देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर जमीनों के सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी हो रही है, जिससे आने वाले समय में प्रॉपर्टी की कीमतों में 20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए जमीनों के सर्किल रेट के संशोधन का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अगले 15 दिनों के भीतर इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके बाद नए सर्किल रेट लागू होंगे।
धामी सरकार का निर्णय
धामी सरकार ने सभी जनपदों के अधिकारियों से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा करने और उन्हें तर्कसंगत बनाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सर्किल रेट में की जाने वाली बढ़ोतरी सही और जनहित में हो। अभी तक, यह स्पष्ट नहीं है कि सर्किल रेट में कितनी प्रतिशत की वृद्धि होगी, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वृद्धि 15% से 20% के बीच हो सकती है।
कोरोना काल के बाद प्रॉपर्टी रेट में बदलाव
उत्तराखंड में कोरोना महामारी के दौरान लगभग तीन सालों तक जमीन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। उस समय का आर्थिक संकट और लॉकडाउन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने प्रॉपर्टी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया था। हालांकि, महामारी के बाद, स्थिति में सुधार हुआ और सरकार ने पिछले तीन सालों का मूल्यांकन करते हुए जमीन के सर्किल रेट में औसतन 33.5% की बढ़ोतरी की थी।
अब, एक बार फिर, सरकार जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी करने जा रही है, जो कि पिछले कुछ समय से बाजार में जारी उथल-पुथल और बढ़ती महंगाई को देखते हुए आवश्यक माना जा रहा है।
सर्किल रेट का क्या होता है प्रभाव?
सर्किल रेट का सीधा प्रभाव प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर पड़ता है। सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर किसी जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती है। यदि सर्किल रेट बढ़ता है, तो प्रॉपर्टी की खरीदारी पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क भी बढ़ जाते हैं, जिससे जमीन या मकान की कुल कीमत पर असर पड़ता है।
उत्तराखंड के प्रमुख इलाकों में बढ़ सकते हैं रेट
देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और हल्द्वानी जैसे प्रमुख इलाकों में प्रॉपर्टी की मांग अधिक है, और यहां जमीन की कीमतों में वृद्धि की संभावना अधिक है। इन इलाकों में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है, जिससे जमीन की मांग भी बढ़ रही है। नई सर्किल रेट्स के लागू होने से यहां प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो सकता है।
प्रॉपर्टी निवेशकों के लिए क्या है मतलब?
जिन लोगों ने पहले से प्रॉपर्टी में निवेश किया हुआ है, उन्हें इसका सीधा फायदा हो सकता है क्योंकि उनकी प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ जाएगी। वहीं, जो लोग अभी प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह महंगा सौदा साबित हो सकता है।
स्थानीय बाजार पर पड़ेगा असर
सर्किल रेट में वृद्धि से स्थानीय प्रॉपर्टी बाजार पर भी असर पड़ेगा। एक ओर जहां यह सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने का साधन होगा, वहीं दूसरी ओर इससे खरीदारों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। खासकर वे लोग जो छोटे बजट में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह फैसला चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते बाजार मूल्य के साथ सर्किल रेट का संशोधन करना जरूरी है ताकि बाजार में प्रॉपर्टी का सही मूल्यांकन हो सके। पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में विकास कार्यों में तेजी आई है, जिससे जमीन और प्रॉपर्टी की मांग बढ़ी है। इसके चलते सर्किल रेट में संशोधन करना आवश्यक हो गया है।
सरकार के कदम और आम जनता की प्रतिक्रिया
सरकार के इस निर्णय के बाद आम जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह फैसला सही है क्योंकि इससे जमीनों का उचित मूल्यांकन होगा और प्रॉपर्टी की खरीदारी पारदर्शी होगी। वहीं, कुछ लोग इसे महंगाई का कारण मान रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे आम आदमी के लिए घर खरीदना और मुश्किल हो जाएगा।
सर्किल रेट बढ़ाने के पीछे का तर्क
राज्य सरकार का कहना है कि सर्किल रेट में वृद्धि करने से सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी, जो विकास कार्यों के लिए उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त सही और कानूनी तौर पर हो, जिससे कालेधन के उपयोग को भी रोका जा सके।
क्या है भविष्य की संभावना?
यदि सर्किल रेट में 15% से 20% तक की बढ़ोतरी होती है, तो भविष्य में प्रॉपर्टी की कीमतें और बढ़ सकती हैं। देहरादून और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों में निवेशकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे जमीन की मांग और कीमतें दोनों में इजाफा होगा।
छोटे शहरों में भी महसूस होगा असर
बड़े शहरों के अलावा, छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी सर्किल रेट का प्रभाव महसूस होगा। हालांकि, यहां वृद्धि की दर कुछ कम हो सकती है, लेकिन फिर भी इससे ग्रामीण इलाकों में प्रॉपर्टी की खरीदारी महंगी हो सकती है।
अगले 15 दिनों में स्पष्ट होगी स्थिति
अगले 15 दिनों में सरकार द्वारा सर्किल रेट संशोधन प्रस्ताव को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, जिसके बाद यह देखा जाएगा कि किस इलाके में कितनी वृद्धि होगी। लोगों को सुझाव दिया जा रहा है कि वे प्रॉपर्टी खरीदने से पहले नए सर्किल रेट्स का इंतजार करें ताकि वे सही समय पर सही निर्णय ले सकें।
उत्तराखंड में जमीनों के सर्किल रेट बढ़ने से प्रॉपर्टी की कीमतें महंगी हो सकती हैं, जिससे आम जनता पर असर पड़ना तय है। हालांकि, यह फैसला बाजार के सही मूल्यांकन और सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह भी पढ़ें:
चार धाम यात्रा: उत्तराखंड के दिव्य धामों का आध्यात्मिक प्रवास
पंच केदार ट्रेक का सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
उत्तराखंड: देवभूमि की खूबसूरती और आध्यात्मिकता
केदारनाथ: एक पवित्र तीर्थ स्थल।
For more article and news follow kedartimes on social media .