
Karnavedha Muhurat 2026: जानें कर्णवेध के लिए मुहूर्त 2026
Karnavedha Muhurat 2026: हिंदू धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कारों का विशेष महत्व बताया गया है। इन सोलह संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है कर्णवेध संस्कार, जिसे बच्चे के जीवन में शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस संस्कार के दौरान बच्चे के कानों में छेद किए जाते हैं, जिसे धार्मिक और आयुर्वेदिक दोनों दृष्टियों से लाभकारी माना गया है। कर्णवेध संस्कार न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह शरीर के ऊर्जात्मक बिंदुओं को सक्रिय करने का माध्यम भी है। आयुर्वेद के अनुसार, कानों के छिद्रों पर दबाव से बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है और उन्हें अनेक बीमारियों से बचाव मिलता है।
कर्णवेध मुहूर्त 2026 (Karnavedha Muhurat 2026)
हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में कर्णवेध संस्कार का विशेष स्थान है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है, बल्कि स्वास्थ्य लाभ से भी जुड़ा है। वर्ष 2026 में कई शुभ मुहूर्त (Karnavedha Muhurat 2026) उपलब्ध हैं, जिनमें यह संस्कार करने से बच्चे का जीवन मंगलमय बनता है।
जनवरी कर्णवेध मुहूर्त 2026 (January Karnavedha Muhurat 2026)
4 जनवरी 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:46 से दोपहर 01:04 बजे तक, तथा 02:39 से शाम 06:49 बजे तक।
5 जनवरी 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 08:25 से दोपहर 01:00 बजे तक।
10 जनवरी 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:46 से 09:48 बजे तक, 11:15 से शाम 04:11 बजे तक।
11 जनवरी 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:46 से 11:12 बजे तक।
14 जनवरी 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:50 से दोपहर 12:25 बजे तक, तथा 02:00 से शाम 06:10 बजे तक।
19 जनवरी 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: दोपहर 01:40 से 03:36 बजे तक, तथा शाम 05:50 से रात 08:11 बजे तक।
21 जनवरी 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:45 से 10:32 बजे तक, तथा 11:57 से दोपहर 03:28 बजे तक।
24 जनवरी 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: दोपहर 03:16 से शाम 07:51 बजे तक।
25 जनवरी 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:44 से 11:41 बजे तक, 01:17 से शाम 07:47 बजे तक।
26 जनवरी 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 11:37 से दोपहर 01:13 बजे तक।
29 जनवरी 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: शाम 05:11 से 07:00 बजे तक।
31 जनवरी 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:41 से 09:53 बजे तक।
फरवरी कर्णवेध मुहूर्त 2026 (February Karnavedha Muhurat 2026)
6 फरवरी 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:37 से 08:02 बजे तक, 09:29 से दोपहर 02:25 बजे तक, तथा 04:40 से शाम 07:00 बजे तक।
7 फरवरी 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:37 से 07:58 बजे तक, तथा 09:25 से शाम 04:36 बजे तक।
21 फरवरी 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: दोपहर 03:41 से शाम 06:01 बजे तक।
22 फरवरी 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:24 से 11:27 बजे तक, तथा 01:22 से शाम 06:24 बजे तक।
मार्च कर्णवेध मुहूर्त 2026 (March Karnavedha Muhurat 2026)
5 मार्च 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:08 से दोपहर 12:39 बजे तक, तथा 02:54 से शाम 07:31 बजे तक।
15 मार्च 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:04 से दोपहर 12:00 बजे तक, तथा 02:14 से शाम 06:52 बजे तक।
16 मार्च 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:01 से 11:56 बजे तक, तथा 02:10 से शाम 06:44 बजे तक।
20 मार्च 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:56 से 08:09 बजे तक, 09:44 से शाम 04:15 बजे तक।
21 मार्च 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:55 से 09:40 बजे तक, तथा 11:36 से शाम 06:28 बजे तक।
25 मार्च 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:49 से दोपहर 01:35 बजे तक।
