नई दिल्ली। एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला संगठन ने दिल्ली में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अपनी तीन सूत्रीय मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की अपील की। संगठन का कहना है कि पिछले 18 वर्षों से उनकी मांगें लंबित हैं और बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
बैठकों के बावजूद कोई समाधान नहीं
संगठन के अध्यक्ष नवीन बदूनी ने बताया कि 20 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें उनकी मांगों पर चर्चा हुई और कार्यवृत्त तैयार किया गया। इसके बाद, 2 सितंबर 2024 को मुख्यमंत्री आवास कूच किया गया, जहां विशेष सचिव रिद्धिमा अग्रवाल के साथ वार्ता हुई। इस वार्ता के दौरान शासन ने अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती को नोडल अधिकारी नियुक्त किया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
15 दिसंबर की डेडलाइन, 18 दिसंबर से आंदोलन की तैयारी
गुरिल्ला संगठन ने मुख्यमंत्री से 15 दिसंबर तक मांगों को पूरा करने की अपील की है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो संगठन 18 दिसंबर से मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेगा। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो कई गुरिल्ला आत्मदाह जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे।
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तीन सूत्रीय मांगें
- मणिपुर मॉडल की तर्ज पर एसएसबी गुरिल्लाओं को नौकरी और पेंशन दी जाए।
- गुरिल्लाओं के लिए विशेष रोजगार योजनाएं बनाई जाएं।
- सरकार द्वारा लंबित मामलों का तत्काल निस्तारण हो।
सदस्यों की सक्रिय भागीदारी
बैठक में सैकड़ों गुरिल्ला शामिल हुए। प्रमुख सदस्यों में अध्यक्ष नवीन बदूनी, कैलाश सिंह उपाध्याय, जय सिंह, राजेंद्र सिंह, नरेंद्र रावत, शशि रावत, कमल रावत और हुकुम सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
गुरिल्ला संगठन की अपील
गुरिल्ला संगठन ने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के कारण वे आंदोलन करने को विवश हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है ताकि उनकी मांगों का शीघ्र समाधान हो सके।
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