
मंगल मंत्र (Mangal Mantra)
Mangal Mantra: मंगल मंत्र साहस, ऊर्जा और कर्मशक्ति का प्रतीक माना जाता है। मंगल ग्रह को बल, पराक्रम और आत्मविश्वास का कारक कहा गया है। इसके मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के भीतर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और भय तथा संकोच दूर होते हैं। मंगल मंत्र विशेष रूप से संघर्ष, प्रतिस्पर्धा और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में शक्ति प्रदान करता है। जब जीवन में बार-बार रुकावटें आएं, क्रोध बढ़े या ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग न हो पा रहा हो, तब मंगल मंत्र साधक को संतुलन और संयम सिखाता है। श्रद्धा के साथ किया गया मंगल मंत्र का जाप कार्यक्षेत्र, स्वास्थ्य और आत्मबल को मजबूत करता है तथा जीवन में स्थिरता और सफलता का मार्ग खोलता है।
मंगल के मन्त्र (Mangal Mantra)
1. मंगल मूल मन्त्र
ॐ अं अंगारकाय नमः।
2. मंगल बीज मन्त्र
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
3. मंगल गायत्री मन्त्र
ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि
तन्नः भौमः प्रचोदयात्॥
4. मंगल प्रणाम मन्त्र
ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्॥
5. मंगल तन्त्रिक मन्त्र
ॐ हां हंसः खं खः।
6. मंगल एकाक्षरी मन्त्र
ह्रींं॥
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