Karnvedh Muhurat 2025: कर्णवेध संस्कार, यानी कान छिदवाने का समारोह, हिंदू संस्कृति का एक महत्वपूर्ण संस्कार है। यह बच्चों के पहले कान छिदवाने का समय होता है, जिसे सामान्यतः 1 से 5 वर्ष की उम्र में किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सही समय यानी शुभ मुहूर्त में यह संस्कार करने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कर्णवेध संस्कार के शुभ मुहूर्त का चुनाव करना, बच्चे के सौंदर्य, बुद्धिमत्ता और सुनने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक माना गया है।
Karnvedh Muhurat 2025: कर्णवेध मुहूर्त 2025
इस लेख में 2025 में कर्णवेध संस्कार के लिए सभी शुभ तिथियों और समय का उल्लेख किया गया है।
जनवरी कर्णवेध मुहूर्त 2025- January Karnvedh Muhurat 2025
- 2 जनवरी 2025, गुरुवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:45 – 10:18 बजे तक, नक्षत्र – श्रवण, तिथि – द्वितीया
- 8 जनवरी 2025, बुधवार, कर्णवेध मुहूर्त: 04:18 – 06:33 बजे तक, नक्षत्र – अश्विनी, तिथि – षष्ठी
- 11 जनवरी 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 02:11 – 04:06 बजे तक, नक्षत्र – रोहिणी, तिथि – नवमी
- 15 जनवरी 2025, बुधवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:46 – 12:20 बजे तक, नक्षत्र – पुष्य, तिथि – त्रयोदशी
- 20 जनवरी 2025, सोमवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:45 – 09:08 बजे तक, नक्षत्र – हस्त, तिथि – अमावस्या
- 30 जनवरी 2025, गुरुवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:45 – 08:28 बजे तक, 09:56 – 14:52 बजे तक, नक्षत्र – श्रवण, तिथि – षष्ठी
फरवरी कर्णवेध मुहूर्त 2025– February Karnvedh Muhurat 2025
- 8 फरवरी 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:36 – 09:20 बजे तक, नक्षत्र – मृगशिरा, तिथि – एकादशी
- 10 फरवरी 2025, सोमवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:38 – 09:13 बजे तक, 10:38 – 18:30 बजे तक, नक्षत्र – पुनर्वसु, तिथि – त्रयोदशी
- 17 फरवरी 2025, सोमवार, कर्णवेध मुहूर्त: 08:45 – 13:41 बजे तक, 15:55 – 18:16 बजे तक, नक्षत्र – चित्रा, तिथि – पंचमी
- 20 फरवरी 2025, गुरुवार, कर्णवेध मुहूर्त: 15:44 – 18:04 बजे तक, नक्षत्र – विशाखा, तिथि – अष्टमी
- 26 फरवरी 2025, बुधवार, कर्णवेध मुहूर्त: 08:10 – 13:05 बजे तक, नक्षत्र – श्रवण, तिथि – त्रयोदशी
मार्च कर्णवेध मुहूर्त 2025– March Karnvedh Muhurat 2025
- 2 मार्च 2025, रविवार, कर्णवेध मुहूर्त: 10:54 – 17:25 बजे तक, नक्षत्र – उत्तराभाद्रपद, तिथि – सप्तमी
- 15 मार्च 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 10:03 – 11:59 बजे तक, 14:13 – 18:51 बजे तक, नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी, तिथि – त्रयोदशी
- 16 मार्च 2025, रविवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:01 – 11:55 बजे तक, 14:09 – 18:47 बजे तक, नक्षत्र – हस्त, तिथि – पूर्णिमा
- 20 मार्च 2025, गुरुवार, कर्णवेध मुहूर्त: 06:56 – 08:08 बजे तक, 09:43 – 16:14 बजे तक, नक्षत्र – अनुराधा, तिथि – चतुर्थी
- 26 मार्च 2025, बुधवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:45 – 11:15 बजे तक, 13:30 – 18:08 बजे तक, नक्षत्र – धनिष्ठा, तिथि – दशमी
- 30 मार्च 2025, रविवार, कर्णवेध मुहूर्त: 09:04 – 15:35 बजे तक, नक्षत्र – रेवती, तिथि – चतुर्दशी
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अप्रैल कर्णवेध मुहूर्त 2025– April Karnvedh Muhurat 2025
