आईआईटी रुड़की की मेस में चूहों का हंगामा: वीडियो वायरल, 400 छात्र भूखे रहे
रुड़की, 18 अक्टूबर 2024: देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार आईआईटी रुड़की में कल बृहस्पतिवार को जो हुआ, उसने संस्थान की स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। राधा-कृष्ण भवन की मेस में दोपहर के समय छात्रों ने खाने में चूहों को उथल-पुथल करते देखा। इस घटना का वीडियो छात्रों ने बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होने के बाद संस्थान में हड़कंप मच गया और छात्रों ने मेस के बाहर जमकर नारेबाजी की।
चूहे की गंदगी में लिपटी मेस की सच्चाई
घटना कल दोपहर की है, जब राधा-कृष्ण भवन की मेस में लगभग 400 छात्र खाना खाने पहुंचे थे। कुछ छात्र जब किचन की तरफ गए, तो उन्होंने देखा कि प्रेशर कूकर में चावल तैयार हो रहे थे और उसमें चूहा गोते लगा रहा था। किचन में मौजूद अन्य बर्तनों और राशन की सामग्री में भी चूहे दौड़ रहे थे। यह नजारा देखकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने किचन की गंदगी का वीडियो बना लिया।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
छात्रों ने गंदगी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसके बाद यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया। छात्रों का कहना है कि यह न केवल संस्थान की प्रतिष्ठा पर धब्बा है, बल्कि उनकी सेहत के साथ भी खिलवाड़ है। “देश का इतना प्रसिद्ध संस्थान होने के बावजूद यहां की स्वच्छता व्यवस्था इतनी खराब है,” एक छात्र ने गुस्से में कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे गंदे माहौल में खाना खाने से बीमारियां फैल सकती हैं और छात्रों की सेहत पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है।
छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन
वीडियो के वायरल होते ही छात्रों ने मेस के बाहर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने मेस कर्मचारियों से बहस की और संस्थान प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों का कहना था कि इतनी बड़ी लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
भूखे रह गए 400 से अधिक छात्र
खाने में चूहे मिलने के बाद किसी भी छात्र ने खाने को हाथ नहीं लगाया। जो छात्र पहले से खाना खा रहे थे, उन्होंने भी गले में ऊँगली डालकर उल्टी कर दी। लगभग 400 छात्र दोपहर के समय भूखे ही रह गए और गुस्से में मेस के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही?
आईआईटी रुड़की जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस तरह की लापरवाही स्वच्छता व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। छात्रों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि संस्थान में साफ-सुथरा और स्वस्थ खाना मिलेगा, लेकिन हकीकत में उन्हें गंदगी और स्वास्थ्य के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब मेस की स्वच्छता पर सवाल खड़े हुए हैं। इससे पहले भी कई बार खाने की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर छात्रों ने शिकायतें की हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
प्रशासन की सफाई
संस्थान के एक अधिकारी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हम मामले की पूरी तरह से जांच करेंगे और जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” अधिकारी ने यह भी कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, छात्रों का कहना है कि प्रशासन की ये सफाई केवल खानापूर्ति है और असल में मेस की स्वच्छता को लेकर सुधार की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कई यूजर्स ने संस्थान की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर किया, तो कुछ ने छात्रों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा, “यह देखकर बहुत शर्मिंदगी होती है कि देश के इतने बड़े संस्थान में इस तरह की लापरवाही हो रही है। छात्रों के स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।” वहीं, कुछ लोगों ने इस मामले में शिक्षा मंत्रालय से भी हस्तक्षेप की मांग की है।
छात्रों की मांग: सख्त कार्रवाई और बेहतर व्यवस्था
छात्रों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि प्रशासन को मेस की सफाई व्यवस्था में सुधार करना होगा। उन्होंने मांग की है कि मेस की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाए और खाने की गुणवत्ता की भी जांच हो।
स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर सवाल
इस घटना ने केवल आईआईटी रुड़की की स्वच्छता व्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों की सफाई व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक में यह स्थिति है, तो अन्य स्थानों पर क्या हाल हो सकता है? यह सोचकर छात्रों और अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है।
क्या कहता है कानून?
स्वास्थ्य और स्वच्छता कानून के तहत किसी भी शैक्षणिक संस्थान में भोजन की गुणवत्ता का मानक बनाए रखना अनिवार्य है। इस तरह की घटनाएं न केवल छात्रों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करती हैं, बल्कि संस्थान की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाती हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
समाधान की दिशा में आगे बढ़ते हुए
छात्रों का कहना है कि इस घटना से सबक लेते हुए प्रशासन को भविष्य में स्वच्छता और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। नियमित निरीक्षण और छात्रों की शिकायतों का निवारण समय पर होना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
आईआईटी रुड़की में चूहों के हंगामे ने केवल एक घटना को नहीं, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों की स्वच्छता और छात्रों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही को उजागर किया है। इस मामले में प्रशासन को जल्द ही सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि छात्रों का विश्वास संस्थान में बना रहे और भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।
छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि संस्थान सभी आवश्यक कदम उठाए और इस तरह की लापरवाही को जड़ से खत्म करने के लिए उचित उपाय करे।
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