
Kedarnath Dham Doors Opened 2025: खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, पीएम मोदी के नाम से हुई पहली पूजा, धाम सजा 108 क्विंटल फूलों से
Kedarnath Dham Doors Opened 2025: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2025) का आध्यात्मिक आगाज एक बार फिर पूरे भव्यता और श्रद्धा के साथ हो गया है। शुक्रवार, 2 मई 2025 को सुबह ठीक 7 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। बैशाख मास, मिथुन राशि और वृष लग्न के शुभ संयोग में ये शुभारंभ हुआ। इस पावन अवसर पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए मौजूद रहे, जिन्होंने ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से पूरी केदार घाटी को गुंजा दिया।
बाबा केदार की पहली पूजा पीएम मोदी के नाम से
केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के बाद सबसे पहले पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नाम से संपन्न की गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने स्वयं पूजा करवाई और बताया कि पीएम मोदी बाबा केदार के अनन्य भक्त हैं, इसलिए पहला पूजन उन्हीं के नाम से किया गया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था जिसने श्रद्धालुओं के मन में और अधिक भक्ति भाव भर दिया।
108 क्विंटल फूलों से सजा धाम (Kedarnath Decorated With 108 Quintal Flowers)
इस वर्ष केदारनाथ मंदिर को खास अंदाज में सजाया गया। 108 क्विंटल रंग-बिरंगे फूलों से मंदिर की सजावट की गई, जिससे यह दृश्य स्वर्ग जैसा प्रतीत हुआ। मंदिर प्रांगण और पूरा धाम फूलों से सजा ऐसा लग रहा था जैसे देवताओं का स्वागत स्वयं प्रकृति कर रही हो।
पंचमुखी डोली के साथ पहुंचे भक्त
कपाट खुलने से पहले बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम पहुंची थी। हजारों श्रद्धालु डोली के साथ चलते हुए केदारनाथ तक पहुंचे, जो उनकी आस्था और भक्ति को दर्शाता है। बाबा की डोली को मंदिर के भंडार गृह में विधिवत विराजमान किया गया।
केदारनाथ में हुई पुष्पवर्षा, श्रद्धालुओं ने देखा अद्भुत दृश्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। यह दृश्य इतना मनोहारी था कि उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें भावुक हो उठीं। केदारनाथ धाम की ऊंची पहाड़ियों के बीच रंग-बिरंगे फूलों की वर्षा ने वातावरण को दिव्यता से भर दिया।
चारधाम यात्रा का शुभारंभ और रूट मैप (Chardham Yatra Route Map 2025)
इस बार की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हो चुकी थी। अब 4 मई को बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट खुलने के बाद यात्रा पूर्ण रूप से चालू हो जाएगी। चारधाम यात्रा का रूट इस प्रकार रहेगा:
ऋषिकेश → गुप्तकाशी → सोनप्रयाग → गौरीकुंड → केदारनाथ
शीतकालीन यात्रा का बढ़ता प्रभाव (Winter Chardham Yatra)
जब अक्टूबर-नवंबर में धामों के कपाट बंद हो जाते हैं, तो उत्तराखंड सरकार द्वारा शीतकालीन चारधाम यात्रा (Winter Chardham Yatra) का आयोजन किया जाता है। इस पहल को तीर्थयात्रियों से काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शीतकालीन धामों के दर्शन किए।
CM धामी का बयान: सेना उचित समय पर देगी जवाब
कपाट खुलने के मौके पर जब सीएम धामी से पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हमारी सेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उचित समय पर उचित कार्रवाई करेगी। उन्होंने इस अवसर पर देश की सुरक्षा को लेकर विश्वास जताया।
चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ 3 मई को ऋषिकेश से
चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ 3 मई को ऋषिकेश ट्रांसिट कैंप से होगा। यहां भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, वन मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक प्रेमचंद अग्रवाल और महापौर शंभू पासवान विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
पहली बार यात्रियों को गढ़ भोज
इस बार विशेष पहल के रूप में चारधाम यात्रा के शुभारंभ पर यात्रियों को पारंपरिक गढ़ भोज (Garh Bhoj) कराया जाएगा। इस भोज में ‘भड्डू की दाल’, ‘भात’ और गढ़वाली व्यंजन परोसे जाएंगे। श्रद्धालुओं को जमीन पर बैठाकर भोजन कराना उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, और यह कार्यक्रम उसी संस्कृति को संजोने का एक प्रयास है।
PM मोदी के प्रयासों से हुआ पुनर्निर्माण
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा कि 2013 की भीषण आपदा के बाद केदारनाथ धाम का जो भव्य पुनर्निर्माण हुआ है, वह पीएम नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और संकल्प का ही परिणाम है। उन्होंने यात्रा को सुगम बनाने के लिए जो अधोसंरचना तैयार की है, वह अब एक मिसाल बन चुकी है।
Kedarnath Dham Doors Opened 2025– यह केवल एक धार्मिक समाचार नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। बाबा केदार के कपाट खुलने से न केवल चारधाम यात्रा का आध्यात्मिक मार्ग खुलता है, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यटन और आर्थिकी को भी नई ऊर्जा मिलती है। अगर आप इस वर्ष चारधाम यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अब समय है अपनी आस्था को जीवंत करने का – हिमालय की गोद में, बाबा केदार की छांव में।
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