27 मार्च 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 11:12 से दोपहर 03:47 बजे तक।
28 मार्च 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:13 से दोपहर 03:43 बजे तक।
अप्रैल कर्णवेध मुहूर्त 2026 (April Karnavedha Muhurat 2026)
2 अप्रैल 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:18 से 10:49 बजे तक, तथा 01:03 से शाम 06:08 बजे तक।
3 अप्रैल 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:14 से दोपहर 01:00 बजे तक, तथा 03:20 से रात 07:53 बजे तक।
6 अप्रैल 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: शाम 05:25 से 07:42 बजे तक।
12 अप्रैल 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:39 से 10:09 बजे तक, तथा 12:24 से दोपहर 02:44 बजे तक।
13 अप्रैल 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:35 से दोपहर 12:20 बजे तक, तथा 02:41 से शाम 04:58 बजे तक।
18 अप्रैल 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:24 से 07:50 बजे तक, 09:46 से दोपहर 12:01 बजे तक।
23 अप्रैल 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:31 से 11:41 बजे तक, तथा 02:01 से शाम 06:35 बजे तक।
24 अप्रैल 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:22 से दोपहर 01:57 बजे तक, तथा 04:15 से शाम 06:31 बजे तक।
29 अप्रैल 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:07 से 09:03 बजे तक, 11:17 से शाम 06:11 बजे तक।
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मई कर्णवेध मुहूर्त 2026 (May Karnavedha Muhurat 2026)
3 मई 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:39 से दोपहर 01:22 बजे तक, तथा 03:39 से रात 08:15 बजे तक।
4 मई 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:47 से 10:58 बजे तक।
9 मई 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:28 से 08:23 बजे तक, तथा 10:38 से शाम 05:32 बजे तक।
10 मई 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:24 से 08:19 बजे तक, तथा 10:34 से शाम 05:28 बजे तक।
14 मई 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:08 से दोपहर 12:39 बजे तक, तथा 02:56 से शाम 06:23 बजे तक।
15 मई 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 08:00 से 10:14 बजे तक।
जून कर्णवेध मुहूर्त 2026 (June Karnavedha Muhurat 2026)
15 जून 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 10:33 से शाम 05:26 बजे तक।
17 जून 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 05:54 से 08:05 बजे तक, तथा 12:42 से रात 07:37 बजे तक।
22 जून 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: दोपहर 12:23 से 02:39 बजे तक।
24 जून 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:57 से दोपहर 02:31 बजे तक।
27 जून 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:25 से 09:46 बजे तक, तथा 12:03 से शाम 06:57 बजे तक।
जुलाई कर्णवेध मुहूर्त 2026 (July Karnavedha Muhurat 2026)
2 जुलाई 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 11:43 से दोपहर 02:00 बजे तक, तथा 04:19 से शाम 06:38 बजे तक।
4 जुलाई 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: दोपहर 01:52 से 04:11 बजे तक।
8 जुलाई 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:42 से 09:02 बजे तक, तथा 11:20 से दोपहर 01:36 बजे तक।
9 जुलाई 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: दोपहर 01:32 से 03:52 बजे तक।
12 जुलाई 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 11:04 से दोपहर 01:20 बजे तक, तथा 03:40 से शाम 07:36 बजे तक।
15 जुलाई 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:15 से 08:35 बजे तक, तथा 10:52 से शाम 05:47 बजे तक।
20 जुलाई 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:07 से दोपहर 12:49 बजे तक, तथा 03:08 से शाम 07:07 बजे तक।
24 जुलाई 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:09 से 08:00 बजे तक, तथा 10:17 से शाम 05:11 बजे तक।
29 जुलाई 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: शाम 04:52 से 06:55 बजे तक।
