
Uttarakhand Weather Report Today: 21 जुलाई को बंद रहेंगे स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र, जिलाधिकारी ने जारी किया आदेश
Uttarakhand Weather Report Today: बारिश के मौसम में जब आसमान में काले बादल घिर आते हैं, तो लोगों के मन में चिंता भी घर कर जाती है। इसी कड़ी में जनपद गढ़वाल में 21 जुलाई को स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने खराब मौसम और भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी और निजी विद्यालयों (कक्षा 1 से 12 तक) के साथ-साथ समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिन का अवकाश घोषित कर दिया है। यह फैसला बच्चों की सुरक्षा और आमजन की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है।
बारिश का अलर्ट क्यों ज़रूरी था?
भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी कि 21 जुलाई को गढ़वाल क्षेत्र में भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है। इसके साथ ही तेज गर्जना, आकाशीय बिजली गिरने और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना जताई गई है। ऐसे में स्कूलों में बच्चों का पहुँचना और घर लौटना दोनों ही जोखिम भरा हो सकता था।
बारिश के दौरान नदियों, नालों और गधेरों का जलस्तर तेजी से बढ़ जाता है, जिससे हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। पहले भी कई बार ऐसे हालातों में छोटे बच्चों और ग्रामीण इलाकों में जाने वाले विद्यार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। यही वजह रही कि इस बार प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए पहले ही छुट्टी की घोषणा कर दी।
जिलाधिकारी के निर्देश और अपील
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने न सिर्फ स्कूलों में अवकाश घोषित किया है बल्कि सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अवकाश की सूचना हर स्कूल में समय से पहुँच जाए ताकि किसी भी बच्चे को या उसके परिवार को परेशानी न हो।
इसके अलावा जिलाधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि लोग खराब मौसम में बेवजह घर से बाहर न निकलें। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन से संपर्क करने की सलाह दी गई है। साथ ही उन्होंने विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों जैसे नदी-नालों के किनारे या भूस्खलन संभावित इलाकों में न जाने की चेतावनी भी दी है।
प्रशासन की तैयारियां
भारी बारिश के अलर्ट के चलते प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को भी अलर्ट मोड में रखा है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत कार्य शुरू किया जाए। गाँवों और दूरदराज के इलाकों में लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर भी सूचना दी जा रही है।
सड़क परिवहन विभाग को भी सतर्क रहने को कहा गया है ताकि किसी भी सड़क के टूटने या भूस्खलन की स्थिति में तुरंत मरम्मत और यातायात व्यवस्था बहाल की जा सके।
क्यों जरूरी है यह कदम?
उत्तराखंड का भौगोलिक क्षेत्र पहाड़ी और आपदा संभावित माना जाता है। यहाँ हर साल मानसून में कहीं न कहीं भूस्खलन, बादल फटने या नदियों में बाढ़ जैसी घटनाएँ सामने आती रहती हैं। कई बार स्कूल जाते समय बच्चे ऐसे रास्तों से होकर गुजरते हैं जो नदियों या गधेरों के किनारे होते हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना ही समझदारी है।
पिछले कुछ वर्षों में मानसून के दौरान कई हादसों ने यह साबित किया है कि मौसम की अनदेखी करना खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए अब प्रशासन ऐसी चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए पहले से तैयारियाँ कर रहा है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
लोगों को क्या करना चाहिए?
बारिश के दौरान आम जनता को भी सतर्क रहना जरूरी है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है। यदि बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें और जलभराव या बहते नालों के पास से दूरी बनाकर रखें।
ग्रामीण इलाकों में अक्सर बच्चे और लोग लापरवाही में तेज बहाव वाले पानी में खेलने या उसे पार करने की कोशिश करते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकता है। प्रशासन की सलाह को मानना सभी की जिम्मेदारी है।
स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी
मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी स्कूल में गलती से भी बच्चे स्कूल न पहुँच जाएँ। इसके लिए अभिभावकों को भी स्कूल स्तर पर सूचित किया जा रहा है। स्कूलों को कहा गया है कि वे अपने स्तर से अभिभावकों को फोन या मैसेज के माध्यम से यह सूचना जरूर दे दें।
आपदा संभावित क्षेत्र में रहने वालों के लिए विशेष सावधानियाँ
गढ़वाल के कई गाँव ऐसे इलाकों में बसे हैं जो भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं। पहाड़ी ढलानों पर बसे इन गाँवों में बारिश के दौरान मिट्टी धसकने या चट्टान खिसकने की घटनाएँ आम बात हैं। ऐसे इलाकों में रहने वाले परिवारों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
यदि किसी इलाके में पानी का बहाव अचानक तेज हो जाए या जमीन में दरारें दिखने लगें तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें और सुरक्षित जगह पर चले जाएँ।
प्रशासन से कैसे संपर्क करें?
किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष या स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया जा सकता है। हर जिले में 24×7 कंट्रोल रूम काम कर रहा है, जहाँ से तुरंत सहायता मिल सकती है।
इसके अलावा पंचायत स्तर पर भी प्रधान और क्षेत्रीय कर्मचारियों को अलर्ट रखा गया है ताकि किसी भी तरह की सूचना तुरंत प्रशासन तक पहुँचाई जा सके।
मौसम के मिजाज पर रखें नजर
मौसम विज्ञान विभाग लगातार अपडेट देता रहता है। ऐसे में समाचार चैनलों, रेडियो या मोबाइल अलर्ट्स के माध्यम से मौसम की ताजा जानकारी लेते रहें। यदि अगले कुछ दिन भी भारी बारिश के आसार हैं तो अपने स्तर से जरूरी तैयारियाँ कर लें।
यदि कोई यात्रा जरूरी है तो पहले मौसम की स्थिति जांच लें और प्रशासन की सलाह का पालन करें।
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