
केतु मन्त्र (Ketu Mantra)
Ketu Mantra: केतु मंत्र आत्मिक शुद्धि, वैराग्य और आंतरिक जागृति से जुड़ा अत्यंत प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। केतु ग्रह को मोक्ष, रहस्य और पूर्व जन्म के कर्मों का कारक कहा गया है। इसके मंत्र का जाप करने से भ्रम, भय और मानसिक उलझनों में कमी आती है तथा ध्यान और साधना में गहराई आती है। केतु मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है, जो जीवन में बार-बार अस्थिरता, अचानक नुकसान या दिशा-भ्रम का अनुभव करते हैं। यह मंत्र साधक को भौतिक आसक्तियों से ऊपर उठकर आत्मबोध की ओर प्रेरित करता है। श्रद्धा और संयम के साथ किया गया केतु मंत्र का जाप अंतर्मन को शांत करता है और जीवन में आध्यात्मिक संतुलन स्थापित करता है।
केतु के मन्त्र (Ketu Mantra)
1. केतु मूल मन्त्र
ॐ कें केतवे नमः।
2. केतु बीज मन्त्र
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
3. केतु गायत्री मन्त्र
ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहि
तन्नः केतुः प्रचोदयात्॥
4. केतु प्रणाम मन्त्र
ॐ पलाशपुष्पसङ्काशं तारकाग्रहमस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्॥
5. केतु ध्यान मन्त्र
अनेक रुपवर्णश्र्व शतशोऽथ सहस्रशः।
उत्पात रूपी घोरश्र्व पीड़ा दहतु मे शिखी॥
6. केतु एकाक्षरी मन्त्र
दुं॥
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