
vertigo in hindi: अचानक चक्कर खाकर गिर जाते हैं? ध्यान दें, कहीं आपको वर्टिगो तो नहीं
vertigo in hindi: अचानक चक्कर क्यों आता है? सिर्फ कमजोरी नहीं, गंभीर कारण भी हो सकता है. अक्सर लोग चक्कर आने को हल्के में ले लेते हैं। सोचते हैं कि शायद भूख लगी है, कमजोरी या थकावट है या फिर लो ब्लड प्रेशर होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार चक्कर आना आपके कान और दिमाग के संतुलन से जुड़ी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है? इस बीमारी को मेडिकल भाषा में वर्टिगो (vertigo) कहा जाता है।
(vartigo) यानी चक्कर आने की यह स्थिति अचानक होती है और कई बार आप गिर भी सकते हैं। यह न सिर्फ रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बनाती है बल्कि चोट लगने का खतरा भी बढ़ा देती है। आज इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि वर्टिगो (vertigo) क्या है, क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बच सकते हैं।
चक्कर आना आम है लेकिन हमेशा सामान्य नहीं
आमतौर पर कमजोरी, लो बीपी, हाई बीपी या भूख से चक्कर आ सकता है। लेकिन जब ऐसा बार-बार हो और आपको लगे कि सब कुछ घूम रहा है, सिर का मूवमेंट बढ़ने पर चक्कर तेज हो जाए, तो यह सिर्फ कमजोरी नहीं बल्कि वर्टिगो (vertigo) हो सकता है।
ऐसी स्थिति में शरीर स्थिर होता है लेकिन दिमाग को मिलने वाले सिग्नल गड़बड़ा जाते हैं। दिमाग समझ नहीं पाता कि शरीर स्थिर है या घूम रहा है। इसी भ्रम को वर्टिगो कहते हैं।
वर्टिगो (vertigo) क्या है?
वर्टिगो में ऐसा महसूस होता है कि आप या आपके आसपास की चीजें घूम रही हैं जबकि असल में सब कुछ स्थिर होता है। यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन बार-बार गिरने की वजह से सिर, हाथ-पैर या शरीर के अन्य हिस्सों में चोट लग सकती है।
कई बार यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि लोग सीढ़ियों से गिर जाते हैं, बाथरूम में गिरकर चोट खा लेते हैं या सड़कों पर चलते हुए गिर पड़ते हैं। इसलिए इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
वर्टिगो (vertigo) क्यों होता है?
आमतौर पर यह बीमारी कान के अंदर मौजूद संतुलन तंत्र से जुड़ी होती है। हमारे कान में छोटे-छोटे क्रिस्टल होते हैं जो संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। जब ये क्रिस्टल अपनी जगह से हिल जाते हैं तो दिमाग को गलत सिग्नल मिलते हैं और शरीर को भ्रम होता है कि वह घूम रहा है।
इस स्थिति को मेडिकल भाषा में BPPV (Benign Paroxysmal Positional Vertigo) कहा जाता है। इसके अलावा कान में सूजन, कान में इंफेक्शन, माइग्रेन, सिर में चोट या कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की वजह से भी वर्टिगो (vertigo) हो सकता है।
वर्टिगो (vertigo) के लक्षण क्या हैं?
अगर आपको ये लक्षण नजर आएं तो सतर्क हो जाएं:
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अचानक चारों ओर घूमने जैसा महसूस होना
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सिर हिलाते ही चक्कर तेज होना
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मतली या उल्टी आना
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पसीना आना या ठंडा पसीना छूटना
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सुनने में कमी आना
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कान में घंटी बजने जैसा अनुभव होना
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चेहरा पीला पड़ना
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गिरने का डर बने रहना
ये सभी लक्षण संकेत हैं कि आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
कब बढ़ जाता है खतरा?
वर्टिगो (vertigo) का सबसे बड़ा खतरा तब होता है जब आप चलते-फिरते अचानक गिर जाते हैं। खासकर बुजुर्गों में इससे हड्डियां टूटने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा सीढ़ियों पर गिरना या बाथरूम में गिरना बहुत खतरनाक हो सकता है।
वर्टिगो (vertigo) में क्या सावधानी रखें?
अगर आपको वर्टिगो (vertigo) की शिकायत है तो कुछ सावधानियां जरूर रखें:
1. तेज सिर के मूवमेंट से बचें
सिर को अचानक झटका देने से चक्कर तेज हो सकते हैं। इसलिए धीरे-धीरे मूवमेंट करें।
2. अचानक उठने-बैठने से बचें
लेटे हुए या बैठे हुए अचानक उठने से भी चक्कर बढ़ सकता है। धीरे-धीरे उठें।
3. पानी खूब पिएं
कई बार शरीर में पानी की कमी से भी चक्कर आ सकता है। इसलिए रोज 8-10 गिलास पानी पिएं।
4. सही इलाज लें
अगर चक्कर बार-बार आ रहे हैं तो घर पर इलाज करने के बजाय डॉक्टर से ट्रीटमेंट लें। सही दवाओं और एक्सरसाइज से वर्टिगो (vertigo) काफी हद तक कंट्रोल हो सकता है।
वर्टिगो (vertigo) का इलाज कैसे होता है?
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डॉक्टर जरूरत पड़ने पर कान की जांच, संतुलन जांच और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट कराते हैं।
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कई बार खास फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज से कान के क्रिस्टल वापस अपनी जगह आ जाते हैं।
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कुछ दवाइयां भी दी जाती हैं ताकि चक्कर को कंट्रोल किया जा सके।
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अगर वजह कान में इंफेक्शन है तो उसका इलाज जरूरी होता है।
वर्टिगो (vertigo) में क्या न खाएं?
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बहुत ज्यादा नमक और कैफीन से परहेज करें।
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स्मोकिंग और शराब से भी दूरी रखें।
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बहुत ऑयली और भारी खाना न खाएं।
वर्टिगो (vertigo) से जुड़े मिथक
कई लोग सोचते हैं कि यह उम्र बढ़ने के साथ ही होता है। जबकि ऐसा नहीं है। युवाओं में भी यह समस्या हो सकती है। खासकर जिन्हें माइग्रेन की दिक्कत होती है उनमें वर्टिगो (vertigo) ज्यादा देखने को मिलता है।
कुछ लोग इसे सिर्फ कमजोरी समझकर टाल देते हैं। याद रखें, कमजोरी से चक्कर आ सकता है लेकिन अगर बार-बार सिर घूमने जैसा महसूस हो रहा है तो यह वर्टिगो (vertigo) हो सकता है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर आपको बार-बार चक्कर आ रहे हैं, गिरने का डर लग रहा है, सुनाई देना कम हो रहा है या कान में लगातार आवाजें आ रही हैं तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें। घर पर सिर्फ आराम करने या घरेलू इलाज पर निर्भर रहना सही नहीं है।
Kedartimes की सलाह
अगर आपको या आपके किसी परिवारजन को बार-बार चक्कर आने की शिकायत है तो इसे हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं और सही इलाज लें।
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