
कौशल्या, दशरथ के नंदन (Kaushalya Dashrath Ke Nandan)
Kaushalya Dashrath Ke Nandan: अगर आप ऐसा भजन ढूँढ रहे हैं जो मन को भगवान श्रीराम की बाललीलाओं से जोड़ दे, हृदय में भक्ति की तरंगें जगा दे और भीतर एक पवित्र शांति का अनुभव कराए—तो “कौशल्या, दशरथ के नंदन” भजन आपके लिए एक दिव्य अनुभव है। यह भजन श्रीराम के जन्म, उनकी दिव्यता, मर्यादा और भक्तों पर उनकी करुणा का सुंदर वर्णन करता है। इसे गाते ही मन में पवित्रता उतर आती है, और श्रीराम का शांत, सौम्य, बाल रूप आँखों के सामने जीवंत हो उठता है।
कौशल्या, दशरथ के नंदन भजन के बारे में (Kaushalya Dashrath Ke Nandan Bhajan Ke Baare Mein)
यह भजन भगवान श्रीराम के अवतार की कथा पर आधारित है, जहाँ वे अयोध्या में महारानी कौशल्या और महाराज दशरथ के पुत्र के रूप में जन्म लेते हैं।
भजन में बताया गया है—
● श्रीराम का बाल रूप कितना दिव्य और अलौकिक है
● कैसे लक्ष्मण उनकी जय बोलते हैं
● कैसे हनुमान उनके चरणों में प्रणाम करते हैं
● कैसे उनके नाम का जप करते ही मंगल की वर्षा होती है
यह भजन भक्त को भगवान श्रीराम के निकट ले जाता है और मन को शांति, स्थिरता और आनंद से भर देता है।
कौशल्या, दशरथ के नंदन लिरिक्स (Kaushalya Dashrath Ke Nandan Lyrics)
कौशल्या, दशरथ के नंदन
राम ललाट पे शोभित चन्दन
रघुपति की जय बोले लक्ष्मण
राम सिया का हो अभिनन्दन
अंजनी पुत्र पड़े हैं चरण में
राम सिया जपते तन मन में
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
मेरे तन मन धड़कन में
सिया राम राम है
मन मंदिर के दर्पण में
सिया राम राम है
तू ही सिया का राम
राधा का तू ही श्याम
जन्मो जनम का ही ये साथ है
मीरा का तू भजन
भजते हरी पवन
तुलसी में भी लिखी ये बात है
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
मंगल भवन अमंगल हारी
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
भजन का महत्व (Bhajan Ka Mahatva)
यह भजन अपने भीतर कई आध्यात्मिक भाव समेटे हुए है—
● यह श्रीराम के अवतार की पवित्रता का बखान करता है
● यह भक्त को विनम्रता, भक्ति और समर्पण की शिक्षा देता है
● यह बताता है कि राम नाम ही मंगल और कल्याण का कारण है
● भजन हमें लक्ष्मण और हनुमान जैसे सेवाभाव की प्रेरणा देता है
कुल मिलाकर यह भजन भक्ति का एक ऐसा माध्यम है जो मन को भीतर तक छू लेता है।
कौशल्या, दशरथ के नंदन भजन के लाभ (Bhajan Ke Fayde)
1. मन में शांति और पवित्रता का भाव आता है
श्रीराम का नाम मन को तुरंत स्थिर और शांत कर देता है।
2. जीवन में मंगल की ऊर्जा बढ़ती है
भजन में बार-बार आने वाला “मंगल भवन अमंगल हारी” नकारात्मकता को दूर करने की शक्ति रखता है।
3. भक्त को रामभक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ाता है
यह भजन भक्ति को और गहरा करता है।
4. मानसिक तनाव दूर होता है
राम नाम का जप मन को हल्का और प्रसन्न बनाता है।
5. घर के वातावरण को पवित्र करता है
जहाँ राम नाम गूँजता है, वहाँ कलह नहीं टिकता।
यह भजन कब गाना चाहिए? (Kab Gaana Chahiye?)
● सुबह-शाम की पूजा
● राम नवमी, नवरात्रि, दीवाली
● रामचरितमानस या सुंदरकांड पाठ के साथ
● जब मन अशांत हो
● जब जीवन में सकारात्मक ऊर्जा चाहिए
इन समयों पर भजन गाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
भजन गाने की विधि (Bhajan Paath Vidhi)
● शांत स्थान पर बैठें
● रामदरबार का चित्र सामने रखें
● दीपक जलाएँ
● भजन को धीमे, भावपूर्वक गाएँ
● अंत में श्रीराम को प्रणाम करें और प्रार्थना करें:
“हे प्रभु राम, हमारे जीवन को मंगलमय बनाएं।”
निष्कर्ष (Conclusion)
“कौशल्या, दशरथ के नंदन” भजन श्रीराम की महिमा, भक्ति और दिव्यता का अद्भुत संगम है। इसे गाते ही मन भक्तिमय हो जाता है, और हृदय में श्रीराम के प्रति प्रेम और श्रद्धा जाग उठती है। यह भजन न केवल भक्त को शांति देता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है।