मसूरी के एमपीजी कॉलेज में छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन कॉलेज परिसर में रंगाई-पुताई का काम बिना टेंडर प्रक्रिया पूरी किए शुरू करने के कारण हुआ। छात्रों ने आरोप लगाया कि यह कार्य नियमों के विरुद्ध और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है।
छात्रों का आक्रोश और नारेबाजी
कॉलेज के गेट पर इकट्ठा होकर छात्रों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रसंघ अध्यक्ष मोहन शाही और एबीवीपी नेता आशुतोष जोशी ने इस मामले में कॉलेज प्रशासन को घेरते हुए कहा कि नगर पालिका मसूरी द्वारा 16 दिसंबर को रंगाई-पुताई के लिए टेंडर प्रक्रिया की जानी थी। लेकिन इससे पहले ही प्रबंधन ने काम शुरू करवा दिया।
प्रबंधन की चुप्पी
जब इस मुद्दे पर कॉलेज के प्राचार्य से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस काम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। छात्रों ने सवाल उठाया कि बिना टेंडर प्रक्रिया के काम शुरू करने की जल्दबाजी क्यों की गई, और इस मामले में पारदर्शिता का अभाव क्यों है।
नगर पालिका की कार्रवाई
मामले को बढ़ता देख मसूरी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह ने तत्काल प्रभाव से रंगाई-पुताई का काम रुकवाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना नियमों के कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा।
छात्रों की मांग
छात्रसंघ ने मांग की है कि इस मामले की गहन जांच हो और जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई की जाए। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे आंदोलन तेज करेंगे।
क्या है आगे की राह?
यह मामला कॉलेज प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। छात्रों का कहना है कि इस प्रकार की अनियमितताएं न केवल नियमों का उल्लंघन हैं, बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा भी देती हैं। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और कॉलेज प्रशासन छात्रों की मांगों को कैसे संबोधित करता है।
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