
शुक्र मन्त्र (Shukra Mantra)
Shukra Mantra: शुक्र मंत्र सौंदर्य, सुख और भौतिक समृद्धि से जुड़ा अत्यंत प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। शुक्र ग्रह को प्रेम, वैभव, कला और ऐश्वर्य का कारक कहा गया है। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में आकर्षण, संतुलन और सुख-सुविधाओं की वृद्धि होती है। शुक्र मंत्र विशेष रूप से दांपत्य जीवन, रिश्तों और भौतिक सुखों से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी माना जाता है। जब जीवन में अभाव, तनाव या संबंधों में कड़वाहट आ जाए, तब शुक्र मंत्र मन में मधुरता और सकारात्मक ऊर्जा भरता है। श्रद्धा और संयम के साथ किया गया शुक्र मंत्र का जाप व्यक्ति को सुख, शांति और संतोष की अनुभूति कराता है तथा जीवन को सौम्य और आनंदमय बनाता है।
शुक्र के मन्त्र (Shukra Mantra)
1. शुक्र मूल मन्त्र
ॐ शुं शुक्राय नमः।
2. शुक्र बीज मन्त्र
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
3. शुक्र गायत्री मन्त्र
ॐ भृगुपुत्राय विद्महे विन्देशाय धीमहि
तन्नः शुक्रः प्रचोदयात्॥
4. शुक्र प्रणाम मन्त्र
हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्।
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्॥
5. शुक्र ध्यान मन्त्र
सुखीकान्त व पुः श्रेष्ठः सुलोचना भृगु सुतः।
काब्यकर्ता कफाधिक्या निलात्मा वक्रमूर्धजः॥
6. शुक्र एकाक्षरी मन्त्र
श्रीं॥
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