खेल मंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट का आभार जताते हुए कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राजभवन से भी जल्द इस अध्यादेश को स्वीकृति मिलेगी।
विधेयक से अध्यादेश तक का सफर
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का विचार अगस्त 2024 में विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किया गया था। विधानसभा से स्वीकृति के बाद विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा गया, लेकिन राजभवन ने इसमें कुछ सुझाव दिए और इसे सुधार के लिए वापस भेज दिया।
राज्य सरकार ने सभी सुझावों को संशोधित विधेयक में शामिल करके इसे 11 दिसंबर 2024 की कैबिनेट बैठक में पुनः पेश किया। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे अध्यादेश के रूप में राज्यपाल को भेजा जा रहा है।
खेल मंत्री का बयान
खेल मंत्री रेखा आर्य ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को “उत्तराखंड के खेल क्षेत्र में मील का पत्थर” बताते हुए कहा कि यह परियोजना खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए खिलाड़ियों को तैयार करना है।
38वें नेशनल गेम्स की तैयारियां
खेल मंत्री ने उत्तराखंड में आगामी 38वें नेशनल गेम्स की तैयारियों पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोजन से संबंधित लगभग सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। अब केवल डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन (DOC) द्वारा सुझाए गए बचे हुए कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व्यक्तिगत रूप से नेशनल गेम्स की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और 27 दिसंबर तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।
मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में सभी विभागों के सचिवों को आवश्यक निर्देश दिए गए थे। यह बैठक कैबिनेट बैठक के समानांतर मानी जा सकती है।
खिलाड़ियों को मिलेगा बड़ा मंच
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी उत्तराखंड में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए एक बड़ा मंच साबित होगी। यह विश्वविद्यालय खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं, विशेषज्ञ कोचिंग और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
इसके साथ ही यह विश्वविद्यालय स्थानीय खिलाड़ियों को उनके घर के पास ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग का अवसर देगा
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और नेशनल गेम्स की तैयारियां उत्तराखंड को खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगी। सरकार की यह पहल न केवल राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देगी, बल्कि खेलों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी।
राजभवन से अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना के कार्यान्वयन की दिशा में तेजी आने की उम्मीद है। यह कदम निश्चित रूप से उत्तराखंड को एक खेल राज्य के रूप में उभरने में मदद करेगा।