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नैनीताल, 27 नवंबर 2024 (Uttarakhand News): उत्तराखंड में छात्र संघ चुनाव से जुड़ा मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है। बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की एकलपीठ ने उत्तराखंड सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर 2024 को निर्धारित की गई है।
मामले में किशन सिंह नामक याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को सितंबर तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर छात्र संघ चुनाव आयोजित करने का आदेश दिया था। हालांकि, कई विश्वविद्यालयों में अक्टूबर तक एडमिशन की प्रक्रिया चलती रही। ऐसे में सितंबर में चुनाव आयोजित करना संभव नहीं था, और सरकार का यह आदेश गलत है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस आदेश पर रोक लगाई जाए।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों, और यूजीसी नियमावली का उल्लंघन किया है। इन निर्देशों में स्पष्ट है कि:
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इन नियमों का पालन किए बिना, अपनी मर्जी से सितंबर तक चुनाव कराने का निर्देश जारी कर दिया।
याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि राज्य सरकार को शैक्षणिक कैलेंडर निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार केवल केंद्र सरकार और यूजीसी को है। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया कि जब अक्टूबर तक एडमिशन प्रक्रिया जारी रही, तो सितंबर में चुनाव कराना कैसे संभव है?
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह दो सप्ताह में अपना जवाब प्रस्तुत करे और स्पष्ट करे कि लिंगदोह कमेटी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया।
इस मामले का समाधान छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया को लेकर राज्य के विश्वविद्यालयों में स्पष्टता लाने में मदद कर सकता है।
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