30 जुलाई 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:36 से दोपहर 12:10 बजे तक, तथा 02:29 से शाम 06:13 बजे तक।
31 जुलाई 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:32 से दोपहर 02:25 बजे तक, तथा 04:44 से शाम 06:48 बजे तक।
अगस्त कर्णवेध मुहूर्त 2026 (August Karnavedha Muhurat 2026)
5 अगस्त 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 11:46 से शाम 06:28 बजे तक।
9 अगस्त 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:57 से दोपहर 01:50 बजे तक।
10 अगस्त 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: शाम 04:04 से 06:08 बजे तक।
16 अगस्त 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: शाम 05:45 से 07:27 बजे तक।
17 अगस्त 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:25 से 10:59 बजे तक, तथा 01:18 से शाम 07:23 बजे तक।
20 अगस्त 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 10:47 से दोपहर 03:25 बजे तक, तथा 05:29 से शाम 07:11 बजे तक।
26 अगस्त 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:27 से 10:23 बजे तक।
सितम्बर कर्णवेध मुहूर्त 2026 (September Karnavedha Muhurat 2026)
7 सितंबर 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:20 से 11:56 बजे तक, तथा 04:18 से शाम 06:43 बजे तक।
12 सितंबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: दोपहर 01:55 से शाम 05:41 बजे तक।
13 सितंबर 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:38 से 09:13 बजे तक, 11:32 से शाम 05:37 बजे तक।
17 सितंबर 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:41 से दोपहर 01:35 बजे तक, तथा 03:39 से शाम 06:49 बजे तक।
23 सितंबर 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:41 से 08:33 बजे तक, 10:53 से शाम 04:58 बजे तक।
24 सितंबर 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 06:41 से 10:49 बजे तक।
अक्टूबर कर्णवेध मुहूर्त 2026 (October Karnavedha Muhurat 2026)
11 अक्टूबर 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:42 से शाम 05:14 बजे तक।
21 अक्टूबर 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:30 से 09:03 बजे तक, 11:21 से शाम 04:35 बजे तक, तथा 06:00 से 07:35 बजे तक।
26 अक्टूबर 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:00 से दोपहर 01:06 बजे तक, तथा 02:48 से शाम 06:11 बजे तक।
30 अक्टूबर 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:03 से 08:27 बजे तक।
31 अक्टूबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:41 से 08:23 बजे तक, 10:42 से दोपहर 03:56 बजे तक, तथा 05:21 से शाम 06:56 बजे तक।
नवंबर कर्णवेध मुहूर्त 2026 (November Karnavedha Muhurat 2026)
1 नवंबर 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:04 से 10:38 बजे तक, तथा 12:42 से शाम 05:17 बजे तक।
6 नवंबर 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 08:00 से दोपहर 02:05 बजे तक, तथा 03:32 से शाम 06:32 बजे तक।
7 नवंबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:56 से दोपहर 12:18 बजे तक।
11 नवंबर 2026, बुधवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:40 से 09:59 बजे तक, तथा 12:03 से 01:45 बजे तक।
16 नवंबर 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:20 से दोपहर 01:25 बजे तक, तथा 02:53 से रात 07:48 बजे तक।
21 नवंबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:20 से 09:19 बजे तक, 11:23 से 03:58 बजे तक, तथा 05:33 से 06:20 बजे तक।
22 नवंबर 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:20 से 11:19 बजे तक, तथा 01:02 से शाम 05:29 बजे तक।
26 नवंबर 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:00 से दोपहर 02:13 बजे तक, तथा 03:38 से शाम 06:17 बजे तक।
28 नवंबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 10:56 से दोपहर 03:30 बजे तक, तथा 05:06 से रात 07:01 बजे तक।
29 नवंबर 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:26 से 08:48 बजे तक, तथा 10:52 से दोपहर 12:34 बजे तक।
दिसंबर कर्णवेध मुहूर्त 2026 (December Karnavedha Muhurat 2026)
3 दिसंबर 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 10:36 से दोपहर 12:18 बजे तक।
