी हुई है। यह कमाई न सिर्फ समूह की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नया संबल दे रही है।
महिलाओं का कहना है कि उनके द्वारा बनाए गए सुविनियर आइटम्स की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से बिक्री हो रही है। स्थानीय बाजार से लेकर देशभर के अलग-अलग हिस्सों तक इन उत्पादों की माँग लगातार बढ़ रही है।
महिला समूह की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि सही मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर उपलब्ध कराए जाएँ, तो ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाएं भी बड़े आर्थिक बदलाव की वाहक बन सकती हैं। स्वरोजगार की इस पहल ने न केवल समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया है बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी जगाया है।
इसपर लोगों का मानना है कि रुद्रप्रयाग की यह पहल पूरे उत्तराखंड और देश के अन्य पर्वतीय इलाकों के लिए भी प्रेरणा का मॉडल बन सकती है। तीर्थ पर्यटन से जुड़ा यह नवाचार स्थानीय महिलाओं को रोजगार देने के साथ-साथ राज्य की संस्कृति और आस्था को भी संजोने का कार्य कर रहा है।
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