
थराली: ग्रामीणों ने बचाई बारहसिंगा के बच्चे की जान, वन विभाग ने सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा
थराली के गुड़म और तलवाड़ी गांव के बीच ग्रामीणों ने इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए एक बारहसिंगा के बच्चे को आवारा कुत्तों के झुंड से बचाकर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया। वन विभाग ने पशु चिकित्सक की मदद से घायल शावक का उपचार किया और उसके स्वस्थ होने तक उसे अपनी देखरेख में रखा। सोमवार दोपहर को उसे पूर्णतः स्वस्थ होने पर सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया।
बद्रीनाथ वन प्रभाग के मध्य पिंडर रेंज के वन दरोगा कपिल कुमार ने बताया कि बारहसिंगा का यह शावक किसी तरह गांव के आबादी क्षेत्र में पहुंच गया था, जहाँ कुछ आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। हमले में घायल हुए शावक को ग्रामीणों ने तुरंत बचाया और वन विभाग व पशुपालन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलने पर विभागीय टीम मौके पर पहुँची, जहाँ पशु चिकित्साधिकारी कल्पेंद्र कोहली और उनकी टीम ने शावक का प्राथमिक उपचार किया।
वन दरोगा ने बताया कि उपचार के बाद वन विभाग ने शावक को अपनी निगरानी में रखा और उसके पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे सोमवार को जंगल के सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा गया। उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि वन्यजीवों के संरक्षण में स्थानीय लोगों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, और इस तरह की जागरूकता से ही जंगलों का पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
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