4 दिसंबर 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:30 से दोपहर 12:14 बजे तक, तथा 01:42 से शाम 06:38 बजे तक।
5 दिसंबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 08:24 से दोपहर 01:38 बजे तक।
14 दिसंबर 2026, सोमवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:37 से 11:35 बजे तक, तथा 01:03 से शाम 05:58 बजे तक।
19 दिसंबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:33 से दोपहर 02:08 बजे तक, तथा 03:43 से रात 07:53 बजे तक।
20 दिसंबर 2026, रविवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:40 से 09:29 बजे तक।
25 दिसंबर 2026, शुक्रवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:43 से दोपहर 12:19 बजे तक, तथा 01:44 से रात 07:30 बजे तक।
26 दिसंबर 2026, शनिवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 09:06 से 10:48 बजे तक।
31 दिसंबर 2026, गुरुवार, शुभ कर्णवेध मुहूर्त: सुबह 07:45 से 10:28 बजे तक, तथा 11:56 से 01:21 बजे तक।
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कर्णवेध संस्कार का धार्मिक और ऐतिहासिक आधार (Religious and Historical Significance of Karnavedha)
कर्णवेध संस्कार का उल्लेख वेदों और पुराणों में विस्तार से मिलता है। यह संस्कार न केवल सौंदर्य के लिए बल्कि आत्मिक और मानसिक विकास के लिए भी किया जाता है।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, बच्चे के कान छिदवाने से नाड़ी तंत्र (Nervous System) को सक्रियता मिलती है और सुनने की क्षमता तेज होती है। इसके साथ ही यह संस्कार देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रतीक भी माना जाता है।
इतिहास में यह परंपरा केवल मानवों तक सीमित नहीं रही; कई देवी-देवताओं की मूर्तियों में भी कर्णछेदन के प्रतीक स्पष्ट देखे जा सकते हैं। यह संस्कार माता-पिता द्वारा अपने बच्चे के भविष्य की शुभ शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।
कर्णवेध संस्कार करने का सही समय (Right Time for Karnavedha Sanskar)
कर्णवेध संस्कार के लिए सही समय और शुभ मुहूर्त का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सामान्यतः यह संस्कार जन्म के 6 महीने से लेकर 2 वर्ष की आयु तक किया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, बच्चे का स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और ऋतु का प्रभाव इस संस्कार पर गहरा असर डालते हैं। अतः इसे ऐसे समय पर करना चाहिए जब बच्चा स्वस्थ हो और वातावरण शुद्ध तथा संतुलित हो।
कर्णवेध मुहूर्त 2026 के दौरान अनेक शुभ तिथियाँ उपलब्ध हैं, जिनमें इस संस्कार को संपन्न करना अत्यंत लाभदायक माना गया है।
कर्णवेध संस्कार के वैज्ञानिक लाभ (Scientific Benefits of Karnavedha)
कर्णवेध केवल धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा वैज्ञानिक तर्क भी छिपा हुआ है।
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तंत्रिका तंत्र की सक्रियता: कान के लोब में नाड़ी बिंदु होते हैं, जिन पर छेद करने से शरीर में ऊर्जा प्रवाह संतुलित रहता है।
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दृष्टि में सुधार: यह माना गया है कि कान छिदवाने से बच्चों की आंखों की रोशनी बढ़ती है।
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मस्तिष्क विकास: कान के निचले हिस्से में दबाव से मस्तिष्क की सक्रियता और सीखने की क्षमता में वृद्धि होती है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता: कर्णवेध के बाद शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
कर्णवेध संस्कार की विधि (Procedure of Karnavedha Sanskar)
कर्णवेध संस्कार सामान्यतः किसी शुभ दिन और मुहूर्त में परिवार के पंडित की देखरेख में किया जाता है।
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संस्कार से पहले बच्चे को स्नान कराया जाता है और भगवान गणेश तथा विष्णु की पूजा की जाती है।
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फिर बच्चे को मां या पिता की गोद में बैठाकर सोने या चांदी की सुई से कानों में छेद किया जाता है।
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छेद के बाद हल्दी, नीम या तुलसी के रस का उपयोग संक्रमण से बचाव के लिए किया जाता है।
