
Ankita Bhandari Murder Case News 2025: अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपी दोषी करार, जानिए पूरा मामला |
Ankita Bhandari Murder Case News 2025: उत्तराखंड की बहुचर्चित और दिल दहला देने वाली अंकिता भंडारी हत्या मामले में कोटद्वार की अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। ये फैसला ऐसे समय आया है जब पीड़िता के परिवार और समाज को न्याय की उम्मीद धुंधली पड़ती नजर आ रही थी।
यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदनाओं और न्याय व्यवस्था की परीक्षा बन गया था। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी —
कौन थीं अंकिता भंडारी?
अंकिता भंडारी, श्रीनगर (गढ़वाल) की रहने वाली थीं। उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। इसी वजह से अंकिता ने नौकरी की तलाश शुरू की और उन्हें ऋषिकेश के वनंतरा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली।
लेकिन यह नौकरी उनकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हुई।
18 सितंबर 2022 को अंकिता लापता हो गईं और कई दिनों तक खोजबीन के बाद उनका शव चीला नहर में मिला। पोस्टमार्टम में स्पष्ट हुआ कि उनकी मौत डूबने से हुई थी और शरीर पर चोटों के निशान थे।
किसने की हत्या? कौन हैं आरोपी?
अंकिता की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया:
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पुलकित आर्य – वनंतरा रिज़ॉर्ट का मालिक और भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा
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सौरभ भास्कर – रिज़ॉर्ट का मैनेजर
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अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता – असिस्टेंट मैनेजर
तीनों आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने अंकिता की हत्या के बाद शव को नहर में फेंक दिया।
हत्या के पीछे की वजह क्या थी?
पीड़िता के परिवार और SIT की चार्जशीट के अनुसार, रिज़ॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर देह व्यापार के लिए दबाव बनाया था। जब उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो पुलकित ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
यह मामला महिलाओं की सुरक्षा, पर्यटन उद्योग के काले सच और राजनीतिक पहुंच के दुरुपयोग का जीवंत उदाहरण बन गया।
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कोर्ट में क्या हुआ?
SIT (विशेष जांच टीम) ने अदालत में 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाह शामिल थे। अदालत ने सभी गवाहों के बयान ध्यान से सुने और सबूतों के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया।
यह फैसला उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
राजनीतिक घमासान
जैसे ही मामला चर्चा में आया, राजनीतिक दबाव भी बढ़ा। पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य, भाजपा नेता थे। लेकिन विवाद बढ़ने पर पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
इस केस में विपक्षी पार्टियों और सामाजिक संगठनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और लंबे समय तक जन आंदोलन चलता रहा।
परिवार का दर्द और संघर्ष
अंकिता के माता-पिता लगातार न्याय की लड़ाई लड़ते रहे। उन्होंने कई बार मीडिया और अदालत से अपील की कि उनकी बेटी को इंसाफ मिले। आज जब कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया, तो परिवार ने “आधी जीत” की बात कही और दोषियों को सख्त सजा की मांग की।
सोशल मीडिया पर उबाल
अंकिता भंडारी की मौत ने पूरे सोशल मीडिया को झकझोर दिया था।
#JusticeForAnkita ट्रेंड करता रहा, लोग कैंडल मार्च निकालते रहे और सरकार से जवाब मांगते रहे। यह केस पूरे देश में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर चर्चा का कारण बना।
SIT की रिपोर्ट में क्या था खास?
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आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड, GPS लोकेशन और गवाहों के बयान
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अंकिता के दोस्तों के व्हाट्सऐप चैट और स्क्रीनशॉट
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घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटों के गहरे निशान
इन सभी सबूतों ने अदालत को यह मानने पर मजबूर किया कि यह हत्या पूर्व नियोजित थी।
अब आगे क्या?
अब जब तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है, अगली सुनवाई में सजा का ऐलान होगा। अंकिता के परिवार और समाज की नज़रें इस बात पर हैं कि अदालत दोषियों को क्या सजा सुनाती है — फांसी, उम्रकैद या कुछ और?
Ankita Bhandari Murder Case केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति, सत्ता के दुरुपयोग और कानून व्यवस्था की सच्चाई को उजागर करता है।
यह फैसला उन सभी महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण है जो सिस्टम में न्याय के लिए लड़ रही हैं।
“अब इंतज़ार है सजा का, ताकि अंकिता की आत्मा को शांति मिले।”
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