नोएडा-गाजियाबाद में स्कूल बंद: दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, जिससे न केवल लोगों की सेहत पर असर पड़ा है, बल्कि स्कूलों की छुट्टियों के आदेश भी जारी हो गए हैं। बढ़ते प्रदूषण के चलते सरकारों ने ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चौथे चरण (GRAP Stage 4) को लागू करने का फैसला लिया है। इसने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया। इन आदेशों का असर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ और अन्य शहरों पर पड़ा है।
नोएडा और गाजियाबाद में प्रदूषण का बढ़ता खतरा
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई जिलों में स्कूलों की छुट्टियों का ऐलान किया। 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है और इन स्कूलों में अब ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी। नोएडा और गाजियाबाद के जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। नोएडा में AQI 400 के पार चला गया है, जोकि “डेंजरस लेवल” की श्रेणी में आता है। इसके कारण, लोगों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने 23 नवम्बर तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया। जिलाधिकारी के इस निर्देश के तहत, विद्यालयों में अब केवल ऑनलाइन शिक्षा होगी। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया ताकि बच्चों और शिक्षकों को सुरक्षित रखा जा सके।
मेरठ और हापुड़ में भी स्कूल बंद
मेरठ और हापुड़ में भी स्थिति बेहद गंभीर है। मेरठ में 12वीं तक के स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। यहां का AQI खतरनाक स्तर 500 तक पहुंच चुका है। जिला प्रशासन ने आदेश दिए हैं कि स्कूल अग्रिम आदेशों तक बंद रहेंगे और कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी। हापुड़ में भी AQI 571 के खतरे के स्तर तक पहुंचने के बाद सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। इन आदेशों का पालन करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
गौतमबुद्ध नगर में आउटडोर एक्टिविटी पर रोक
गौतमबुद्ध नगर में, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब स्थिति में है, जिलाधिकारी ने सभी स्कूलों में आउटडोर एक्टिविटी पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, स्कूल खुले रहेंगे, लेकिन बच्चों को बाहर खेलने या शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से रोका जाएगा। इसके अलावा, अगर किसी बच्चे की तबियत खराब होती है तो उन्हें स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। बीमार बच्चों को स्कूल में अनुपस्थित नहीं माना जाएगा, ताकि उनके स्वास्थ्य पर कोई अतिरिक्त दबाव न पड़े।
गाजियाबाद में स्कूलों का संचालन ऑनलाइन होगा
गाजियाबाद में भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण, जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने सभी स्कूलों को ऑनलाइन मोड पर संचालित करने का आदेश जारी किया है। यहां भी 1वीं से 12वीं तक के सभी स्कूलों को ऑफलाइन बंद करने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक प्रदूषण की स्थिति सुधर नहीं जाती।
सार्वजनिक अवकाश का ऐलान
गाजियाबाद में उपचुनाव के कारण एक अलग आदेश भी जारी किया गया है। 20 नवंबर को सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसके कारण गाजियाबाद में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दौरान स्कूलों को ऑनलाइन संचालित किया जाएगा, और अधिकारी चुनावी कार्यों में व्यस्त रहेंगे।
वायु प्रदूषण की गंभीरता
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण ने “खतरनाक स्तर” पर पहुंचकर लोगों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। गाजियाबाद और नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने 500 के स्तर को पार कर लिया है, जबकि सामान्य AQI 100 तक होना चाहिए। इन दोनों शहरों में हवा इतनी जहरीली हो गई है कि लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे हैं। इसके अलावा, मेरठ, हापुड़, आगरा और बुलंदशहर जैसे शहरों में भी प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया है।
गाजियाबाद में AQI 506 और नोएडा में AQI 356 दर्ज किया गया है। हापुड़ में AQI 571 के आंकड़े के साथ हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। मेरठ में AQI 251, बुलंदशहर में 435 और आगरा में 293 AQI दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। इस स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप-4 (Stage 4) के तहत सख्ती से नियम लागू करने की घोषणा की है।
प्रदूषण से बचाव के उपाय
विशेषज्ञों के अनुसार, इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतनी चाहिए। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है। बाहर निकलते समय मास्क पहनने, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने, और शारीरिक गतिविधियों से बचने की सलाह दी जा रही है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे आवश्यक कार्यों के अलावा बाहर न निकलें।
इसके साथ ही, अधिकारियों ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े उपायों की योजना बनाई है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण कार्यों, ट्रैफिक की संख्या, और प्रदूषणकारी उद्योगों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है।
दिल्ली और उत्तर प्रदेश के इन जिलों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण स्कूलों की छुट्टियां और ऑनलाइन कक्षाओं का निर्णय एक आवश्यक कदम है। हालांकि, यह जरूरी है कि लोग इस समय सावधानी बरतें और सरकार के निर्देशों का पालन करें ताकि वायु प्रदूषण से बचा जा सके और लोगों की सेहत पर कम से कम असर पड़े। प्रदूषण की स्थिति में सुधार के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
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