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अंत में बच्चे को मीठा खिलाकर और आरती उतारकर संस्कार संपन्न किया जाता है।
कर्णवेध के लिए शुभ दिशा और स्थान (Auspicious Direction and Place for Karnavedha)
शास्त्रों में उल्लेख है कि कर्णवेध संस्कार हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके किया जाना चाहिए।
स्थान का चयन भी महत्वपूर्ण होता है — यह कार्य घर में या किसी मंदिर परिसर में किया जा सकता है।
आजकल लोग आधुनिक क्लीनिक या आयुर्वेदिक केंद्रों में भी यह संस्कार करवाते हैं ताकि चिकित्सा सुविधा और धार्मिक परंपरा दोनों का संतुलन बना रहे।
कर्णवेध संस्कार में आवश्यक सावधानियाँ (Precautions During Karnavedha)
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बच्चे का स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक होना चाहिए।
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उपकरण पूर्ण रूप से स्वच्छ और स्टेरलाइज्ड हों।
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छेद के बाद कानों की नियमित सफाई की जाए।
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किसी प्रकार की सूजन या दर्द होने पर चिकित्सक से तुरंत परामर्श लिया जाए।
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शुरुआती दिनों में बच्चे को धूल और धूप से बचाया जाए।
कर्णवेध संस्कार में जप और पूजा विधि (Mantras and Puja in Karnavedha)
संस्कार के समय विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जिनसे वातावरण शुद्ध और ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।
आम तौर पर “ओं नमः शिवाय”, “गायत्री मंत्र”, और “ओं श्री गणेशाय नमः” का जाप किया जाता है।
यह माना जाता है कि इन मंत्रों के स्पंदन से बच्चे के शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसे जीवनभर शुभता का आशीर्वाद मिलता है।
कर्णवेध मुहूर्त 2026 का महत्व (Significance of Karnavedha Muhurat 2026)
वर्ष 2026 में कर्णवेध संस्कार के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं।
इस वर्ष ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों का संयोग इस संस्कार के लिए अत्यंत अनुकूल रहेगा।
कर्णवेध के सही समय पर संपन्न होने से बच्चे का स्वास्थ्य, बुद्धि और भाग्य मजबूत होता है।
माता-पिता के लिए यह संस्कार बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने जैसा है।
कर्णवेध संस्कार के बाद क्या करें (Post-Care after Karnavedha)
संस्कार के बाद बच्चे के कानों की उचित देखभाल बेहद जरूरी है।
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पहले कुछ दिनों तक केवल सोने की बालियाँ पहनाई जानी चाहिए।
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कानों को रोजाना गुनगुने पानी से साफ किया जाए।
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किसी भी प्रकार का संक्रमण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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बच्चा अगर असहज महसूस करे, तो कुछ दिनों तक कानों में दवा डालना या रुई लगाना टालें।
आधुनिक समय में कर्णवेध की प्रासंगिकता (Relevance of Karnavedha in Modern Times)
आज के आधुनिक युग में भी यह संस्कार अपनी महत्ता बनाए हुए है।
जहाँ पहले यह केवल धार्मिक दृष्टि से किया जाता था, वहीं अब चिकित्सा विशेषज्ञ भी इसके स्वास्थ्य लाभों को स्वीकारते हैं।
कर्णवेध को अब “Acupressure Therapy” के रूप में भी देखा जाने लगा है, क्योंकि यह शरीर के कई एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को सक्रिय करता है।
इसलिए यह संस्कार आज भी उतना ही प्रासंगिक और लाभकारी है जितना प्राचीन काल में था।
निष्कर्ष (Conclusion)
कर्णवेध संस्कार केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक संतुलन का प्रतीक है।
यह परंपरा हमारे प्राचीन ऋषियों की गहरी वैज्ञानिक सोच का परिणाम है, जिसने शरीर के हर अंग के पीछे के ऊर्जा तंत्र को पहचाना।
इसलिए, जब भी आप अपने बच्चे का कर्णवेध संस्कार करवाएँ, तो सही कर्णवेध मुहूर्त 2026 का चयन अवश्य करें ताकि यह शुभ कार्य पूर्णता और मंगलता के साथ संपन्न हो सके।
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