- 3 अप्रैल 2025, गुरुवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:32 – 10:44 बजे तक, 12:58 – 18:28 बजे तक, नक्षत्र – रोहिणी, तिथि – सप्तमी
- 5 अप्रैल 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 08:40 – 12:51 बजे तक, 15:11 – 19:45 बजे तक, नक्षत्र – पुनर्वसु, तिथि – नवमी
- 13 अप्रैल 2025, रविवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:02 – 12:19 बजे तक, 14:40 – 19:13 बजे तक, नक्षत्र – चित्रा, तिथि – त्रयोदशी
- 21 अप्रैल 2025, सोमवार, कर्णवेध मुहूर्त: 14:08 – 18:42 बजे तक, नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा, तिथि – पंचमी
- 26 अप्रैल 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:18 – 09:13 बजे तक, नक्षत्र – उत्तराभाद्रपद, तिथि – दशमी
मई कर्णवेध मुहूर्त 2025– May Karnvedh Muhurat 2025
- 1 मई 2025, गुरुवार, कर्णवेध मुहूर्त: 13:29 – 15:46 बजे तक, नक्षत्र – मृगशिरा, तिथि – द्वितीया
- 2 मई 2025, शुक्रवार, कर्णवेध मुहूर्त: 15:42 – 20:18 बजे तक, नक्षत्र – आर्द्रा, तिथि – तृतीया
- 3 मई 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:06 – 13:21 बजे तक, 15:38 – 19:59 बजे तक, नक्षत्र – पुनर्वसु, तिथि – चतुर्थी
- 9 मई 2025, शुक्रवार, कर्णवेध मुहूर्त: 06:27 – 08:22 बजे तक, 10:37 – 17:31 बजे तक, नक्षत्र – हस्त, तिथि – दशमी
- 10 मई 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 06:23 – 08:18 बजे तक, 10:33 – 19:46 बजे तक, नक्षत्र – चित्रा, तिथि – एकादशी
- 24 मई 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:23 – 11:58 बजे तक, 14:16 – 18:51 बजे तक, नक्षत्र – रेवती, तिथि – दशमी
- 31 मई 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 06:56 – 11:31 बजे तक, 13:48 – 18:24 बजे तक, नक्षत्र – पुष्य, तिथि – सप्तमी
जून कर्णवेध मुहूर्त 2025– June Karnvedh Muhurat 2025
- 5 जून 2025, गुरुवार, कर्णवेध मुहूर्त: 08:51 – 15:45 बजे तक, नक्षत्र – हस्त, तिथि – त्रयोदशी
- 6 जून 2025, शुक्रवार, कर्णवेध मुहूर्त: 08:47 – 15:41 बजे तक, नक्षत्र – हस्त, तिथि – चतुर्दशी
- 7 जून 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 06:28 – 08:43 बजे तक, नक्षत्र – चित्रा, तिथि – पूर्णिमा
- 16 जून 2025, सोमवार, कर्णवेध मुहूर्त: 08:08 – 17:21 बजे तक, नक्षत्र – धनिष्ठा, तिथि – पंचमी
- 21 जून 2025, शनिवार, कर्णवेध मुहूर्त: 10:08 – 12:26 बजे तक, 14:42 – 18:25 बजे तक, नक्षत्र – अश्विनी, तिथि – दशमी
- 27 जून 2025, शुक्रवार, कर्णवेध मुहूर्त: 07:24 – 09:45 बजे तक, 12:02 – 18:56 बजे तक, नक्षत्र – पुनर्वसु, तिथि – एकादशी
जुलाई कर्णवेध मुहूर्त 2025– July Karnvedh Muhurat 2025
- 2 जुलाई, बुधवार: सुबह 11:42 से दोपहर 01:59 तक, नक्षत्र – उत्तरा फाल्गुनी
- 3 जुलाई, गुरुवार: सुबह 07:01 से दोपहर 01:55 तक, नक्षत्र – हस्त
- 7 जुलाई, सोमवार: सुबह 06:45 से 09:05 बजे तक, सुबह 11:23 से शाम 06:17 बजे तक, नक्षत्र – अनुराधा
- 12 जुलाई, शनिवार: सुबह 07:06 से दोपहर 01:19 बजे तक, दोपहर 03:39 से रात 08:01 बजे तक, नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा
- 13 जुलाई, रविवार: सुबह 07:22 से दोपहर 01:15 तक, नक्षत्र – श्रवण
- 17 जुलाई, गुरुवार: सुबह 10:43 से शाम 05:38 तक, नक्षत्र – रेवती
- 18 जुलाई, शुक्रवार: सुबह 07:17 से 10:39 बजे तक, दोपहर 12:56 से शाम 05:34 बजे तक, नक्षत्र – अश्विनी
