
हरतालिका तीज पूजा सामग्री (Hartalika Teej Puja Samagri)
Hartalika Teej Puja Samagri: हरतालिका तीज की पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है, जिसे सौभाग्य, अखंड सुहाग और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ किया जाता है। पूजा में शिव-पार्वती की प्रतिमा, बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, सिंदूर, श्रृंगार सामग्री, मेहंदी, फल और मिठाई शामिल होती हैं। प्रत्येक सामग्री पूजा को पूर्णता प्रदान करती है और व्रती की श्रद्धा को दर्शाती है। विधिपूर्वक और शुद्ध भाव से एकत्र की गई हरतालिका तीज पूजा सामग्री से व्रत फलदायी होता है और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है।
हरतालिका तीज पूजन सामग्री की संपूर्ण सूची (Complete Hartalika Teej Puja Samagri List)
हरतालिका तीज की पूजा विधिपूर्वक संपन्न करने के लिए निम्न सामग्री आवश्यक मानी जाती है—
भगवान की पूजा के लिए
-
भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा
-
मिट्टी का कलश ढक्कन सहित
-
शिवजी के लिए वस्त्र
-
माता पार्वती के लिए लाल या हरी साड़ी
-
श्रृंगार सामग्री – सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, मेहंदी, काजल, शीशा, कंघा, इत्र, महावर
-
बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, आक और कनेर के फूल
-
आम के पत्ते
-
पीला चंदन, भस्म
-
अक्षत, अबीर, गुलाल
-
दीपक, रुई की बाती, माचिस
-
धूपबत्ती, धूपदानी
-
कपूर और आरती थाली
-
घंटी और शंख
अभिषेक और भोग के लिए
-
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल)
-
शुद्ध जल
-
फल – केला, सेब, नारियल, मौसमी फल
-
मिठाई – लड्डू, पेड़ा, हलवा
-
मेवा – काजू, बादाम, किशमिश
-
पान, सुपारी, लौंग, इलायची
-
भोग के लिए स्वच्छ बर्तन
अन्य आवश्यक सामग्री
-
पूजा की चौकी या आसन
-
चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा
-
कलावा (मौली), जनेऊ
-
दक्षिणा
-
दूर्वा (गणेश जी के लिए)
-
मिट्टी का दीपक (विसर्जन हेतु)
हरतालिका तीज पर करें शिव-पार्वती की पूजा पूरी श्रद्धा से (Complete Puja Samagri and Easy Vidhi for Hartalika Teej)
हरतालिका तीज केवल एक पर्व नहीं, बल्कि नारी आस्था, तप, धैर्य और प्रेम की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। यह वह व्रत है जिसमें स्त्री अपने संकल्प, श्रद्धा और आत्मबल से ईश्वर को भी प्रसन्न कर लेती है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं, वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहे और योग्य वर की प्रार्थना करती हैं।
हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है, इसलिए इसकी पूजा विधि और पूजन सामग्री की पूर्णता का विशेष महत्व है। अगर पूजा में कोई वस्तु छूट जाए या विधि अधूरी रह जाए, तो मन में असंतोष बना रहता है। इसी कारण यह लेख आपको हरतालिका तीज पूजा सामग्री की संपूर्ण जानकारी, उसका महत्व, खरीदने के सही तरीके और पूजा में उपयोग का क्रम विस्तार से बताएगा।
हरतालिका तीज: अखंड सौभाग्य और शिव-पार्वती के प्रेम का पावन पर्व (Hartalika Teej – Festival of Eternal Marital Bliss and Divine Love)
हरतालिका तीज हिंदू धर्म के सबसे कठिन और पवित्र व्रतों में से एक माना जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। “हरतालिका” शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है— हरत अर्थात हरण करना और आलिका अर्थात सखी।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती की सखी उन्हें उनके पिता के घर से हरकर घने जंगल में ले गई थी, ताकि उनका विवाह उनकी इच्छा के विरुद्ध न हो। उसी वन में माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। यही कारण है कि यह व्रत स्त्री-जीवन में धैर्य, तप और प्रेम का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है।
