
Uttarakhand Top news today (20-08-2025): जानें विधानसभा सत्र के स्थगन से लेकर हर बड़ी खबर
Uttarakhand Top news today (20-08-2025): उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने गैरसैंण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर गांव के विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। 21 वर्षीय प्रियंका नेगी चमोली जिले के सारकोट गांव की ग्राम प्रधान हैं, जिसे मुख्यमंत्री ने आदर्श ग्राम के रूप में गोद लिया है। पहली बार चुनाव लड़कर ग्राम प्रधान बनीं प्रियंका नेगी ने मुख्यमंत्री धामी का विभिन्न विकास कार्यों की स्वीकृति के लिए आभार जताया।
मुलाकात के दौरान प्रियंका ने गांव को जंगली जानवरों से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग, आंतरिक मार्गों की मरम्मत, महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने, रास्तों में सोलर लाइट लगाने और गैरसैंण के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाल रोग एवं महिला रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की मांग की।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रियंका को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा और संबंधित विभागों को निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर बाकी गांवों के लिए मिसाल बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रियंका से पहले उनके पिता भी ग्राम प्रधान रह चुके हैं। इस बार महिला आरक्षित सीट होने के कारण प्रियंका मैदान में उतरीं और जीत हासिल कर उत्तराखंड की सबसे युवा ग्राम प्रधान बनीं।
हल्द्वानी: नैनीताल जिले के मुखानी थाना क्षेत्र में 30 जुलाई को हुई महिला योग ट्रेनर की हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने मामले में फिटनेस योग सेंटर संचालक के छोटे भाई अभय कुमार उर्फ राजा को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि मृतका का सेंटर संचालक के बड़े भाई से संबंध था, जिसे लेकर अभय नाराज था। इसी नाराजगी में उसने महिला की गला दबाकर हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार आरोपी अभय मूल रूप से पश्चिमी चंपारण, बिहार का निवासी है। मृतका की मां की तहरीर पर 3 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच में खुलासा हुआ कि मृतका जिस योग सेंटर में काम करती थी, उसे दोनों भाई मिलकर चलाते थे। बड़े भाई और महिला के संबंधों के चलते अभय को घर से निकाल दिया गया और खर्चा भी बंद कर दिया गया था। आक्रोश में उसने हत्या की साजिश रची।
30 जुलाई को अभय मृतका के घर पहुंचा और उसके ही दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद वह नेपाल भाग गया, लेकिन लौटने पर पुलिस ने सीसीटीवी और मुखबिर की सूचना के आधार पर उसे उधम सिंह नगर से दबोच लिया। गौरतलब है कि 31 जुलाई को मृतका का शव उसके कमरे में संदिग्ध हालत में मिला था, जिसे अब हत्या करार दिया गया है।
गैरसैंण: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहा। कांग्रेस के तीखे विरोध और लगातार हंगामे के बीच राज्य सरकार ने 9 विधेयक और 5,315 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पारित करा लिया। सत्र की शुरुआत में विपक्षी सदस्यों ने पंचायत चुनावों में धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। इसके बाद विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिनभर चार बार स्थगित करनी पड़ी।
सदन में हंगामे के बीच भी सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, पंचायती राज संशोधन विधेयक और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) संशोधन सहित 9 विधेयक पारित करा लिए। यूसीसी संशोधन में लिव-इन रिलेशनशिप और सहमति से जुड़े मामलों पर सख्त प्रावधान किए गए हैं। वहीं धर्मांतरण विरोधी कानून को और कड़ा करते हुए डिजिटली धर्म परिवर्तन कराने पर भी सजा का प्रावधान जोड़ा गया है।
अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 पारित होने के बाद अब मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी संस्थानों को भी अल्पसंख्यक दर्जा मिलेगा। इसके लागू होते ही मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम और अन्य नियम निरस्त हो जाएंगे।
विपक्ष के भारी विरोध और सदन में लगातार हंगामे के बावजूद सरकार ने विधेयकों को पारित कर सत्र को अपनी उपलब्धि मान लिया, जबकि कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी बताया।
