
गला चक्र क्या है? (What is Throat Chakra?)
Throat Chakra: गला चक्र या विशुद्ध चक्र (Vishuddha Chakra) हमारे शरीर का पाँचवाँ चक्र है, जो गर्दन के आधार पर स्थित होता है। संस्कृत में “विशुद्ध” का अर्थ होता है “शुद्धता” या “पवित्रता”। यह चक्र हमारे संचार, अभिव्यक्ति और सत्य बोलने की क्षमता का केंद्र माना जाता है। इसका मूल तत्व आकाश (Space) है और इसका रंग आसमानी नीला (Sky Blue) होता है। इसका बीज मंत्र (Seed Mantra) ‘हं (Hum)’ है। इस चक्र से जुड़े देवता सदाशिव हैं, जो सत्य और शुद्धता के प्रतीक हैं। गला चक्र हमारे गले, गर्दन, मुँह, जबड़ों, स्वर तंतु, कान, थायरॉयड ग्रंथि, कंधों और गले के आसपास के हिस्सों को नियंत्रित करता है। यह चक्र न केवल हमारी आवाज़ बल्कि हमारी आत्म-अभिव्यक्ति, रचनात्मकता और सच्चाई को प्रकट करने की शक्ति देता है।
गला चक्र का महत्व (Importance of Throat Chakra)
गला चक्र हमारे आध्यात्मिक विकास और आत्म-अभिव्यक्ति का आधार है। जब यह चक्र संतुलित रहता है, तब व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास, स्पष्टता और सृजनात्मकता का विकास होता है। यह हमें हमारे विचारों और भावनाओं को सही तरीके से दूसरों तक पहुँचाने में मदद करता है।
यह चक्र संचार (Communication) का केंद्र है — न केवल दूसरों से, बल्कि अपने आप से भी। एक संतुलित विशुद्ध चक्र व्यक्ति को अपने विचार, सत्य और भावनाएँ स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में सक्षम बनाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, यह चक्र वात दोष (Vata Dosha) से जुड़ा होता है और इसके गुण सत्व (Purity) और रजस (Activity) हैं।
संतुलित गला चक्र के लाभ (Benefits of a Balanced Throat Chakra)
जब आपका गला चक्र खुला और संतुलित होता है, तो आपके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आते हैं —
स्पष्ट और प्रभावी संवाद: आप अपनी बात आत्मविश्वास और ईमानदारी से रख पाते हैं।
रचनात्मकता में वृद्धि: आपकी कल्पनाशक्ति और सृजनात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
सत्य बोलने की शक्ति: आप बिना डर या झिझक के सच्चाई व्यक्त कर पाते हैं।
मानसिक शांति: संतुलन से मन शांत रहता है और गुस्सा कम होता है।
बेहतर निर्णय क्षमता: आप सही और गलत में अंतर करने में सक्षम होते हैं।
एक खुला गला चक्र व्यक्ति को एक सफल वक्ता, कलाकार, लेखक या नेता बना सकता है। जब यह चक्र संतुलित रहता है, तो शब्दों में चिकित्सक शक्ति (Healing Power) उत्पन्न होती है।
असंतुलित गला चक्र के दुष्प्रभाव (Effects of Imbalanced Throat Chakra)
जब गला चक्र अति सक्रिय (Overactive) या कमज़ोर (Underactive) हो जाता है, तो यह कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बनता है।
भावनात्मक और मानसिक प्रभाव:
अपने विचारों को व्यक्त करने में कठिनाई
बार-बार गलतफहमी या झगड़े
दूसरों की बात न सुनना
झूठ बोलने या डरने की प्रवृत्ति
अकेलेपन और असुरक्षा का अनुभव
शारीरिक प्रभाव:
गले में दर्द या सूजन
आवाज़ का फटना या भारी होना
थायरॉयड की समस्या (Hypo/Hyperthyroidism)
कान दर्द, साइनस की परेशानी
गले में संक्रमण या सांस लेने में कठिनाई
यदि यह चक्र बंद हो जाता है, तो व्यक्ति खुद को अभिव्यक्त करने में असमर्थ महसूस करता है, और धीरे-धीरे आत्मविश्वास की कमी आने लगती है।
गला चक्र को संतुलित करने के उपाय (Ways to Balance the Throat Chakra)
अब जानते हैं कि इस चक्र को कैसे सक्रिय और संतुलित किया जा सकता है —
योग (Yoga)
योगासन और प्राणायाम से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सही होता है और विशुद्ध चक्र सक्रिय होता है।
निम्नलिखित योगासन इस चक्र को संतुलित करने में सहायक हैं:
सेतु बंधासन (Setu Bandhasana / Bridge Pose)
मत्स्यासन (Matsyasana / Fish Pose)
हalasana (Plow Pose)
सर्वांगासन (Shoulder Stand)
बद्ध कोणासन (Butterfly Pose)
साँस पर ध्यान केंद्रित करके इन आसनों का अभ्यास करने से गले की जकड़न और मानसिक तनाव दोनों दूर होते हैं।
ध्यान (Meditation)
ध्यान गला चक्र को जागृत करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
शांत स्थान पर बैठें, आँखें बंद करें और अपना ध्यान गले के क्षेत्र पर केंद्रित करें।
धीरे-धीरे ‘हं (Hum)’ मंत्र का जाप करें और अपनी ‘सत्य वाणी’ को महसूस करें।
ध्यान के दौरान अपने आप से पूछें — “मेरा सत्य क्या है?”