- 25 जुलाई, शुक्रवार: सुबह 06:09 से 07:55 तक, सुबह 10:12 से शाम 05:06 तक, नक्षत्र – पुष्य
- 30 जुलाई, बुधवार: सुबह 07:35 से दोपहर 12:09 बजे तक, दोपहर 02:28 से शाम 06:51 बजे तक, नक्षत्र – हस्त
- 31 जुलाई, गुरुवार: सुबह 07:31 से दोपहर 02:24 तक, दोपहर 04:43 से शाम 06:47 तक, नक्षत्र – चित्रा
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अगस्त कर्णवेध मुहूर्त 2025– August Karnvedh Muhurat 2025
- 3 अगस्त, रविवार: सुबह 11:53 से शाम 04:31 तक, नक्षत्र – विशाखा
- 4 अगस्त, सोमवार: सुबह 09:33 से 11:49 तक, नक्षत्र – अनुराधा
- 9 अगस्त, शनिवार: सुबह 06:56 से 11:29 बजे तक, दोपहर 01:49 से 06:11 बजे तक, नक्षत्र – श्रवण
- 10 अगस्त, रविवार: सुबह 06:52 से दोपहर 01:45 तक, नक्षत्र – धनिष्ठा
- 13 अगस्त, बुधवार: सुबह 11:13 से दोपहर 03:52 तक, शाम 05:56 से शाम 07:38 तक, नक्षत्र – उत्तरा भाद्रपद
- 14 अगस्त, गुरुवार: सुबह 08:53 से शाम 05:52 तक, नक्षत्र – रेवती
- 20 अगस्त, बुधवार: सुबह 06:24 से दोपहर 01:05 बजे तक, दोपहर 03:24 से शाम 06:43 बजे तक, नक्षत्र – पुनर्वसु
- 21 अगस्त, गुरुवार: सुबह 08:26 से दोपहर 03:20 तक, नक्षत्र – पुष्य
- 27 अगस्त, बुधवार: सायं 05:00 बजे से सायं 06:43 बजे तक, नक्षत्र – चित्रा
- 28 अगस्त, गुरुवार: सुबह 06:28 से 10:14 तक, नक्षत्र – चित्रा
- 30 अगस्त, शनिवार: 04:49 दोपहर से 06:31 दोपहर तक, नक्षत्र – विशाखा
- 31 अगस्त, रविवार: 04:45 दोपहर से 06:27 दोपहर तक, नक्षत्र – अनुराधा
सितंबर कर्णवेध मुहूर्त 2025– September Karnvedh Muhurat 2025
- 5 सितंबर, शुक्रवार: सुबह 07:27 से 09:43 बजे तक, दोपहर 12:03 से शाम 06:07 बजे तक, नक्षत्र – श्रवण
- 22 सितंबर, सोमवार: दोपहर 01:14 बजे से शाम 05:01 बजे तक, नक्षत्र – उत्तरा फाल्गुनी
- 24 सितंबर, बुधवार: सुबह 06:41 से 10:48 बजे तक, दोपहर 01:06 से 04:53 बजे तक, नक्षत्र – चित्रा
- 27 सितंबर, शनिवार: सुबह 07:36 से दोपहर 12:55 बजे तक, दोपहर 02:59 से शाम 06:08 बजे तक, नक्षत्र – अनुराधा
अक्टूबर कर्णवेध मुहूर्त 2025– October Karnvedh Muhurat 2025
- 2 अक्टूबर, गुरुवार: सुबह 10:16 से शाम 04:21 तक, शाम 05:49 से शाम 07:14 तक, नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा
- 4 अक्टूबर, शनिवार: सुबह 06:47 से 10:09 तक, नक्षत्र – धनिष्ठा
- 8 अक्टूबर, बुधवार: सुबह 07:33 से दोपहर 02:15 बजे तक, दोपहर 03:58 से शाम 06:50 बजे तक, नक्षत्र – अश्विनी
- 11 अक्टूबर, शनिवार: सायं 05:13 से 06:38 तक, नक्षत्र – रोहिणी
- 12 अक्टूबर, रविवार: सुबह 07:18 से 09:37 बजे तक, सुबह 11:56 से दोपहर 03:42 बजे तक, नक्षत्र – मृगशीर्ष
- 13 अक्टूबर, सोमवार: दोपहर 01:56 से शाम 05:05 तक, नक्षत्र – आर्द्रा
- 24 अक्टूबर, शुक्रवार: सुबह 07:10 से 11:08 बजे तक, दोपहर 01:12 से शाम 05:47 बजे तक, नक्षत्र – अनुराधा
- 30 अक्टूबर, गुरुवार: सुबह 08:26 से 10:45 तक, नक्षत्र – श्रवण
- 31 अक्टूबर, शुक्रवार: सुबह 10:41 से दोपहर 03:55 तक, शाम 05:20 से शाम 06:55 तक, नक्षत्र – धनिष्ठा
नवंबर कर्णवेध मुहूर्त 2025– November Karnvedh Muhurat 2025
- 3 नवंबर, सोमवार: दोपहर 03:43 से शाम 05:08 तक, नक्षत्र – उत्तरा भाद्रपद
- 10 नवंबर, सोमवार: सुबह 10:02 बजे से शाम 04:40 बजे तक, नक्षत्र – पुनर्वसु
- 16 नवंबर, रविवार: सुबह 07:19 से दोपहर 01:24 बजे तक, दोपहर 02:52 से शाम 07:47 बजे तक, नक्षत्र – हस्त