हल्द्वानी/उत्तरकाशी: उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों में आज भी जिंदगी दांव पर लगाकर सफर करना मजबूरी है। एयर एंबुलेंस के दौर में भी लोग बीमारों को डोली (डंडी कंडी) पर लादकर उफनती नदियों और खतरनाक पगडंडियों से होकर अस्पताल पहुंचाते हैं। नैनीताल जिले से आई तस्वीर ने इस हकीकत को उजागर कर दिया। भीमताल के मलुवाताल स्थित कसैला तोक गांव की 66 वर्षीय गंगा देवी अचानक बीमार हुईं तो ग्रामीणों ने उन्हें डोली पर लादा और खतरनाक रास्तों से होते हुए गौला नदी पार कर सड़क मार्ग तक पहुंचाया। कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद उन्हें हल्द्वानी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि आज भी गांव तक न सड़क है, न पुल। बरसात में नदी उफन जाती है और मरीजों को अस्पताल पहुंचाना जानलेवा चुनौती बन जाता है। कई बार देर से इलाज मिलने पर मरीजों की जान तक चली जाती है। पूर्व प्रधान दयाकिशन बेलवाल और ग्रामीण मनोज शर्मा का कहना है कि 25 साल बाद भी गांव तक सड़क नहीं बनी, जिसके चलते लोग पलायन के कगार पर हैं।
इधर उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं। लगातार बारिश से हलारा गाड़ उफान पर है और पांच गांवों का संपर्क कट गया है। मजबूर लोग जान जोखिम में डालकर उफनता गदेरा पार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने सड़क और पुल निर्माण की मांग की है, ताकि उनकी जिंदगी सामान्य हो सके।
भराड़ीसैंण/गैरसैंण: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बुधवार को सड़कों पर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की बदहाली और गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर दिवालीखाल में विशाल धरना-प्रदर्शन हुआ। नगर पंचायत गैरसैंण के अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सभासद, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, महिला मंगल दल और युवा संगठनों ने हिस्सा लिया।
सुबह कालीमाटी बैरियर से शुरू हुई रैली में तिरंगा लिए महिलाओं और युवाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विधानसभा घेराव के लिए बढ़ते आंदोलनकारियों को रोकने के प्रयास में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। कई बार बैरियर तोड़ने की कोशिश के बाद आंदोलनकारी बैरियरों के बीच बैठकर नारेबाजी करने लगे।
मोहन भंडारी ने कहा कि सरकार गैरसैंण की उपेक्षा कर रही है और यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करा रही। उन्होंने चेतावनी दी कि स्थायी राजधानी बनाना हमारा हक है और इसे लेकर रहेंगे। दबाव बढ़ने पर प्रशासन ने कुछ आश्वासन दिए—गैरसैंण अस्पताल में तीन दिन अल्ट्रासाउंड सुविधा, महिला रोग विशेषज्ञ की हफ्ते में दो दिन तैनाती और बरसात के बाद NH-109 पर सुधार कार्य शुरू करने का भरोसा दिया गया।
इसी दौरान उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भी प्रदर्शन किया और सरकारी नौकरियों में धांधली बंद करने, भ्रष्ट अधिकारियों की बर्खास्तगी और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की मांग उठाई। संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि बेरोजगारों के साथ छल अब बर्दाश्त नहीं होगा।
वहीं, सूराज सेवा दल ने भी दिवालीखाल और जंगलचट्टी बैरियरों पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया।
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब मतपत्र में टेंपरिंग और ओवर राइटिंग का आरोप सामने आया है। कांग्रेस की जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया कि एक मतपत्र में जानबूझकर छेड़छाड़ की गई। आरोप है कि एक अधिकारी ने वोट को रद्द करने के लिए उसमें ओवर राइटिंग की और 1 को 2 में बदला गया।
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इस मामले में वीडियो और सीसीटीवी फुटेज देखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि 21 अगस्त सुबह 11 बजे जिलाधिकारी कार्यालय नैनीताल में यह फुटेज देखा जाएगा। इसमें दोनों प्रत्याशी, चुनाव आयोग और दोनों पक्षों के अधिवक्ता मौजूद रहेंगे। वहीं, भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी एसपी सिटी नैनीताल को दी गई है।
बता दें कि 14 मई को हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल को 11 और कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी को 10 वोट मिले थे, जबकि एक वोट रद्द हुआ। इसी रद्द वोट को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि यही मतपत्र उनकी जीत में बाधा बना। अब गुरुवार को इस मामले पर हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होगी।
