
Ekadashi Vrat 2026: जानें एकादशी व्रत 2026 की तिथियां और महत्व
Ekadashi Vrat 2026: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का अत्यंत महत्व है। इसे पुण्य प्राप्ति, मानसिक शुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग माना जाता है। एकादशी हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है, जो चंद्रमा के दोनों पक्षों में आती है – एक उज्ज्वल पक्ष (शुक्ल पक्ष) और दूसरा अंधकार पक्ष (कृष्ण पक्ष)। इस लेख में हम आपको एकादशी व्रत 2026 (Ekadashi Vrat 2026) की संपूर्ण जानकारी देंगे, जिसमें तिथियां, महत्व, पूजा विधि, और व्रत कथा शामिल हैं।
एकादशी व्रत का महत्व (Significance of Ekadashi Vrat)
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आराधना के लिए समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और मोक्ष (Moksha) की प्राप्ति होती है। यह दिन शरीर और मन की शुद्धि के लिए भी बेहद खास है। व्रती इस दिन अन्न का त्याग कर केवल फलाहार करते हैं और संपूर्ण दिन भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं।
एकादशी व्रत के लाभ (Benefits of Ekadashi Vrat):
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पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति
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मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास
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रोगों से मुक्ति और आयु में वृद्धि
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मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग
एकादशी व्रत 2026 की तिथियां (Ekadashi Vrat 2026 Dates)
जनवरी एकादशी व्रत 2026 (January Ekadashi Vrat 2026):
- 14 जनवरी 2026– षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2026)
- 29 जनवरी 2026– जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2026)
फरवरी एकादशी व्रत 2026 (February Ekadashi Vrat 2026):
- 13 फरवरी 2026– विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2026)
- 27 फरवरी 2026– आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2026)
मार्च एकादशी व्रत 2026 (March Ekadashi Vrat 2026):
- 15 मार्च 2026– पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2026)
- 29 मार्च 2026– कामदा एकादशी (Kamda Ekadashi 2026)
अप्रैल एकादशी व्रत 2026 (April Ekadashi Vrat 2026):
- 13 अप्रैल 2026– वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2026)
- 27 अप्रैल 2026– मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2026)
मई एकादशी व्रत 2026 (May Ekadashi Vrat 2026):
- 13 मई 2026– अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2026)
- 27 मई 2026– निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2026)
जून एकादशी व्रत 2026 (June Ekadashi Vrat 2026):
- 11 जून 2026– योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2026)
- 25 जून 2026– देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2026)
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जुलाई एकादशी व्रत 2026 (July Ekadashi Vrat 2026):
- 10 जुलाई 2026– योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2026)
- 25 जुलाई 2026– देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2026)
अगस्त एकादशी व्रत 2026 (August Ekadashi Vrat 2026):
- 09 अगस्त 2026– कामदा एकादशी (Kamda Ekadashi 2026)
- 23 अगस्त 2026– पवित्रा एकादशी (Pavitra Ekadashi 2026)
सितंबर एकादशी व्रत 2026 (September Ekadashi Vrat 2026):
- 07 सितंबर 2026– अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2026)
- 22 सितंबर 2026– पद्मा एकादशी (Padma Ekadashi 2026)
अक्टूबर एकादशी व्रत 2026 (October Ekadashi Vrat 2026):
- 06 अक्टूबर 2026– इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2026)
- 22 अक्टूबर 2026– पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2026)
नवंबर एकादशी व्रत 2026 (November Ekadashi Vrat 2026):
- 05 नवंबर 2026– रमा एकादशी (Rama Ekadashi 2026)
- 20 नवंबर 2026– देवप्रबोधिनी एकादशी (Devprabodhini Ekadashi 2026)
दिसंबर एकादशी व्रत 2026 (December Ekadashi Vrat 2026):
- 04 दिसंबर 2026– उत्पत्ति एकादशी (Utpatti Ekadashi 2026)
- 20 दिसंबर 2026– मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2026)
यह थी एकादशी व्रत 2026 की तिथियां (Ekadashi Vrat 2026 Dates)। हर एकादशी का विशेष महत्व है और यह व्रत रखने से पुण्य लाभ मिलता है।
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एकादशी व्रत की पूजा विधि (Ekadashi Vrat Puja Vidhi)
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स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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भगवान विष्णु की पूजा: पीले पुष्प, तुलसी दल और पंचामृत से भगवान विष्णु की पूजा करें।
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मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
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अन्न त्याग: इस दिन अन्न, लहसुन-प्याज, मांसाहार और नशे से दूर रहें।
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रात्रि जागरण: रात्रि को जागरण करते हुए भगवान की कथाएं और भजन सुनें।
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पारण: अगले दिन प्रातः विष्णु पूजा के बाद व्रत का पारण करें।
एकादशी व्रत कथा (Ekadashi Vrat Katha)
प्राचीन काल में एक राजा हुआ करता था, जिसका नाम अम्बरीष था। वह भगवान विष्णु के परम भक्त थे। उन्होंने वर्षों तक एकादशी व्रत का पालन किया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें मोक्ष का वरदान दिया।
दूसरी ओर, असुरों के राजा मुर ने पृथ्वी पर आतंक मचा रखा था। भगवान विष्णु जब उससे युद्ध कर रहे थे, तब उनके शरीर से दिव्य शक्ति प्रकट हुई, जिसे “एकादशी देवी” कहा गया। एकादशी देवी ने मुरासुर का संहार कर दिया, जिससे भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी इस दिन व्रत करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी।
एकादशी व्रत के नियम (Ekadashi Vrat Rules)
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व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
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हिंसा, क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें।
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इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
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तुलसी के पत्ते के बिना विष्णु पूजा अधूरी मानी जाती है।
एकादशी व्रत 2026 (Ekadashi Vrat 2026) का पालन करने से न केवल आध्यात्मिक शुद्धि होती है, बल्कि मन को शांति और शक्ति भी मिलती है। यह व्रत हमें संयम, धैर्य और श्रद्धा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
अगर आप भी 2026 में इन शुभ तिथियों पर एकादशी व्रत रखना चाहते हैं, तो इस लेख में दी गई जानकारी आपको सही मार्गदर्शन देगी।
“हरे कृष्ण, हरे राम, एकादशी व्रत में हरि का नाम।”
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