
बृहस्पति मन्त्र (Brihaspati Mantra)
Brihaspati Mantra: बृहस्पति मंत्र ज्ञान, धर्म और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु कहा गया है, जो बुद्धि, विवेक और सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इस मंत्र का जाप करने से शिक्षा, करियर और जीवन के निर्णयों में स्थिरता आती है। बृहस्पति मंत्र विशेष रूप से भाग्य, विवाह और गुरु कृपा से जुड़े विषयों में प्रभावी माना जाता है। जब जीवन में मार्ग भटकने की स्थिति बने या सही दिशा न दिखे, तब यह मंत्र साधक को आंतरिक स्पष्टता देता है। श्रद्धा और नियमपूर्वक किया गया बृहस्पति मंत्र का जाप सकारात्मक सोच, नैतिक बल और जीवन में निरंतर प्रगति का आधार बनता है।
बृहस्पति के मन्त्र (Brihaspati Mantra)
1. बृहस्पति मूल मन्त्र
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
2. बृहस्पति बीज मन्त्र
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।
3. बृहस्पति गायत्री मन्त्र
ॐ आंगिरसाय विद्महे दण्डायुधाय धीमहि
तन्नः जीवः प्रचोदयात्॥
4. बृहस्पति प्रणाम मन्त्र
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्॥
5. बृहस्पति ध्यान मन्त्र
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्॥
6. बृहस्पति एकाक्षरी मन्त्र
श्रीं॥
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