
जिलाधिकारी प्रतीक जैन का औचक निरीक्षण: रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर सख्त रुख
जब कोई मरीज अस्पताल आता है, तो वह सिर्फ इलाज नहीं बल्कि उम्मीद लेकर आता है। इसी उम्मीद को मजबूत करने के उद्देश्य से रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को परखने और सुधारने की एक ठोस पहल थी।
जिलाधिकारी ने अस्पताल के विभिन्न विभागों का गहराई से निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों और डॉक्टरों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं और सुझाव जाने। निरीक्षण केवल कागजों की जांच तक सीमित नहीं था, बल्कि जमीन पर स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत को समझने की ईमानदार कोशिश थी।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि मरीजों की सुविधा, स्वच्छता और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि अपने-अपने कर्तव्यों का पूरी जिम्मेदारी से पालन करें और पारदर्शिता बनाए रखें।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को निर्देश दिया कि जनपद के सभी प्राइवेट अस्पतालों की सूची तैयार करें, खासकर वे जो सर्जरी और सिजेरियन ऑपरेशन करते हैं। साथ ही, इन अस्पतालों का नियमित निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जाए ताकि निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं भी मानकों के अनुरूप रहें।
जिलाधिकारी ने अस्पताल में दवाओं के भंडारण की स्थिति का जायजा लिया। एक्सपायर्ड दवाओं के निस्तारण की प्रक्रिया और रजिस्ट्रेशन से जुड़ी जानकारी भी ली गई। ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता, रिफ्यूलिंग व्यवस्था और मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (एम.जी.पी.एस.) की भी बारीकी से जांच की गई।
ऑपरेशन थिएटर में बेड की स्थिति, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम और डिस्पोजल प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया गया। पैथोलॉजी विभाग में जाकर उन्होंने जांच-परीक्षण की व्यवस्था देखी और मरीजों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं और सुझाव सुने।,जिलाधिकारी ने अस्पताल में अब तक सीटी स्कैन मशीन चालू न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने इस प्रकरण में संबंधित कॉन्ट्रैक्टर से अनुबंध न किए जाने की बात को शासन के संज्ञान में लाने की बात कही। यह कदम दिखाता है कि प्रशासन अब लापरवाही को नजरअंदाज करने वाला नहीं है।
निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि अस्पताल में चिकित्सकों के कुछ पद रिक्त हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि इन पदों को भरने के लिए शासन से शीघ्र डॉक्टरों की मांग की जाएगी, जिससे अस्पताल में सेवा बाधित न हो। अंत में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अस्पताल में आने वाले हर मरीज को उचित सुविधा, स्वच्छ वातावरण और समय पर इलाज मिलना चाहिए। किसी भी स्तर पर लापरवाही या असंतोषजनक सेवाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। इस निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रवीण कुमार और अस्पताल प्रबंधन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी को स्पष्ट संकेत दिया गया कि अब सिर्फ रिपोर्ट बनाना नहीं, बल्कि ज़मीनी सुधार ज़रूरी है।
रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में जिलाधिकारी का यह औचक निरीक्षण एक कड़ा लेकिन आवश्यक कदम था। यह केवल खामियों की खोज नहीं, बल्कि एक सकारात्मक सुधार यात्रा की शुरुआत है। इस तरह की पहलें न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाती हैं, बल्कि आम जनता का विश्वास भी बढ़ाती हैं। अब देखना यह है कि दिए गए निर्देशों का पालन किस हद तक होता है और सुधार कितनी तेजी से ज़मीन पर उतरता है।
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