
CHAMOLI DEVALGWAD ELECTION: चमोली के देवलग्वाड़ में स्थगित हुए पंचायत चुनाव : क्या है वजह?
CHAMOLI DEVALGWAD ELECTION: उत्तराखंड में इन दिनों पंचायत चुनावों का दौर चल रहा है। राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी के बीच चमोली जिले के थराली ब्लॉक से एक दुखद खबर आई है। चमोली के देवलग्वाड़ गांव में ग्राम प्रधान पद के लिए चल रही चुनाव प्रक्रिया को अचानक स्थगित कर दिया गया है। वजह है ग्राम प्रधान पद प्रत्याशी राजेंद्र सिंह का असामयिक निधन। इस खबर से पूरे गांव और आसपास के इलाकों में शोक की लहर है।
अचानक बिगड़ी तबीयत और अस्पताल में मौत
ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह, जिनकी उम्र महज 38 साल थी, कुछ दिनों पहले अचानक बीमार पड़ गए थे। बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने तुरंत उन्हें थराली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। लेकिन वहां हालत में सुधार न होता देख डॉक्टरों ने उन्हें श्रीनगर हायर सेंटर रेफर कर दिया। श्रीनगर में इलाज के दौरान भी उनकी तबीयत गंभीर बनी रही और आखिरकार डॉक्टरों ने उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल के लिए रेफर किया।
दुर्भाग्यवश, जौलीग्रांट में इलाज के दौरान ही राजेंद्र सिंह ने अंतिम सांस ली। इस खबर के फैलते ही देवलग्वाड़ गांव में हर कोई स्तब्ध रह गया। राजेंद्र सिंह न केवल एक उम्मीदवार थे, बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा थे।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
राजेंद्र सिंह का निधन उनके परिवार के लिए बहुत बड़ा आघात है। उनके पिता का निधन तीन साल पहले ही हो गया था और मां भी आठ साल पहले चल बसी थीं। परिवार का एकमात्र सहारा राजेंद्र सिंह ही थे। उनके पीछे अब पत्नी उर्वशी और दो छोटे बेटे — एक चार साल का और दूसरा छह साल का — हैं। गांव के लोग परिवार के दुख में पूरी तरह साथ खड़े हैं, लेकिन इस नुकसान की भरपाई संभव नहीं।
निर्वाचन अधिकारी ने दी जानकारी
थराली विकासखंड के निर्वाचन अधिकारी अवनीश गौतम ने बताया कि ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। हालांकि अन्य पदों के लिए मतदान प्रक्रिया पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही जारी रहेगी।
उत्तराखंड में इस बार पंचायत चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को और दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को होगा। 31 जुलाई को पूरे राज्य में एक साथ मतगणना की जाएगी। हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में चुनावी प्रक्रिया संपन्न होगी।
गांव में शोक और चर्चा
राजेंद्र सिंह का निधन केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए बड़ा धक्का है। ग्रामीण बताते हैं कि राजेंद्र हमेशा हर किसी की मदद के लिए तैयार रहते थे। उन्होंने अपने पंचायत क्षेत्र में कई जनहित के कामों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। ग्रामीणों का मानना है कि यदि वे ग्राम प्रधान चुने जाते तो गांव के विकास में नई दिशा मिल सकती थी।
चुनाव स्थगन का क्या मतलब?
अब चूंकि ग्राम प्रधान पद के लिए मतदान नहीं होगा, इसलिए इसके लिए दोबारा चुनाव कराने की तारीख बाद में तय की जाएगी। निर्वाचन आयोग आम तौर पर ऐसे मामलों में कुछ समय बाद पुनः नामांकन और मतदान की नई तारीख घोषित करता है।
क्या बाकी पदों पर असर पड़ेगा?
ग्राम प्रधान पद को छोड़कर बाकी वार्ड सदस्य और पंचायत समिति के पदों के लिए चुनाव पूर्व निर्धारित तिथियों पर ही होंगे। ऐसे में देवलग्वाड़ के लोगों को अभी बाकी पदों के लिए मतदान करना होगा।
चमोली जिले के देवलग्वाड़ गांव में ग्राम प्रधान चुनाव का स्थगित होना एक दुखद कारण से जुड़ा है। राजेंद्र सिंह के निधन से जहां एक तरफ चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हुई है, वहीं दूसरी तरफ गांव ने एक सक्रिय और ऊर्जावान युवा नेता को खो दिया है। यह घटना याद दिलाती है कि चुनावी दौड़ केवल राजनीतिक प्रक्रिया नहीं बल्कि उन लोगों के सपनों और उम्मीदों से जुड़ी होती है, जो समाज के लिए कुछ बेहतर करने का इरादा रखते हैं।
ऐसे समय में गांव के लोग राजेंद्र सिंह के परिवार के साथ खड़े हैं और उम्मीद करते हैं कि प्रशासन परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा। आने वाले दिनों में ग्राम प्रधान पद के लिए पुनः चुनाव की घोषणा होगी, लेकिन राजेंद्र सिंह का खाली स्थान शायद ही कभी भरा जा सके।
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