
Vivah Shubh Muhurat 2026: आज ही प्लान करें, विवाह मुहूर्त 2026 में कब करनी है शादी
Vivah Muhurat 2026: साल 2026 बहुत से लोगों के जीवन में नई खुशियां लेकर आने वाला है। कुछ जातकों को अपने जीवनसाथी का साथ मिलेगा तो कुछ लोगों के घरों में शहनाइयां गूंजेंगी। हिंदू धर्म में विवाह को सिर्फ एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि एक पवित्र संस्कार माना गया है। यही कारण है कि विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और तिथियों का विशेष महत्व होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को विवाह का कारक ग्रह कहा गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्थिति में होता है, तो उसके विवाह में बाधाएं नहीं आतीं और उचित समय पर अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। वहीं, जिन लोगों की कुंडली में गुरु कमजोर होता है या विवाह दोष उपस्थित होते हैं, उन्हें विवाह में विलंब का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखना शुभ माना जाता है। क्योंकि देवगुरु बृहस्पति भगवान विष्णु के ही स्वरूप माने गए हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से ग्रह दोषों का निवारण होता है और विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।
विवाह मुहूर्त की शुरुआत कब होगी?
साल 2026 में विवाह का शुभ आरंभ नवंबर महीने से होगा। इस समय भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं, जिसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है। कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर से जागते हैं और इसके अगले दिन तुलसी विवाह का आयोजन होता है। इसी दिन से पूरे वर्ष के शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
देवउठनी एकादशी से पहले चातुर्मास का समय होता है, जब भगवान विष्णु विश्राम अवस्था में होते हैं। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ, उपनयन जैसे सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।
साल 2026 के विवाह मुहूर्त (Hindu Marriage Dates 2026)
फरवरी 2026 के विवाह मुहूर्त
फरवरी महीने में कुल 12 दिन विवाह के लिए शुभ रहेंगे।
शुभ तिथियां: 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19, 20, 21, 24, 25 और 26 फरवरी।
यह महीना वसंत ऋतु की शुरुआत का समय होता है। मौसम सुहावना रहता है, इसलिए इस महीने में विवाह समारोह का विशेष आकर्षण होता है।
मार्च 2026 के विवाह मुहूर्त
शुभ तिथियां: 1, 3, 4, 7, 8, 9, 11 और 12 मार्च।
मार्च में विवाह करना बेहद शुभ माना गया है, क्योंकि यह समय होलिका दहन और फाल्गुन पूर्णिमा के आस-पास आता है। इस महीने में ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहती है।
अप्रैल 2026 के विवाह मुहूर्त
शुभ तिथियां: 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28 और 29 अप्रैल।
अप्रैल महीने में कुल आठ दिन विवाह के लिए शुभ हैं। यह समय विशेष रूप से गर्मी के पहले का होता है, इसलिए इसे पारंपरिक विवाहों के लिए आदर्श माना जाता है।
मई 2026 के विवाह मुहूर्त
शुभ तिथियां: 1, 3, 5, 6, 7, 8, 13 और 14 मई।
मई का महीना हमेशा से विवाह के लिए पसंदीदा रहा है। शुक्ल पक्ष में ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है और परिवारों में आनंद का माहौल रहता है।
जून 2026 के विवाह मुहूर्त
शुभ तिथियां: 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27 और 29 जून।
यह महीने का उत्तरार्ध विवाह के लिए शुभ रहेगा। हालांकि गर्मी का प्रभाव बढ़ जाता है, फिर भी ग्रह योग शुभ परिणाम देने वाले रहते हैं।
जुलाई 2026 के विवाह मुहूर्त
शुभ तिथियां: 1, 6, 7 और 11 जुलाई।
जुलाई के पहले पखवाड़े तक विवाह के अवसर रहेंगे, इसके बाद चातुर्मास आरंभ हो जाएगा, जिसमें विवाह करना वर्जित है।
नवंबर 2026 के विवाह मुहूर्त
शुभ तिथियां: 21, 24, 25 और 26 नवंबर।
देवउठनी एकादशी के बाद विवाहों का शुभ काल फिर से शुरू होगा। नवंबर का महीना सर्दियों की शुरुआत का होता है, इसलिए यह विवाह के लिए अत्यंत शुभ और आनंददायक रहता है।
दिसंबर 2026 के विवाह मुहूर्त
शुभ तिथियां: 2, 3, 4, 5, 6, 11 और 12 दिसंबर।
दिसंबर का महीना पूरे वर्ष के विवाह सीजन का समापन करता है। ठंडे मौसम में शादियों का आनंद दोगुना हो जाता है और यह समय कई परिवारों के लिए उत्सव का अवसर लेकर आता है।
चातुर्मास में विवाह क्यों नहीं किए जाते?
हिंदू धर्म में चातुर्मास का काल विशेष महत्व रखता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इस चार माह की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु विश्राम अवस्था में रहते हैं, इसलिए कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता।
शास्त्रों के अनुसार, चातुर्मास में किए गए शुभ कार्यों से पूर्ण फल नहीं मिलता। इसीलिए लोग देवउठनी एकादशी के बाद ही विवाह, गृह प्रवेश या किसी अन्य शुभ कार्य की योजना बनाते हैं।
सूर्य और गुरु के गोचर का विवाह पर प्रभाव
विवाह मुहूर्त तय करते समय केवल तिथि ही नहीं, बल्कि ग्रहों की चाल भी देखी जाती है। विशेष रूप से सूर्य और गुरु की स्थिति का बड़ा प्रभाव पड़ता है।
जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में गोचर करते हैं, तब विवाह करना अशुभ माना जाता है। इस अवधि में गुरु का प्रभाव कमज़ोर होता है, जिससे विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए इन महीनों में विवाह के मुहूर्त नहीं निकाले जाते।
विवाह से पहले करें ये उपाय
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गुरुवार को व्रत रखें – हर गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति की पूजा करें।
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पीली वस्तुएं दान करें – जैसे चना दाल, हल्दी, पीला वस्त्र, ये वस्तुएं गुरु को प्रसन्न करती हैं।
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तुलसी विवाह में भाग लें – तुलसी विवाह में शामिल होना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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गाय को चारा खिलाएं – यह भी विवाह योग को मजबूत करता है।
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कुंडली का मिलान कराएं – शादी से पहले वर-वधू की कुंडलियों का मिलान अवश्य कराएं ताकि वैवाहिक जीवन में कोई दोष न रहे।
निष्कर्ष
साल 2026 विवाह के लिहाज से बेहद शुभ और खास रहेगा। पूरे साल में करीब 60 से अधिक शुभ मुहूर्त मिलेंगे, जिनमें विवाह जैसे पवित्र संस्कार को संपन्न किया जा सकता है। ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूल स्थिति और भगवान विष्णु की कृपा से कई जातकों के जीवन में नई शुरुआत होगी।
विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों, दो संस्कृतियों और दो जीवनों का संगम है। इसलिए सही समय और शुभ मुहूर्त में विवाह करना वैवाहिक जीवन की सफलता और सुख-समृद्धि का आधार बनता है।
अगर आप 2026 में विवाह की योजना बना रहे हैं, तो ऊपर दी गई तिथियां आपके लिए उपयोगी साबित होंगी। योग्य पंडित से परामर्श लेकर अपने अनुकूल मुहूर्त का चयन करें और जीवन के इस नए अध्याय की शुभ शुरुआत करें।