
छेनागाड़ में आपदा के बाद युद्ध स्तर पर राहत-बचाव कार्य जारी, जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने किया ग्राउंड ज़ीरो का निरीक्षण
रुद्रप्रयाग। जनपद रुद्रप्रयाग के बसुकेदार क्षेत्र अंतर्गत छेनागाड़ इलाके में 28 अगस्त की रात आई भीषण दैवीय आपदा के बाद से प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। इस आपदा में क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर सड़क मार्ग टूट गए, संचार संपर्क बाधित हो गया और 8 लोग अब भी लापता हैं।
आपदा के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी प्रतीक जैन स्वयं ग्राउंड ज़ीरो पहुंचे और प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमों से मुलाकात कर उनके मनोबल को बढ़ाया और राहत कार्यों की गति बढ़ाने के निर्देश दिए।
कठिन परिस्थितियों में जारी जंग
जिलाधिकारी जैन ने बताया कि लगातार बारिश और भू-स्खलन के कारण राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। मार्ग अवरुद्ध होने से मशीनरी और राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों तक नहीं पहुँच पा रही। इसके बावजूद राहत दल पूरी निष्ठा और समर्पण से कार्यरत हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि छेनागाड़ को जोड़ने वाले मार्ग को अगले 2-3 दिनों में हर हाल में खोल दिया जाए ताकि मशीनें मौके तक पहुँच सकें और लापता लोगों की खोज तेज हो सके।
ड्रोन सर्वे और हेलीकॉप्टर की मदद
आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने के लिए जिला प्रशासन ने ड्रोन कैमरों और हवाई सर्वेक्षण का सहारा लिया है। इससे क्षति का सटीक मूल्यांकन हो रहा है और पुनर्निर्माण की योजनाएं तैयार की जा रही हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर के माध्यम से प्रभावित परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और वितरण की गति को और तेज किया जाएगा ताकि हर जरूरतमंद तक समय पर सहायता पहुँच सके।
बोल्डरों से बड़ी चुनौती, हेवी मशीनरी की दरकार
छेनागाड़ क्षेत्र में बड़े-बड़े बोल्डर राहत कार्यों में सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इन बोल्डरों को हटाने के लिए हेवी एक्सकैवेटर और ब्रेकर मशीनों की आवश्यकता है। इसके लिए सड़क मार्ग बहाली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो बोल्डरों को हटाने के लिए विस्फोटकों का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री भी कर रहे मॉनिटरिंग
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री स्वयं इस आपदा राहत अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने शासन को विशेष पुनर्निर्माण पैकेज का प्रस्ताव भेजा है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो सकें।
👉छेनागाड़ आपदा के बाद प्रशासनिक मशीनरी और राहत एजेंसियां लगातार दिन-रात जुटी हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मार्ग बहाल होने और राहत कार्यों में तेजी आने से स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
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