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पूरे दिन-रात भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं।
हरतालिका तीज की पूजा का महत्व (Importance of Hartalika Teej Puja)
हरतालिका तीज का व्रत पति की लंबी उम्र, वैवाहिक सुख और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है। यह व्रत केवल बाहरी आडंबर नहीं, बल्कि आत्मसंयम और भक्ति की चरम अवस्था है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार—
-
इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को पति की दीर्घायु और दांपत्य जीवन में स्थिरता प्राप्त होती है।
-
कुंवारी कन्याओं को योग्य, संस्कारी और मनचाहा वर मिलता है।
-
संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
-
वैवाहिक जीवन में चल रहे तनाव और मतभेद कम होते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि जो स्त्री हरतालिका तीज का व्रत पूर्ण श्रद्धा और विधिपूर्वक करती है, उसे मां पार्वती के समान सौभाग्य प्राप्त होता है।
हरतालिका तीज पूजा में प्रयुक्त सामग्रियों का महत्व (Spiritual Significance of Puja Samagri)
हरतालिका तीज की पूजा में प्रयोग होने वाली हर सामग्री का अपना गहरा आध्यात्मिक अर्थ होता है। ये वस्तुएं पूजा को केवल विधिपूर्वक नहीं, बल्कि ऊर्जावान और प्रभावशाली बनाती हैं।
-
शिव-पार्वती की प्रतिमा: यह दिव्य युगल के प्रेम, त्याग और मिलन का प्रतीक है।
-
श्रृंगार सामग्री: माता पार्वती को अर्पित की जाती है, जो स्त्री के सौभाग्य, सौंदर्य और नारीत्व का प्रतीक है।
-
बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र: भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं और उन्हें शीघ्र प्रसन्न करते हैं।
-
पंचामृत: आत्मा और मन की शुद्धि का प्रतीक, जिससे शिव का अभिषेक किया जाता है।
-
फूल और माला: भक्ति, पवित्रता और सौंदर्य का प्रतीक।
-
कलावा (मौली): रक्षा सूत्र, जो नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।
इन सामग्रियों को श्रद्धा से अर्पित करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
हरतालिका तीज पूजन सामग्री कहाँ से खरीदें और कैसे चुनें (Where to Buy and How to Choose Puja Samagri)
हरतालिका तीज की पूजा सामग्री आज आसानी से उपलब्ध हो जाती है, लेकिन चयन करते समय सावधानी जरूरी है।
कहाँ से खरीदें
-
स्थानीय पूजा सामग्री की दुकानें
-
फूलों की दुकानें (ताजे फूल और माला)
-
किराना स्टोर (दूध, फल, मिठाई)
-
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या पूजा किट वेबसाइट
कैसे चुनें
-
सामग्री शुद्ध और नई हो
-
फूल और फल ताजे हों
-
मिट्टी की प्रतिमाएं खंडित न हों
-
श्रृंगार सामग्री पूर्ण और साफ हो
सभी सामग्री पूजा से एक दिन पहले ही एकत्र कर लेना शुभ माना जाता है।
पूजा विधि में सामग्री का क्रम और उपयोग (Step-by-Step Hartalika Teej Puja Vidhi)
-
स्वच्छ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर प्रतिमाएं स्थापित करें।
-
व्रत और पूजा का संकल्प लें।
-
शिवजी का जल और पंचामृत से अभिषेक करें।
-
शिव-पार्वती को वस्त्र और श्रृंगार अर्पित करें।
-
चंदन, रोली और अक्षत से तिलक करें।
-
बेलपत्र, फूल और माला अर्पित करें।
-
धूप-दीप जलाएं।
-
फल-मिठाई का भोग लगाएं।
-
कपूर से आरती करें।
-
हरतालिका तीज की कथा सुनें।
-
पूजा में हुई भूलों के लिए क्षमा याचना करें।
-
अगले दिन विधि अनुसार व्रत का पारण करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
हरतालिका तीज का व्रत स्त्री-जीवन में आस्था, धैर्य और प्रेम की पराकाष्ठा है। यह पर्व हमें मां पार्वती के तप, त्याग और अटूट विश्वास की याद दिलाता है। जब पूजा पूर्ण सामग्री, सही विधि और सच्चे भाव से की जाती है, तब इसका फल भी उतना ही प्रभावशाली होता है। इस हरतालिका तीज पर शिव-पार्वती की आराधना पूरे विश्वास के साथ करें, ताकि आपके जीवन में सौभाग्य, प्रेम, स्थिरता और सुख-शांति बनी रहे।