
Uttarakhand Heavy Rain Alert: उत्तराखंड में मूसलधार बारिश का कहर, जलमग्न सड़कें, डूबे वाहन, जनजीवन अस्त-व्यस्त
Uttarakhand Heavy Rain Alert: क्या आपने कभी सोचा है कि जब प्रकृति अपना रौद्र रूप दिखाती है, तो एक सुंदर-सा हिल स्टेशन भी कैसे संकट में घिर सकता है? 4 अगस्त 2025 को उत्तराखंड में यही देखने को मिला। सुबह से जारी मूसलधार बारिश ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई और अब इसका असर देहरादून से लेकर हरिद्वार और नैनीताल तक देखने को मिल रहा है।
बारिश की चेतावनी को देखते हुए देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और चंपावत जिलों में आज सभी स्कूल (आंगनबाड़ी से इंटर कॉलेज तक) बंद रखने के आदेश जारी हुए हैं। प्रशासन ने यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है। लगातार गिरती बारिश और भूस्खलन की संभावना के चलते यह फैसला काफी जरूरी हो गया था।
कुमाऊं क्षेत्र में बारिश का प्रकोप इतना ज़्यादा है कि नैनीताल मार्ग पर भुजियाघाट के पास पहाड़ टूटकर सड़क पर गिर गया। इससे मार्ग अवरुद्ध हो गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लगातार भूस्खलन और नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश भर के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनजीवन को सामान्य बनाए रखने के लिए राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। सभी जिलों को सतर्क रहने और तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।
उधम सिंह नगर जिले में SDRF की टीम इंदिरा कॉलोनी, उपजिलाधिकारी कार्यालय और बाजपुर क्षेत्र में तैनात की गई है। लगातार हो रही बारिश के चलते इन इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है। SDRF टीम मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने में जुटी हुई है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।
हरिद्वार की सड़कों पर पानी ही पानी है। रानीपुर मोड़, चंद्राचार्य चौक, कनखल और मोती बाजार जैसे प्रमुख स्थानों पर जलभराव से लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। यहां तक कि कई कार और बाइकें पानी में डूब गई हैं। जिला अधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और अधिकारियों को जल निकासी व्यवस्था में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को छूने लगा है। स्थानीय प्रशासन द्वारा नदी किनारे रहने वालों को सतर्क किया गया है और राहत कैंप्स की व्यवस्था शुरू हो चुकी है। ऐसे हालात में किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
उत्तराखंड का भूगोल पहाड़ी और संवेदनशील है। मानसून के समय यहां हर साल भारी बारिश और भूस्खलन होते हैं, लेकिन इस बार की बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ हालात पैदा कर दिए हैं। बारिश के चलते न केवल यातायात बाधित हुआ है बल्कि बिजली और पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ा है।
प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि जब तक आवश्यक न हो, घरों से बाहर न निकलें। नदी-नालों और पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा से परहेज़ करें। सरकारी हेल्पलाइन नंबरों पर किसी भी आपदा की सूचना तुरंत दें।
फिलहाल उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है और स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। लेकिन प्रशासन, SDRF और जिला अधिकारी पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। हमें मिलकर सतर्कता और संयम के साथ इस चुनौती का सामना करना होगा।
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