हल्द्वानी: सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में उपनल कर्मचारियों का हंगामा, भीख मांगकर जताया विरोध
कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी में कार्यरत 659 उपनल कर्मचारी पिछले 6 महीने से वेतन न मिलने से नाराज़ होकर बुधवार को सड़कों पर उतर आए। कर्मचारियों ने प्राचार्य कार्यालय के बाहर धरना दिया और भीख मांगकर विरोध प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों का कहना है कि आधा साल बीतने के बाद भी वेतन न मिलने से उनका जीवन संकट में है। घरों में राशन नहीं है, बच्चों की फीस जमा नहीं हो पा रही और किराए के मकानों से मकान मालिक निकालने लगे हैं। उनका आरोप है कि बार-बार शासन और मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया।
उपनल कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे अस्पताल गेट पर तालाबंदी कर बड़ा आंदोलन करेंगे। हड़ताल से अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही बुरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं।
प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी का कहना है कि कर्मचारियों की समस्या शासन स्तर तक पहुंचा दी गई है और बजट मिलने पर जल्द वेतन का भुगतान किया जाएगा।
नैनीताल के बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान हुई फायरिंग मामले में फरार चल रहे तीन आरोपियों को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर से गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि आरोपी एक थार गाड़ी से लखीमपुर के भीरा कस्बे के बाजार में पहुंचे थे और दवा खरीद रहे थे। तभी उत्तराखंड पुलिस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने उन्हें गन प्वाइंट पर दबोच लिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से बाजार में भगदड़ मच गई, लेकिन बाद में जब लोगों को पता चला कि यह उत्तराखंड पुलिस है तो उन्होंने राहत की सांस ली। गिरफ्तार आरोपियों को अब उत्तराखंड लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि 14 जुलाई को बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान एक प्रत्याशी समर्थक ने प्रतिद्वंदी खेमे पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें महेंद्र सिंह बिष्ट गंभीर रूप से घायल हो गए थे और मतदान केंद्र में अफरा-तफरी मच गई थी। इस मामले में पहले ही छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद भवाली सीओ और बेतालघाट थानाध्यक्ष पर भी कार्रवाई की गई थी।
नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा। इस ताजा गिरफ्तारी से बेतालघाट फायरिंग केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।
गैरसैंण विधानसभा के मॉनसून सत्र में कांग्रेस ने सरकार पर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगाते हुए बड़ा कदम उठाया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया है। दोनों नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र में कहा कि कार्यमंत्रणा समिति में संख्या बल के आधार पर फैसले थोपे जा रहे हैं और विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया जा रहा। उनका आरोप है कि 19 अगस्त को समिति की बैठक बुलाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बैठक नहीं हुई और अगले ही दिन सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अवहेलना बताया और कहा कि सदन चलाने में बीजेपी सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। प्रीतम सिंह ने साफ किया कि अब कांग्रेस जनता के मुद्दों पर सड़क से संघर्ष करेगी। इसी कड़ी में कांग्रेस नेताओं ने भराड़ीसैंण में मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि इस बार गैरसैंण में आहूत चार दिवसीय मॉनसून सत्र महज 2 घंटे 40 मिनट ही चल सका और प्रश्नकाल तक नहीं हो पाया। कांग्रेस का कहना है कि पंचायत चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग और कानून-व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों को उठाने से रोकने के लिए ही सरकार ने सत्र जल्द खत्म कर दिया।
रुद्रप्रयाग में हॉलमार्किंग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
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