
उत्तरकाशी के गंगनानी से धार्मिक यात्रा शुरू करेंगे पंडित धीरेंद्र शास्त्री
उत्तरकाशी: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री करेंगे मां यमुना और गंगा के संगम स्थल गंगनानी कुंड के दर्शन, खरसाली गांव में करेंगे विशेष पूजा। आध्यात्मिक जगत के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम) और प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास आज उत्तरकाशी जिले के गंगनानी कुंड से अपनी धार्मिक यात्रा की शुरुआत करेंगे। दोनों संत-मनीषी पहले प्राचीन गंगनानी कुंड में स्नान कर विशेष गंगा पूजन करेंगे, इसके बाद मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव जाएंगे और विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।
गंगनानी कुंड में करेंगे विशेष पूजा-अर्चना (Special Worship at Ganganani Kund)
गंगनानी कुंड के पुजारी अंकित डिमरी ने बताया कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री और कवि कुमार विश्वास का कार्यक्रम अचानक बना है।
“दोनों गंगनानी कुंड में विशेष पूजा करेंगे और फिर खरसाली गांव जाकर मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल पर दर्शन करेंगे।”
— अंकित डिमरी, पुजारी, गंगनानी कुंड
इस दौरान उत्तरकाशी प्रशासन और स्थानीय भक्तों ने पूजा व्यवस्था और सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।
मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली जाएंगे (Visit to Kharsali – Winter Abode of Maa Yamuna)
यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित विनय उनियाल ने जानकारी दी कि यह यात्रा गंगा-यमुना आराधना से आरंभ होगी।
“पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपनी यात्रा की शुरुआत गंगनानी से करेंगे। यह वही पवित्र स्थान है जहां मां गंगा और मां यमुना का संगम माना जाता है। इसके बाद वे खरसाली गांव पहुंचकर मां यमुना की पूजा करेंगे।”
— विनय उनियाल, तीर्थ पुरोहित, यमुनोत्री धाम
उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य सनातन संस्कृति, भक्ति और अध्यात्म के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है।
गंगनानी का धार्मिक महत्व (Religious Significance of Ganganani)
उत्तरकाशी जिले के बड़कोट से लगभग 7 किलोमीटर आगे यमुनोत्री मार्ग पर गंगनानी नामक पवित्र स्थल स्थित है।
यहां भागीरथी नदी का जल एक प्राचीन कुंड से निकलकर यमुना नदी में मिलता है। साथ ही केदारगंगा के मिलने से यह स्थान त्रिवेणी संगम बन जाता है।
स्थानीय पुजारी हरीश डिमरी और अंकित डिमरी बताते हैं कि —
“यह वही स्थान है जहां ऋषि जमदग्नि ने अपने तपस्या काल में मां गंगा को प्रसन्न कर यहां अवतरित होने का वरदान पाया था। आज भी कुंड का जल पवित्र और उष्ण है, जो सभी ऋतुओं में प्रवाहित रहता है।”
आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण (Importance for Spiritual Tourism)
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर गंगनानी का धार्मिक पर्यटन के रूप में प्रचार-प्रसार किया जाए तो यह उत्तराखंड का एक बड़ा आध्यात्मिक केंद्र बन सकता है।
हर साल हजारों तीर्थयात्री यमुनोत्री जाते समय यहां स्नान और दर्शन के लिए रुकते हैं, लेकिन अब पंडित धीरेंद्र शास्त्री और कुमार विश्वास जैसे प्रसिद्ध व्यक्तित्वों के आगमन से इस स्थल की आध्यात्मिक पहचान और भी बढ़ने की संभावना है।
यात्रा का उद्देश्य (Purpose of the Journey)
पंडित धीरेंद्र शास्त्री की इस धार्मिक यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत की सनातन परंपरा को पुनर्जीवित करना, श्रद्धा और आस्था के माध्यम से समाज में आध्यात्मिक एकता स्थापित करना है।
उनके साथ प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास भी इस यात्रा में शामिल हैं, जो अपने काव्य और विचारों से भक्ति और राष्ट्रप्रेम का संदेश फैलाने के लिए जाने जाते हैं।
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