
8th House in Kundli in Hindi: कुंडली में आठवां भाव
8th House in Kundli in Hindi: जन्म कुंडली (Birth Chart) किसी व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में ग्रहों की स्थिति का खाका है। यह केवल एक साधारण चित्र नहीं, बल्कि हमारे जीवन के भूत, वर्तमान और भविष्य की कहानी कहने वाला दस्तावेज़ है।
वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) में 12 भाव (Houses) होते हैं, जिनमें से हर भाव जीवन के किसी विशेष पहलू को दर्शाता है। इन्हीं में से एक है आठवां भाव (8th House), जिसे “आयु स्थान” (Ayu Sthan) या “निधन भाव” (Nidhan Bhava) भी कहा जाता है। यह भाव मृत्यु, पुनर्जन्म, रहस्य, गूढ़ विद्याओं और अचानक होने वाली घटनाओं से जुड़ा होता है। आइए, इस रहस्यमयी भाव के बारे में विस्तार से समझते हैं।
आठवें भाव का परिचय (About 8th House in Kundli)
आठवां भाव हमारे जीवन के गहरे पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मृत्यु, पुनर्जन्म, आध्यात्मिकता, गुप्त विद्याएं, धन की अचानक प्राप्ति, विरासत, बीमा, कर और जीवन के उन रहस्यों से जोड़ा जाता है, जिन्हें आमतौर पर लोग समझ नहीं पाते।
इस भाव का स्वाभाविक स्वामी ग्रह शनि (Saturn) और राशि वृश्चिक (Scorpio) है। शनि न्याय और संतुलन का प्रतीक है, जबकि वृश्चिक राशि गोपनीयता, जुनून और पुनर्जन्म को दर्शाती है।
आठवें भाव से जुड़े मुख्य पहलू:
- मृत्यु और पुनर्जन्म
- आध्यात्मिकता और गूढ़ विद्याएं
- रहस्य, खोज और अन्वेषण
- आकस्मिक लाभ या हानि
- मानसिक शक्ति और परिवर्तन
आठवें भाव के मूलभूत तत्व (Fundamentals of 8th House in Kundli)
- वैदिक नाम: आयु स्थान / निधन भाव
- स्वामी ग्रह: शनि (Saturn)
- स्वामी राशि: वृश्चिक (Scorpio)
- संबंधित शारीरिक अंग: प्रजनन तंत्र, गुप्तांग, गुदा और मलाशय
- संबंधित व्यक्ति: वे लोग जिनसे हम डरते हैं या जिन पर हमारा नियंत्रण नहीं होता — ज्योतिषी, तांत्रिक, मनोवैज्ञानिक, बीमा एजेंट, या जीवन में बदलाव लाने वाले लोग
- संबंधित गतिविधियां: आत्मविश्लेषण, आध्यात्मिक साधना, पुनर्जन्म, मनोचिकित्सा, और रहस्यमयी विषयों में रुचि
आठवें भाव में ग्रहों का प्रभाव (Planets in 8th House and Their Effects)
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सूर्य (Sun in 8th House):
आठवें भाव में सूर्य रहस्य और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव बढ़ाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन के गूढ़ रहस्यों को जानने के लिए प्रेरित रहता है। हालांकि, अशुभ स्थिति में यह रिश्तों में तनाव ला सकता है, विशेषकर ससुराल पक्ष से। -
चंद्रमा (Moon in 8th House):
चंद्रमा इस भाव में व्यक्ति को संवेदनशील और अंतर्मुखी बनाता है। ऐसा व्यक्ति अपनी भावनाएं छुपाकर रखता है और अक्सर मानसिक तनाव में रहता है। यदि चंद्रमा शुभ हो, तो गुप्त धन प्राप्ति और आध्यात्मिक उन्नति के संकेत मिलते हैं। -
मंगल (Mars in 8th House):
मंगल की उपस्थिति इस भाव में उग्रता और आवेग लाती है। ऐसे व्यक्ति में जोखिम लेने की प्रवृत्ति होती है, जो कई बार उसे मुसीबत में डाल सकती है। इसके अलावा, अचानक दुर्घटनाओं का खतरा भी रहता है। -
बुध (Mercury in 8th House):
बुध इस भाव में व्यक्ति को विश्लेषणात्मक और गहरी सोच वाला बनाता है। ऐसे लोग रहस्यों की गहराइयों तक जाने के इच्छुक होते हैं और मनोविज्ञान, ज्योतिष या गुप्त विद्याओं में महारत हासिल कर सकते हैं। -
गुरु (Jupiter in 8th House):
गुरु इस भाव में आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की ओर झुकाव बढ़ाता है। ऐसे लोग समाज में सम्मान पाते हैं और उन्हें जीवन में अचानक धनलाभ हो सकता है। -
शुक्र (Venus in 8th House):
शुक्र इस भाव में भोग-विलास और प्रेम संबंधों में गहराई लाता है। ऐसे व्यक्ति जीवन में ऐश्वर्य और सुख की लालसा रखते हैं। हालांकि, कई बार यह अनैतिक संबंधों की ओर भी खींच सकता है। -
शनि (Saturn in 8th House):
शनि इस भाव में व्यक्ति को गंभीर और कर्मठ बनाता है। ऐसे लोग जीवन में धीरे-धीरे सफलता पाते हैं, लेकिन कठिन परिस्थितियों से गुजरते हैं। शनि की अशुभ स्थिति स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को जन्म दे सकती है। -
राहु (Rahu in 8th House):
राहु यहां रहस्य, छल और धोखे की प्रवृत्ति बढ़ा सकता है। ऐसे व्यक्ति सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए लालायित रहते हैं और असामान्य तरीकों से सफलता पाने की कोशिश करते हैं। -
केतु (Ketu in 8th House):
केतु इस भाव में आध्यात्मिकता और वैराग्य की भावना पैदा करता है। ऐसा व्यक्ति अक्सर आत्म-अन्वेषण और रहस्यवादी ज्ञान की ओर आकर्षित होता है। हालांकि, केतु की अशुभ स्थिति स्वास्थ्य और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकती है।
आठवें भाव का महत्व (Importance of 8th House in Kundli)
आठवां भाव जीवन के अनदेखे पहलुओं को दर्शाता है। यह व्यक्ति की गहराइयों, संघर्षों और आंतरिक बदलावों को उजागर करता है। इस भाव का अध्ययन करके ज्योतिषी आपके जीवन में आने वाले बदलावों, संघर्षों और अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में बता सकते हैं।
इस भाव से जुड़े कुछ प्रमुख संकेत:
- आकस्मिक घटनाएं और दुर्घटनाएं
- रहस्यमयी और गूढ़ विषयों में रुचि
- मानसिक शक्ति और आंतरिक परिवर्तन
- अचानक धन लाभ या हानि
- पुनर्जन्म और आध्यात्मिकता
आठवां भाव केवल मृत्यु और संकटों से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह पुनर्जन्म, परिवर्तन और आत्म-विकास का प्रतीक भी है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में बदलाव अपरिहार्य हैं और हर परिवर्तन हमें एक नए स्वरूप में ढालने के लिए आता है।
Disclaimer: यदि आप अपनी कुंडली (Birth Chart) का सटीक विश्लेषण चाहते हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी (Astrologer) से परामर्श करें।
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