- 17 नवंबर, सोमवार: सुबह 07:16 से दोपहर 01:20 बजे तक, दोपहर 02:48 से शाम 06:28 बजे तक, नक्षत्र – चित्रा
- 20 नवंबर, गुरुवार: दोपहर 01:09 से शाम 04:01 बजे तक, शाम 05:36 से शाम 07:32 बजे तक, नक्षत्र – विशाखा
- 21 नवंबर, शुक्रवार: सुबह 07:20 से 09:18 बजे तक, सुबह 11:22 से दोपहर 02:32 बजे तक, नक्षत्र – अनुराधा
- 26 नवंबर, बुधवार: सुबह 07:24 से दोपहर 12:45 बजे तक, दोपहर 02:12 से शाम 07:08 बजे तक, नक्षत्र – श्रवण
- 27 नवंबर, गुरुवार: सुबह 07:24 से दोपहर 12:41 बजे तक, दोपहर 02:08 से शाम 07:04 बजे तक, नक्षत्र – धनिष्ठा
दिसंबर कर्णवेध मुहूर्त 2025– December Karnvedh Muhurat 2025
- 1 दिसंबर, सोमवार: सुबह 07:28 से 08:39 तक, नक्षत्र – रेवती
- 5 दिसंबर, शुक्रवार: दोपहर 01:37 बजे से शाम 06:33 बजे तक, नक्षत्र – रोहिणी
- 6 दिसंबर, शनिवार: सुबह 08:19 से 10:23 तक, नक्षत्र – मृगशीर्ष
- 7 दिसंबर, रविवार: सुबह 08:15 से 10:19 तक, नक्षत्र – पुनर्वसु
- 15 दिसंबर, सोमवार: सुबह 07:44 से दोपहर 12:58 तक, नक्षत्र – चित्रा
- 17 दिसंबर, बुधवार: सायं 05:46 से 08:00 बजे तक, नक्षत्र – विशाखा
- 24 दिसंबर, बुधवार: दोपहर 01:47 बजे से शाम 05:18 बजे तक, नक्षत्र – धनिष्ठा
- 25 दिसंबर, गुरुवार: सुबह 07:43 से सुबह 09:09 तक, नक्षत्र – धनिष्ठा
- 28 दिसंबर, रविवार: सुबह 10:39 से दोपहर 01:32 तक, नक्षत्र – उत्तरा भाद्रपद
- 29 दिसंबर, सोमवार: दोपहर 12:03 से 03:03 बजे तक, दोपहर 04:58 से 07:13 बजे तक, नक्षत्र – रेवती
कर्णवेध मुहूर्त का महत्व
कुछ स्थानों पर, कर्णवेध को “कथु कुथु” भी कहा जाता है, जिसका हिंदी में अर्थ है “कान छिदवाना।” इसी तरह, कर्णवेध मुहूर्त का तात्पर्य भी कान छिदवाने से है। इस प्रकार, कर्णवेध समारोह में बच्चे के कान छिदवाने का उत्सव मनाया जाता है, और इसे 2025 में सही मुहूर्त के साथ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, हिंदू धर्म में कर्णवेध का महत्व केवल एक सांस्कृतिक उत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चे के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाने वाला पवित्र संस्कार माना गया है। मान्यता है कि कर्णवेध से बच्चे की सुंदरता, बुद्धि, और सुनने की क्षमता में वृद्धि होती है, यही कारण है कि यह भारत में एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान को शुभ मुहूर्त में ही करना उचित होता है।
कर्णवेध समारोह सरल होता है और इसकी शुरुआत देवताओं की पूजा से की जाती है। पूजा के बाद सोने, चांदी, या लोहे की सुई से पहले बच्चे का दायां कान और फिर बायां कान छिदवाया जाता है। हर कान छिदवाने के बाद विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है जिससे शुभता प्राप्त होती है।
कर्णवेध के लिए शुभ समय और तिथि
- शुभ दिन: सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को कर्णवेध के लिए उत्तम माना जाता है।
- शुभ तिथियां: द्वितीया, तृतीया और पंचमी तिथि को कर्णवेध के लिए सर्वोत्तम तिथियां मानी जाती हैं।
- शुभ नक्षत्र: मृगशीर्ष, चित्रा, अनुराधा, रेवती, अश्विनी, पुष्य, हस्त, पुनर्वसु, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र कर्णवेध के लिए शुभ माने गए हैं।
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कर्णवेध संस्कार से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव
- बच्चे के जन्म के महीने में कर्णवेध न करें।
- कर्णवेध संस्कार सुबह सूर्योदय के बाद और दोपहर से पहले संपन्न करना चाहिए।
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