यह अभ्यास आत्म-जागरूकता और आत्मविश्वास दोनों बढ़ाता है।
मंत्र जाप और गायन (Chanting and Singing)
चूंकि गला चक्र स्वर और आवाज़ से जुड़ा है, इसलिए मंत्र जाप, गाना या हुमिंग करना इसे मजबूत बनाता है।
‘हं’ बीज मंत्र का उच्चारण करें या कोई सकारात्मक वाक्य (Affirmation) दोहराएं जैसे —
“मैं अपनी सच्चाई बोलने में सक्षम हूँ।”
“मेरी आवाज़ स्पष्ट और प्रभावशाली है।”
“मैं आत्मविश्वासी और सृजनात्मक हूँ।”
क्रिस्टल हीलिंग (Crystal Healing)
नीले रंग के पत्थर गला चक्र को संतुलित करने में मदद करते हैं।
इनमें शामिल हैं —
लैपिस लाजुली (Lapis Lazuli)
एक्वामरीन (Aquamarine)
ब्लू क्यानाइट (Blue Kyanite)
टर्क्वॉइज़ (Turquoise)
इन्हें पहनने या ध्यान के समय पास रखने से ऊर्जा प्रवाह में सुधार होता है।
अरोमाथेरेपी (Aromatherapy)
कुछ प्राकृतिक सुगंधें (Essential Oils) भी इस चक्र को खोलने में मदद करती हैं।
रोज़मेरी ऑयल (Rosemary Oil): गले की ऊर्जा को खोलता है।
सैंडलवुड (Sandalwood): मन को स्थिर करता है।
फ्रेंकिंसेंस (Frankincense): नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
इन तेलों को हल्के हाथ से गर्दन या कंधों पर लगाने से आराम महसूस होता है।
गले और गर्दन के व्यायाम (Neck & Throat Exercises)
आज के समय में मोबाइल और कंप्यूटर के अधिक उपयोग से गर्दन पर तनाव बढ़ता है। गर्दन को धीरे-धीरे घड़ी की दिशा में और उल्टी दिशा में घुमाने से मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं। यह सरल व्यायाम ऊर्जा प्रवाह को बढ़ाता है।
जीवन में सत्य और अभिव्यक्ति अपनाएं
सिर्फ योग या ध्यान ही नहीं, बल्कि दैनिक जीवन में सत्य बोलना, ईमानदार रहना और अपनी बात बिना झिझक कहना भी गला चक्र को खोलता है। जब आप अपनी भावनाओं को दबाते नहीं हैं, तब यह चक्र स्वाभाविक रूप से संतुलित रहता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
गला चक्र (Vishuddha Chakra) हमारे सत्य, संचार और आत्म-अभिव्यक्ति का केंद्र है। जब यह संतुलित रहता है, तो व्यक्ति के शब्दों में शक्ति होती है, और वह अपने विचारों को दुनिया के सामने साहसपूर्वक रख पाता है। लेकिन जब यह चक्र असंतुलित होता है, तो व्यक्ति अंदर से असुरक्षित महसूस करता है, सत्य बोलने से डरता है और संवाद में कठिनाई होती है। योग, ध्यान, मंत्र जाप, क्रिस्टल, अरोमाथेरेपी और आत्म-अभिव्यक्ति के अभ्यास से इस चक्र को पुनः सक्रिय किया जा सकता है। एक बार यह चक्र खुलने पर, आपके शब्द न केवल आपकी सच्चाई को व्यक्त करेंगे, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित और उपचारित करेंगे।
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