
रुद्रप्रयाग। भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (एसबीआई-आरसेटी) द्वारा आयोजित छह दिवसीय वित्तीय साक्षरता-सीआरपी कार्यक्रम का आज समापन हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों, विशेषकर महिलाओं को वित्तीय प्रबंधन और स्वरोजगार के प्रति जागरूक बनाना था।
समापन समारोह में लीड बैंक अधिकारी अनूप सिंह, आरसेटी निदेशक किशन सिंह रावत, लोकपाल सी.पी. चमोली और नंदकिशोर थपलियाल मौजूद रहे।
लीड बैंक अधिकारी ने कहा कि वित्तीय साक्षरता की कमी के कारण ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह प्रशिक्षण ग्रामीणों को सुरक्षित डिजिटल लेनदेन और वित्तीय समझ बढ़ाने में सहायक होगा।
आरसेटी निदेशक किशन सिंह रावत ने प्रतिभागियों को विभिन्न बैंकिंग सेवाओं, लोन की विशेषताओं और क्रेडिट प्रोफाइल मूल्यांकन जैसे विषयों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबिल स्कोर, आय का स्रोत और वित्तीय स्थिरता जैसे पहलुओं को देखते हुए ही बैंक ऋण प्रदान करते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान फैकल्टी भूपेंद्र रावत और नंदकिशोर थपलियाल ने प्रतिभागियों को बचत, ऋण प्रबंधन, निवेश और डिजिटल लेनदेन जैसे विषयों पर व्यावहारिक सत्र दिए। जनपद के एफ.एल.सी. विनोद कुमार गुप्ता ने डिजिटल बैंकिंग, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को वित्तीय साक्षरता टूल किट और प्रमाण पत्र वितरित किए गए। निदेशक रावत ने बताया कि यह टूल किट ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय जागरूकता फैलाने का प्रभावी माध्यम बनेगी।
इस अवसर पर वीरेंद्र बर्तवाल, प्रवीन कप्रवान, संगीता देवी सहित बड़ी संख्या में महिला प्रशिक्षार्थी मौजूद रहीं।
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