
ले के पूजा की थाली भजन (Le Ke Pooja Ki Thaali Bhajan)
Le Ke Pooja Ki Thaali Bhajan: भक्ति का सच्चा अर्थ है-अपने मन, भावना और विश्वास को ईश्वर के चरणों में पूर्ण समर्पित कर देना। “ले के पूजा की थाली” ऐसा ही एक पावन भजन है जो भक्त के हृदय में माँ के प्रति प्रेम, समर्पण और अटूट विश्वास जगाता है। यह भजन भजन-संध्याओं, जागरणों और नवरात्रि जैसे पावन दिनों में बड़ी श्रद्धा से गाया जाता है। इसकी हर पंक्ति माँ की असीम दया, करुणा और कृपा का सुंदर अनुभव कराती है। जब भक्त माँ के सामने “पूजा की थाली” लेकर खड़ा होता है, तो यह केवल पूजा नहीं-अपना पूरा जीवन उनके चरणों में अर्पित करने का भाव होता है।
ले के पूजा की थाली भजन के बारे में (Le Ke Pooja Ki Thaali Bhajan)
यह भजन देवी माँ की स्तुति में गाया जाता है, जहाँ भक्त माँ को उज्ज्वल ज्योति, सहारा और जीवन का आधार मानकर उनके चरणों में नतमस्तक होता है।
इसमें बताया गया है कि:
● माँ का सहारा मिल जाए तो जीवन की हर कठिनाई आसान हो जाती है
● भक्त माँ की चरण-धूल को भी वरदान समझता है
● माँ की भक्ति ही जीवन को सफल बनाती है
● माँ भक्त का भाग्य बदल देती हैं
यह भजन मन में एक अद्भुत शांति, आस्था और भक्ति का संचार करता है।
ले के पूजा की थाली – भजन लिरिक्स (Le Ke Pooja Ki Thaali Lyrics)
ले के पूजा की थाली,
ज्योत मन की जगाली,
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ।
तू जो दे दे सहारा,
सुख जीवन का सारा,
तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ॥
धूल तेरे चरणों की ले कर माथे तिलक लगाया।
यही कामना लेकर मैया द्वारे तेरे मैं आया।
रहूँ मैं तेरा होकर, तेरी सेवा में खोकर,
सारा जीवन गुजारूँ, भोली माँ॥
सफल हुआ यह जनम के मैं था जन्मों से कंगाल।
तुने भक्ति का धन देकर कर दिया मालोमाल।
रहे जब तक यह प्राण, करूँ तेरा ही ध्यान,
नाम तेरा पुकारूँ, भोली माँ॥
भजन का भावार्थ और आध्यात्मिक संदेश (Meaning of the Bhajan)
यह भजन हमें यह सिखाता है कि:
● माँ के चरणों में समर्पण ही सच्ची भक्ति है
● भक्ति का धन दुनिया के हर धन से श्रेष्ठ है
● माँ की चरण-धूल भी जीवन के लिए अमृत समान है
● भजन केवल शब्द नहीं-प्रेम, शरण और विश्वास का सार है
भक्त माँ के सामने यह स्वीकार करता है कि वह जन्मों से कंगाल था, पर माँ ने भक्ति का धन देकर उसकी जीवन-दशा बदल दी।
ले के पूजा की थाली भजन के लाभ (Benefits of Singing This Bhajan)
-
मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है
-
भक्ति-भाव गहरा होता है और मन भगवान से जुड़ता है
-
तनाव, भय और चिंता दूर होती है
-
जीवन में उत्साह, विश्वास और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है
-
माँ के चरणों में प्रेम, आस्था और समर्पण का भाव मजबूत होता है
यह भजन सुबह की पूजा, भजन-संध्या, नवरात्रि और देवी-जागरण में विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
“ले के पूजा की थाली” भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि भक्त के हृदय की सच्ची पुकार है। यह माँ के प्रति कृतज्ञता, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। जब भक्त इस भजन को भावना से गाता है, तो ऐसा लगता है कि माँ स्वयं उसके जीवन में प्रकाश भर रही हैं, उसके मन में ज्योति जगा रही हैं और उसकी हर परेशानी को अपनी कृपा से दूर कर रही हैं। यदि आप देवी माँ की भक्ति को गहरा करना चाहते हैं, मन को शांत करना चाहते हैं और माँ के चरणों में सच्चा समर्पण प्रकट करना चाहते हैं-तो यह भजन आपके लिए बेहद पावन और प्रभावशाली है।
अगर आपको भजन से सम्बंधित यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे Facebook | Twitter | Instagram व | Youtubeको भी सब्सक्राइब करें